एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 2 सरल रेखा में गति
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 2 सरल रेखा में गति के प्रश्नों के उत्तर सवालों के जवाब हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 11 में भौतिक विज्ञान के पाठ 2 के सभी उत्तरों का सरल हल तथा अभ्यास के लिए अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं।
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 2 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 2 सरल रेखा में गति के प्रश्न उत्तर
रैखिक गति और उसके उदाहरण
वह गति है जिसमें पिण्ड का गतिपथ एक सरल रेखा हो। इस प्रकार की गति का गणितीय निरूपण केवल एक अवकाशीय विमा का उपयोग करते हुए किया जा सकता है। रैखिक गति सभी गतियों में सबसे सरल गति है। उदाहरण – धावक की गति, पेड़ से गिरते हुए फल की गति, बन्दूक से निकली गोली की गति, कैरम के खेल में किसी गोटी या बोर्ड से टकराने के पूर्व स्ट्राइकर की गति, मार्च पास्ट करते सैनिक की गति आदि सरल रेखीय गति के उदाहरण है।
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 2 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
यदि एक व्यक्ति 10 मीटर उत्तर की ओर तथा 20 मीटर पूर्व की ओर जाता है, तब उसका विस्थापन होता है:
एक लिफ्ट आठवीं मंजिल से नीचे आ रही है और चौथी मंजिल पर पहुँचने वाली है। यदि सभी राशियों के लिए भूतल को मूल बिंदु तथा ऊपर की ओर धनात्मक दिशा लें तो निम्नलिखित में कौन सही है?
एकविमीय गति में, तात्क्षणिक चाल v के लिए शर्त 0 ≤¬ v ≤ v₀ पूरी होती है तो
एक वाहन आधी L को चाल V₁ से तथा शेष आधी दूरी को चाल V₂ से तय करता है। इसकी औसत चाल है:
संदर्भ बिंदु एवं अक्षों का चयन
संदर्भ बिंदु एवं अक्षों का चयन निर्धारित करने के लिए समकोणिक निर्देशांक-निकाय का उपयोग: किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को गति कहते हैं। स्थिति के निर्धारण के लिए एक संदर्भ बिंदु तथा अक्षों के एक समुच्चय की आवश्यकता होती है। इसके लिए एक समकोणिक निर्देशांक-निकाय का चुनाव सुविधाजनक होता है। इस निकाय में तीन परस्पर लम्बवत अक्ष होते हैं जिन्हें x, y तथा z-अक्ष कहते हैं। इन अक्षों के प्रतिच्छेद बिंदु को मूल बिंदु (o) कहते हैं तथा यह संदर्भ बिंदु होता है।
किसी वस्तु द्वारा गति के क्रम में तय की गई कुल दूरी की लम्बाई को पथ की लम्बाई या दूरी कहा जाता है।
विस्थापन और उसका निर्धारण करने का तरीका
विस्थापन को वस्तु की स्थिति में परिवर्तन के रूप में परिभाषित करें । कल्पना कीजिए कि समय t₁ व t₂ पर वस्तु की स्थिति क्रमशः x₁ व x₂ है। तब समय ∆t (= t₂ – t₁) में उसका विस्थापन, जिसे हम ∆x से व्यक्त करते हैं, अंतिम तथा प्रारंभिक स्थितियों के अंतर द्वारा व्यक्त किया जाता है:
∆x = x₂ – x₁
(यहाँ हम ग्रीक अक्षर डेल्टा (∆) का प्रयोग किसी राशि में परिवर्तन को व्यक्त करने के लिए करते हैं)।
नोट: विस्थापन का परिमाण गतिमान वस्तु द्वारा चली गई पथ-लंबाई के बराबर हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है।
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 2 के लिए एमसीक्यू के उत्तर
किसी कण का विस्थापन x = (t – 2)² निरुपित किया जाता है। जहाँ x मीटर में तथा t सेकंड में मापा गया है तो कान के द्वारा पहले 4 सेकंड में तय की गई दूरी होगी:
किसी मेट्रो स्टेशन पर कोई लड़की एक रुके हुए एस्केलेटर पर t₁ सेकंड में ऊपर चढ़ती है। यदि वह एस्केलेटर पर खड़ी रहे तो एस्केलेटर उसे t₂ सेकंड में ऊपर ले जाता है। यदि वह चलते हुए एस्केलेटर पर अपनी पूर्व गति से ही ऊपर चढ़े तो उसको ऊपर तक पहुँचने में लगने वाला समय होगा:
x = t – sint द्वारा निरुपित एक विमीय गति के लिए:
एक स्प्रिंग को जिसका एक सिरा एक द्रव्यमान से और दूसरा एक दृढ़ आधार से जुड़ा है, खींचकर छोड़ दिया जाता है:
औसत चाल और त्वरण
वस्तु की यात्र की अवधि में चली गई कुल पथ-लंबाई एवं इसमें लगे समय के भागफल को औसत चाल कहते हैं।
औसत चाल = कुल पथ-लम्बाई/कुल समय
औसत चाल का वही मात्रक (ms⁻¹) होता है जो वेग का होता है। परंतु औसत चाल से यह पता नहीं चल पाता कि वस्तु किस दिशा में गतिमान है। इस दृष्टिकोण से औसत चाल सदैव धनात्मक ही होती है।
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 2 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
औसत वेग क्या होता है और इसका मापन कैसे किया जाता है?
