कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 5 एनसीईआरटी समाधान – जैव प्रक्रम
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 5 के लिए एनसीईआरटी समाधान पाठ 5 जैव प्रक्रम के अभ्यास में दिए गए सभी प्रश्न उत्तर पाठ के बीच के पेजों में तथा अंत में दिए गए सभी सवाल जवाब विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 10 विज्ञान पाठ 5 के ये समाधान शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार नए सिलेबस पर आधारित हैं। प्रश्नों के उत्तर में प्रयोग किए गए चित्रों को पुनः आसान तरीके से बनाया गया है। छात्र-छात्राएँ ऑफलाइन पढ़ने के लिए 10वीं कक्षा विज्ञान समाधान ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, जो प्ले स्टोर पर निशुल्क उपलब्ध है।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 5 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 5 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 5 के बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) उत्तर
सही कथन चुनिए।
यदि लार में लार-ऐमाइलेज की कमी हो, तब मुख-गुहा में कौन-सी घटना प्रभावित होगी?
आयोडीन घोल की कुछ बूँदें चावल के पानी में डाली गई। चावल का पानी नीले-काले रंग का हो गया। इससे पता चलता है कि चावल के पानी में
अग्न्याशय रस का कार्य निम्नलिखित में से कौन-सा है?
द्वार-कोशिकाएँ द्वारा रंध्रों के खुलने और बंद होने का नियमन
जल के अवशोषण के कारण द्वार-कोशिकाएँ फूल जाती हैं जिससे रंध्र खुल जाते हैं, जबकि द्वार-कोशिकाओं के सिकुड़ने पर रंध्र बंद हो जाते हैं। रंध्रों का खुलना और बंद होना द्वार-कोशिकाओं में स्प़ीति-परिवर्तनों के कारण होता है। द्वार-कोशिकाएँ जब स्प़ीति होती हैं तब रंध्र खुल जाते हैं, जबकि शिथिल अवस्था में रंध्र बंद हो जाते हैं।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 5 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
सभी पौधे दिन में तो ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं और रात में कार्बन डाईऑक्साइड, क्या आप इस कथन से सहमत हैं, कारण बताइए।
दिन के समय श्वसन-दर की अपेक्षा प्रकाश-संश्लेषण दर अधिक होती है, परिणामस्वरूप ऑक्सीजन अधिक निकलती है। रात्रि के समय प्रकाश-संश्लेषण नहीं होता अत: पौधे श्वसन के कारण कार्बन डाइऑक्साइड निकालते हैं।
क्या किसी जीव के लिए ‘‘पोषण’’ आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
भोजन की आवश्यकता हमें निम्नलिखित कामों के लिए होती है:
- यह हमें शरीर की प्रक्रियाओं के लिए उर्जा प्रदान करता है।
- यह नई कोशिकाओं की वृद्धि के लिए और घिस गई अथवा नष्ट हो गई कोशिकाओं की मरम्मत अथवा उनके स्थान पर नई कोशिकाएँ बनाने के लिए आवश्यक है।
- विभिन्न रोगों के लिए प्रतिरोध उत्पन्न करने के लिए भी भोजन की आवश्यकता होती है।
जल से बाहर निकाले जाने पर मछलियाँ क्यों मर जाती हैं?
मछलियाँ क्लोम (गिल) की सहायता से साँस लेती हैं। गिलों में प्रचुर मात्रा में रूधिर कोशिकाएँ विद्यमान होती हैं और वे जल में घुली हुई ऑक्सीजन को आसानी से अवशोषित कर लेती हैं। क्योंकि मछलियाँ गैसीय ऑक्सीजन का अवशोषण नहीं कर सकतीं अत: पानी से बाहर निकाले जाने पर वे शीघ्र ही मर जाती हैं।
दो हरे पौधों को अलग-अलग ऑक्सीजन मुक्त पात्रों में रखा गया। एक पात्र को अंधेरे में और दूसरे को अविच्छिन्न प्रकाश में। बताइए कि इनमें से कौन-सा पौधा अधिक समय तक जीवित रहेगा? कारण बताइए।
लगातार प्रकाश में रखे जाने वाला पौधा लंबी अवधि तक जीवित बना रहता है क्योंकि वह प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया के द्वारा अपने श्वसन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन उत्पन्न कर लेता है।
स्वपोषी और विषमपोषी जीवों में अंतर
स्वपोषी | विषमपोषी |
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वे जीव जो अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। | वे जीव जो भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर होते हैं। |
इनमें क्लोरोफिल होता है। | इनमें क्लोरोफिल नहीं होता। |
इनमें प्रकाश-संश्लेषण होता है जिसके लिए सूर्य का प्रकाश आवश्यक होता है। | इनमें प्रकाश-संश्लेषण नहीं होता। |
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 5 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
हमारे भोजन में वसा का पाचन कैसे होता है? यह प्रक्रम कहाँ होता है?
