एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 13
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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 13
कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 13 के लिए एनसीईआरटी समाधान
सीमा और उसका परिवार
प्रस्तुत पाठ में सीमा स्कूल से लौट रही है, वह बहुत खुश हैं। क्योंकि स्कूल की फुटबाल टीम में उसे शामिल कर लिया गया था। सीमा यह खबर सबसे पहले अपनी नानी और रवि भैया को देना चाहती थी। क्योंकि ये दोनों सीमा की बात सुनने के लिए उत्सुक रहते थे। नानी को ऊँचा सुनाई देता था। इसलिए सीमा के पिता रोज अख़बार ज़ोर-ज़ोर से पढ़कर सुनाते थे। नानी के अक्सर कमर में दर्द रहता था। फिर भी नानी अपना काम स्वयं कर लेती है।
रवि भैया की विशेषता
सीमा के रवि भैया हैं, जो कॉलेज में पढ़ते है। उन्हें दिखाई नहीं देता है। परंतु वह अपना सभी काम छड़ी की मदद से कर लेते हैं। कॉलेज के बच्चे रवि भैया की बहुत इज्जत करते हैं। कुछ तो उनसे पढ़ने घर भी आते हैं।
रवि भैया को संगीत सुनने, नाटकों में भाग लेना, दोस्तों के साथ घूमना और बातें करना बहुत पसंद हैं। भैया जब भी घर से बहार जाते हैं, तब एक सफ़ेद छड़ी ले जाते हैं। उनको घर के अंदर घूमता देख कोई नहीं कह सकता की उन्हें दिखता नहीं है।
रवि भैया की आत्मनिर्भरता
रवि भैया अपना काम स्वयं करना चाहते हैं। कोई उन्हें ज़बरदस्ती सहारा दे तो वे नाराज हो जाते हैं। जब कभी उन्हें मदद की जरूरत होती है तो वे माँग लेते हैं। भैया के पास मोटे काग़ज की कई किताबें हैं, जिसमें बहुत सारे उभरे बिंदु हैं उन पर वे हाथ फेरकर पढ़ते हैं। भैया को छेड़ने के लिए सीमा उनकी छड़ी की जगह बदल देती है।
रवि भैया घर के सभी लोगों को उनकी आहट से पहचान लेते हैं। अक्सर वह यह भी भाँप लेते हैं कि मैं खुश हूँ या उदास हूँ। सीमा के स्कूल की ख़बर सुनते ही भैया ने सीमा की पीठ थपथपाई और कहा आज से तुम ही मेरी फुटबाल की उस्ताद हो।
ब्रेल लिपि का आविष्कार
लुई ब्रेल जो फ्रांस देश के रहने वाले थे। तीन साल की उम्र में पिता के औजारों से खेलते हुए उन्होंने अपनी आँखे खो दी थी। उन्हे पढ़ने का बहुत शौक था। इसलिए उन्होंने हार नहीं मानी आखिर लुई ने एक तरीका निकाल ही लिया।
इसे हम सब ब्रेल लिपि के नाम से जानते हैं। इसमें छूकर पढ़ना होता है। इस तरह की लिपि में मोटे काग़ज पर उभरे हुए बिंदु बने होते हैं। उभरे होने के कारण इन्हें छूकर पढ़ा जा सकता है।