किसी वस्तु द्वारा तय किये गए कुल विस्थापन तथा विस्थापन को तय करने में लगे समयांतर के अनुपात को औसत वेग कहते हैं।
औसत वेग = विस्थापन/समयांतराल
v = ∆x/∆t
वेग का SI मात्रक m/s अथवा ms⁻¹ है यद्यपि दैनिक उपयोगों में उसके लिए km/h का भी प्रयोग होता है।
एक खिलाड़ी गेंद को ऊपर की ओर आरम्भिक चाल 15 m/s से फेंकता है, निम्न को ज्ञात कीजिए: (i) गेंद की ऊपर की ओर गति के दौरान त्वरण की दिशा क्या होगी? (ii) इसकी गति के उच्चतम बिन्दु पर गेंद के वेग व त्वरण क्या होंगे?
(i) गेंद गुरुत्व के कारण त्वरण का प्रभाव अनुभव करती है जो सदैव ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर कार्य करता है।
(ii) उच्चतम बिन्दु पर वेग = 0
उच्चतम बिन्दु पर त्वरण g = 9.8 m s⁻² (नीचे की ओर)
एक पक्षी एक सीधी सड़क पर एक दूसरे की ओर चलती हुई दो कारों के बीच, एक कार से दूसरी कार तक बार-बार उड़कर जाता है। एक कार की चाल 18 km/h जबकि दूसरी कार की चाल 27 km/h है। जिस समय पहली कार और दूसरी कार में 36 km की दूरी है। पक्षी 36 km/h की चाल से एक कार से दूसरी कार तक उड़ना प्रारंभ करता है। पक्षी कुल कितनी दूरी तय करता है? पक्षी का कुल विस्थापन कितना है?
कारों की सापेक्षिक चाल = 45 km/h उनके मिलने के लिए आवश्यक समय
= 36 km/45 km/h = 0.8 h
अतः पक्षी द्वारा तय की गई कुल दूरी = 36 km/h × 0.8h = 28.8 km
45 m ऊँची इमारत से गिराई जाती है। ठीक उसी समय एक दूसरी गेंद 40 m/s की चाल से ऊपर की ओर फेंकी गई है। दोनों गेंदों के सापेक्ष वेग की समय के फलन के रूप में गणना कीजिए।
दोनों ही स्वतंत्रतापूर्वक गिरती हैं, अतः एक के सापेक्ष दूसरे का त्वरण शून्य होता है। इसलिए सापेक्षिक चाल अचर (=40 ms⁻¹) रहती है।
सापेक्ष वेग
जब दो वस्तुएं गतिमान हों तो एक वस्तु द्वारा प्रेक्षित दूसरी वस्तु का वेग आपेक्षिक वेग या सापेक्ष वेग कहलाता है। अर्थात् एक वस्तु का दूसरी वस्तु के सापेक्ष वेग वह वेग है जिस वेग से पहली वस्तु से देखने पर दूसरी वस्तु चलती हुई प्रतीत होती है।
त्वरण
किसी वस्तु के वेग मे परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। इसका मात्रक m/s² होता है तथा यह एक सदिश राशि हैं।
a = ∆v/∆t