हमारे भोजन में वसा का पाचन मुख्य रूप से क्षुद्रांत्र में होता है। इस कार्य के लिए क्षुद्रांत, यकृत तथा अग्न्याशय से श्रवण प्राप्त करती है। यहाँ पित्त लवण द्वारा भोजन में उपस्थित वसा की बड़ी गोलिकाओं को छोटी गोलिकाओं में खंडित कर दिया जाता है जिससे एंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ जाती है। अग्न्याशय से आने वाला अग्न्याशयिक रस इन छोटी गोलिकाओं वाली वसा को लाइपेज एंजाइम के माध्यम से पचा देता है। एंजाइम अंत में वसा को वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में परिवर्तित कर देते हैं।
भोजन के पाचन में लार की क्या भूमिका है?
भोजन के पाचन में लार की अहम भूमिका है। आहार का आस्तर बहुत कोमल होता है। लार सम्पूर्ण भोजन में फैल कर उसे चबाने एवं गीला करने में मदद करता है ताकि इसका मार्ग आसान हो जाए। लार में उपस्थित एंजाइम जिसे ऐमिलेस कहते है स्टार्च के जटिल अणुओं को शर्करा में विखंडित कर देता है।
स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन सी हैं और उनके उपोत्पाद क्या हैं?
स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कार्बन डाइआक्साइड, सूर्य का प्रकाश, जल तथा क्लोरोफिल की उपस्थिति है। कार्बोहाइड्रेट तथा ऑक्सीजन स्वपोषी पोषण के मुख्य उपोत्पाद हैं।
गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए कुपिकाएँ किस प्रकार अभिकल्पित हैं?
फेफ़ड़ों के अंदर गुब्बारे जैसी एक संरचना होती है जिसे कूपिका कहते हैं। इसका भीतरी भाग छोटी-छोटी नलिकाओं में विभाजित हो जाती है और ये नलिकाएँ एक विस्तृत सतह का निर्माण करती हैं जिससे गैसों का अधिकतम विनियमम हो सके। कूपिकाओं की भित्ति में रुधिर वाहिकाओं का विस्तृत जल होता है। जब हम सांस लेते हैं तो हमारी वक्षगुहिका बड़ी हो जाती है और वायु विस्तृत कूपिकाओं में भर जाती है। ये कुपिकाएँ फेफ़ड़ों में बहुत कम जगह में स्थित होती है लेकिन जब इनमे हवा भर जाती है तो ये फूलकर बड़े क्षेत्रफल में फ़ैल जाती हैं और गैसों के विनिमय के लिए अधिकतम क्षेत्रफल प्रदान करती हैं।
हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं?
हिमोग्लोबिन का मुख्य कार्य हमारे शरीर की समस्त कोशिकाओं तक आक्सीजन पहुचना होता है। हिमोग्लोबिन की कमी के कारण शरीर में समस्त भागों तक ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुँचाया जा सकता है। जिसके कारण शरीर के विभिन्न अंगों को कार्य करने के लिए आवश्यक उर्जा नहीं मिल पाएगी और हमें कमजोरी तथा थकान का अनुभव होने लगता है।
हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?
हम जानते है कि एक कोशिक जीवों की पूरी सतह पर्यावरण के सम्पर्क में रहती है। इन्हें भोजन ग्रहण करने के लिए, गैसों का आदान -प्रदान करने के लिए तथा व्यर्थ पदार्थों के निष्कासन के लिए किसी विशेष अंग की आवश्यकता नहीं होती है। परन्तु बहुकोशिकीय जीवों में सभी कोशिकाएँ अपने आसपास के पर्यावरण के सम्पर्क में नहीं रह सकती हैं। अतः, साधारण विसरण बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता की पूर्ति नहीं कर सकता है।
कोई वस्तु सजीव है, इसका निर्धारण करने के लिए हम किस मापदंड का उपयोग करेंगे?
कोई वस्तु सजीव है या नहीं, इसका निर्धारण करने के लिए कई मापदंडो का उपयोग करते हैं। हम जानते है कि सजीवों में समय के अनुसार उनमें वृद्धि, प्रजन्न एवं श्वसन की क्रिया निरंतर होती है। सजीवों के शरीर के अंदर आणविक गतियाँ लगातार होती रहती हैं चाहे वह बाह्य रूप से स्थिर तथा शांत ही क्यों न हो।
किसी जीव द्धारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है?
हम जानते है कि जीवों को अपना जीवन यापन करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अतः, ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए प्रत्येक जीव विभिन्न स्रोतों से कच्ची समाग्रियों का उपयोग करते है, जो इस प्रकार है:
वायुमंडल से ऑक्सीजन
पृथ्वी से जल एवं
सूर्य प्रकाश इत्यादि।
जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे?
किसी भी जीव में जीवन के अनुरक्षण के लिए ऊर्जा की अहम भूमिका होती है। इस ऊर्जा को प्रत्येक जीव अपने भोजन के माध्यम से प्राप्त करते है। भोजन से उर्जा तक निम्नलिखित प्रक्रम आवश्यक हैं:
पोषण
श्वशन
वहन
उत्सर्जन
इन सभी प्रक्रमों को सम्मिलित रूप से जैव प्रक्रम कहते हैं।
मानव में वहन तंत्र के घटक कौन से हैं? घटकों के क्या कार्य हैं?
मानव में वहन तंत्र के निम्नलिखित घटक हैं:
रक्त: रक्त का काम शरीर के सम्पूर्ण भागो में भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों तथा ऑक्सीजन को पहुँचाना है। यह कार्य रक्त में उपस्थित प्लाज्मा के द्वारा होता है।
हृदय: हृदय के मुख्य चार कोष्टक होते हैं जो ऑक्सीजनित रक्त तथा विऑक्सिजनित रक्त को अलग करने में सहायक होते हैं। हृदय ऑक्सीजनित रक्त को शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाने का कार्य करता है।
नलिकाए: धमनी वे रुधिर वाहिकाओं है जो रुधिर को हृदय से शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाने का कार्य करती हैं तथा शिराएँ विभिन्न अंगों से रुधिर एकत्र करके वापस हृदय में लाने का कार्य करती हैं।
प्लेटलैट्स: प्लेटलैट्स कोशिकाएँ रक्तश्राव के स्थान पर रुधिर का थक्का बनाकर मार्ग अवरुद्ध कर देती हैं।
स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रुधिर को अलग करना क्यों आवश्यक है?
स्तनधारी तथा पक्षियों को विभिन्न कार्यों के लिए अधिक उर्जा की आवश्यकता होती है तथा ऊर्जा इन जीवों के शरीर के तापक्रम को भी बनाए रखने के लिए आवश्यक होती है। ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रुधिर अलग – अलग रहने पर शरीर को उच्च दक्षता पूर्ण ऑक्सीजन उपलब्ध होती है। अतः, स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रुधिर को अलग करना आवश्यक है।
उच्च संगठित पादप में वहन तंत्र के घटक क्या हैं?
उच्च संगठित पादपों में वहन तंत्र के मुख्य घटक जाइलम तथा फ्लोएम हैं। जाइलम का काम मृदा से प्राप्त जल एवं खनिज लवणों को पादपों में वहन करना और फ्लोएम का काम पादपों द्वारा प्रकाश संश्लेषण द्वारा बनाए गए भोजन को पादप के सम्पूर्ण भागों में पहुँचाना।
पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है?
पादपों में जल तथा खनिज लवणों का वहन जाइलम के द्वारा होता है। जाइलम ऊतक में जड़ों, तनों और पत्तियों की वहिनिकाएँ तथा वाहिकाएँ आपस में जुड़कर जल संवहक वाहिकाओं का एक सतत जाल बनाती हैं जो पादप के सभी भागों से सम्बद्ध होता है। जड़ो की कोशिकाएँ मृदा के सम्पर्क में होती हैं तथा वह सक्रिय रूप से आयन प्राप्त करती हैं। यह जड़ और मृदा के बीच आयन सांद्रण में एक अंतर उत्पन करता है। इस अंतर को समाप्त करने के लिए मृदा से जल तथा खनिज लवण जड़ में प्रवेश कर जाता है। इस प्रकार जल अनवरत गति से जड़ के जाइलम में जाता है और फिर जल के स्तंभ का निर्माण करता है जो लगातार ऊपर की ओर धकेला जाता है।
पादप में भोजन का स्थानांतरण कैसे होता है?
किसी भी पादप में भोजन का स्थनांतरण फ्लोएम ऊतक द्वारा होता है। फ्लोएम ऊतक की कोशिकाएँ पादपों के सम्पूर्ण भागों तक फैली होती हैं। इसका काम पतियों द्वारा बनाए गए भोजन को पादपों के समस्त भागों तक पहुँचना होता है। इसके अलावा फ्लोएम अमीनो अम्ल तथा अन्य पदार्थों का भी परिवहन करता है। भोजन तथा अन्य पदार्थों का स्थनांतरण सलंग्न साथी कोशिका की सहायता से चालनी नलिका में उपरिमुखी तथा अधोमुखी दोनों दिशाओं में होता है। इसमें ऊर्जा का भी प्रयोग होता है जो ऊतक का परासरण दाब भी बढ़ा देता है जिससे जल इसमें प्रवेश कर जाता है और यह दाब पदार्थों को फ्लोएम से उस ऊतक तक ले जाता है जहाँ दाब कम हो जाता है।
श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद है?
जलीय जीव जल में घुली ऑक्सीजन को विभिन्न अंगो द्वारा ग्रहण करके श्वसन की क्रिया करते है। जल में विलेय ऑक्सीजन की मात्रा वायु में ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम हैं इसलिए जलीय जीवों की श्वास दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा द्रुत होती है। इसके विपरीत स्थलीय जीवों की श्वसन की क्रिया आसान तथा धीरे होती है।
मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है?
मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन- डाइऑक्साइड का परिवहन रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन के द्वारा होता है। फेफ़ड़ों से रक्त हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को लेकर सम्पूर्ण अंगो तक पहुँचती है तथा उत्तकों से कार्बन डाइऑक्साइड शोषित होकर रक्त द्वारा फेफ़ड़ों तक पहुँचती है। फेफड़ों में कुपिकाएँ होती हैं जहाँ आक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का आदान प्रदान होता है। वायुकोषों की कुपिकाएँ इस कार्बन – डाइऑक्साइड को अलग कर देती है और अंत में कार्बन डाइऑक्साइड शरीर के बाहर निकल जाती है।
गैसों के विनिमय के लिए मानव-फुफ्फुस में अभिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभिकल्पित किया है?
गैसों के विनिमय के लिए मानव-फुफ्फुस में अंदर का भाग छोटी छोटी नलिकाओं में विभाजित हो जाता और एक गुब्बारे जैसी संरचना में अंतकृत हो जाता है। इस क्रिया को कूपिका फुफ्फुस कहते हैं। ये कुपिकाएँ गैसों के विनियम के लिए अधिकतम क्षेत्रफल की सतह उपलब्ध कराती हैं।
मूत्र बनने की मात्रा का नियमन किस प्रकार होता है?
मूत्र बनने की मात्रा शरीर में उपस्थित अतिरिक्त जल और शरीर में घुली अपशिष्ट की मात्रा पर निर्भर करती है। कुछ अन्य कारक जैसे जीव के निवास स्थान तथा उसमें उपस्थित हार्मोन भी बनने वाले मूत्र की मात्रा को नियंत्रित करते हैं।
स्वयंपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर है?
स्वयंपोषी पोषण उन जीवों के पोषण की प्रक्रिया है जो अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा स्वयं बनाते हैं। भोजन के लिए कच्चे पदार्थों जैसे वायुमंडल से कार्बन डाईऑक्साइड, जल तथा सूर्य के प्रकाश आदि का उपयोग कर पतियों में उपस्थित क्लोरोफिल की सहायता से भोजन बनाते है।
उदाहरण: हरे पौधे तथा कुछ जीवाणु।
विषमपोषी पोषण उन जीवों का पोषण है जो अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते हैं बल्कि अन्य जीवों पर आश्रित रहते है।
उदाहरण: मानव, पशु, पक्षी आदि।
प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्ची सामग्री पौधा कहाँ से प्राप्त करता है?
प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्ची सामग्री पौधे निम्नलिखित श्रोतों से प्राप्त करते है:
वायुमंडल से कार्बन डाईऑक्साइड
सूर्य से सूर्य का प्रकाश
भूमि से (जाइलम एवं फ्लोयम द्वारा) जल एवं खनीज लवण
इन सभी सामग्रियों तथा पतियों में उपस्थित क्लोरोफिल की सहायता से पौधे अपना भोजन तैयार करते हैं।
हमारे आमाशय में अम्ल की भूमिका क्या है?
हमारे आमाशय में अम्ल की निम्नलिखित भूमिकाएँ हैं:
आमाशय की भिति में उपस्थित जठर ग्रंथियों द्वारा स्रावित हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक अम्लीय माध्यम तैयार करता है जो पेप्सिन एंजाइम की क्रिया भी सहायक होता है।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल भोजन में उपस्थित हानिकारक जीवाणुओं का भी नाश करता है।
पाचक एंजाइमों का क्या कार्य है?
जैव उत्प्रेरकों द्वारा भोजन को पचने एवं अवशोषित करने के लिए इसे छोटे -छोटे अणुओं में विखंडित करने की क्रिया को एंजाइम कहते हैं। एमीलेस, लाइपेज, पेप्सिन, ट्रिप्सिन आदि पाचन एंजाइम जटिल पदार्थों कणों को छोटे -छोटे अणुओं में विखंडित करने में मदद करते हैं। ये सरल कण आसानी से रक्त द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं और शरीर के सभी कोशिकाओं में पहुंचाया जा सकता है।
पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए क्षुद्रांत्र को कैसी अभिकल्पित किया गया है?
पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए क्षुद्रांत के आंतरिक आस्तर पर अनेक अंगुली जैसे प्रवर्ध होते है जिन्हें दीर्घरोम कहते हैं। ये अवशोषण का सतही क्षेत्रफल बढ़ा देते हैं । दीर्घरोम में रुधिर वाहिकाओं की बहुतायत होती है जो भोजन को अवशोषित करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुँचते हैं।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 5 में सरल प्रश्न कौन से हैं जो महत्वपूर्ण है?
इस अध्याय में परीक्षा के दृष्टिकोण से निम्नलिखित प्रश्न महत्वपूर्ण है:
- -हमारे जैसे बहू कोशिकीय जीवो में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?
- – कोई वस्तु सजीव है इसका निर्धारण करने के लिए हम किस मापदंड का उपयोग करेंगे?
- – किसी भी जीव द्वारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है ?
- – जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रकरणों को आवश्यक मानेंगे?
- – मनुष्य में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन किस प्रकार होता है?
- – गैसों के विनिमय के लिए मानव फुफ्फुस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभीकल्पित किया है?
- – मनुष्य में दोहरा परिसंचरण की व्याख्या कीजिए यह -क्यों आवश्यक है जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वहन में क्या अंतर है?
दसवीं कक्षा विज्ञान के अध्याय 5 में 100% प्रतिशत अंक कैसे प्राप्त करें?
हर विद्यार्थी के मन में यह जिज्ञासा कभी ना कभी अवश्य जन्म लेती है कि वह 100% अंक कैसे प्राप्त कर सकता है। ऐसे में यदि आप यह जान लें कि वह किस प्रकार का अध्ययन है, जिसे करने से आपको प्रत्येक अध्याय में 100% अंक प्राप्त करने में ना सिर्फ सहायता मिलेगी बल्कि यह अध्ययन आपके मन में एक आत्मविश्वास भी पैदा करता है, जिससे कि आप और मन लगाकर पूरी रुचि के साथ बिना ध्यान भटकाए अध्ययन की तरफ आकर्षित होते हैं।
अगर आप भी इस अध्याय में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके अध्ययन का सबसे सरल तरीका यही है कि पूरे अध्याय को क्रमवार पहले स्वयं से अध्ययन किया जाए पढ़ा जाए। वह भी एक एक लाइन एक एक वाक्य को समझते हुए। इसके लिए आप सहारा ले सकते हैं हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध वीडियो का जिसे देख कर आप निश्चित ही अपने मन में उठने वाले डाउट्स को दूर कर पाएंगे। आपको कुछ बातें बहुत अच्छे से समझने की जरूरत है जैसे:
- जैव प्रक्रम क्या है?
- पोषण क्या है?
- विभिन्न जीवों को पोषण कैसे प्राप्त होता है?
- पोषण के कितने प्रकार हैं?
- श्वसन क्या है?
- मानव ह्रदय किस प्रकार कार्य करता है ?
- उसकी हमारे शरीर में क्या भूमिका है?
- पादपों में परिवहन किस प्रकार होता है ?
आदि। यह सब क्रम से पढ़कर और तैयार करके निश्चित ही इस अध्याय में 100% अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
कक्षा 10 विज्ञान के अध्याय 5 में कौन कौन से प्रश्न कठिन माने जाते हैं?
प्रश्न या टॉपिक की कठिनाई विद्यार्थी की अपनी सूझबूझ पर और उसके प्रयासों पर निर्भर करती है। लेकिन इसके पश्चात नहीं इस अध्याय में जिन प्रश्नों में अक्सर विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है, वह निम्नलिखित है:
- – मानव में वहन तंत्र के घटक और उनके कार्य,
- – स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजन तथा रीऑक्सीजनेशन उधर को अलग करना क्यों आवश्यक है?
- – उच्च संगठित पादप में वहन तंत्र के घटक क्या है?
- – पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है?
- – कृत्रिम वृक्क अथवा अपोहन से क्या अभिप्राय है?
- – नेफ्रॉन की रचना तथा क्रियाविधि का वर्णन।
- – उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए पादप किन विधियों का उपयोग करता है?
कक्षा 10वीं विज्ञान के अध्याय 5 को किस तरह से याद किया जा सकता है?
किसी भी अध्याय को याद रखने अथवा करने के लिए विद्यार्थी को चाहिए कि वह सर्वप्रथम पूरे पाठ को स्वयं से समझें, इस अध्याय को समझने के लिए और याद करने के लिए कुछ बातों को जानना बहुत जरूरी है जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए वह बातें निम्नलिखित हैं:
- – जैसे विभिन्न प्रकार की गतियों को जीवन सूचक किस प्रकार से माना जा सकता है ?
- -जीवन के अनुरक्षण के लिए पोषण का क्या महत्व है…?
- – स्वस्थ शरीर के अंदर पदार्थों का संवहन तथा अपशिष्ट उत्पादों का उत्सर्जन आदि प्रक्रम हमारे लिए कितने आवश्यक हैं?
- – स्वपोषी पोषण में पर्यावरण से सरल अकार्बनिक पदार्थ लेकर तथा बाह्य ऊर्जा स्रोत जैसे सूर्य का उपयोग करके कुछ ऊर्जा वाले जटिल कार्बनिक पदार्थों का संश्लेषण करना,
- – विषमपोषी पोषण में दूसरे जीवो द्वारा तैयार किए जटिल पदार्थों का अंतर ग्रहण होता है,
- – मनुष्य में खाए गए भोजन का विखंडन भोजन नली के अंदर कई चरणों में किस प्रकार से होता है तथा उचित भोजन अवशोषित कर के शरीर की सभी कोशिकाओं में भेज दिया जाता है,
- – श्वसन प्रक्रम में ग्लूकोस जैसे जटिल कार्बनिक योगिक का विखंडन किस प्रकार से किया जा सकता है?
- – एटीपी का उपयोग कोशिका में होने वाले अन्य क्रियाओं को ऊर्जा प्रदान करने के लिए किस प्रकार किया जाता है ?