कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 10 एनसीईआरटी समाधान – मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 10 के लिए एनसीईआरटी समाधान पाठ 10 मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा पाठ के अंदर के प्रश्नों के सवाल जवाब सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 10 विज्ञान पाठ 10 के सभी प्रश्न सीबीएसई सिलेबस 2024-25 के अनुसार संशोधित किए गए हैं। प्रश्नों को विस्तार से समझाया गया है और उत्तर को समझने के लिए आसान भाषा का प्रयोग किया गया है ताकि प्रत्येक छात्र को समझ में आ सके। मोबाइल में प्रयोग की सुविधा के लिए कक्षा 10 विज्ञान समाधान ऐप का भी प्रयोग किया जा सकता है।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 10 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 10 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 10 के बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) उत्तर
कक्षा में सबसे पीछे बेंच पर बैठा कोई विद्यार्थी श्यामपट्ट पर लिखे अक्षरों को पढ़ सकता है, परंतु पाठ्य पुस्तक में लिखे अक्षरों को नहीं पढ़ पाता। निम्नलिखित में कौन-सा प्रकथन सही है?
दोपहर के समय सूर्य श्वेत प्रतीत होता है, क्योंकि तब:
ऊँचे भवनों के शीर्ष पर लगे खतरे के संकेत लाल वर्ण के होते हैं। इन्हें दूरी से आसानी से देखा जा सकता है, क्योंकि अन्य वर्णों की अपेक्षा लाल वर्ण का प्रकाश:
गहरे समुद्र में जल का रंग नीला दिखाई देने का कारण है:
सूर्योदय/सूर्यास्त तथा दोपहर के समय सूर्य के वर्ण में अंतर
संकेतसूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है जबकि दोपहर में यह श्वेत प्रतीत होता है। इसका स्पष्टीकरण प्रकाश द्वारा चली वायुमंडलीय मोटाई के पदों में दिया जाना चाहिए। वर्णों में अंतर वायुमंडलीय कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 10 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
क्या हमें दिखाई देने वाली किसी तारे की स्थिति उसकी सही स्थिति होती है? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
नहीं। तारों से आने वाले प्रकाश का वायुमंडलीय अपवर्तन धीरे-धीरे परिवर्तित होने वाले अपवर्तनांक के माध्यम में होता है।
हमें आकाश में इंद्रधनुष केवल वर्षा के पश्चात् ही क्यों दिखाई देता है?
जल कण प्रिज्मों की भाँति व्यवहार करके सूर्य के प्रकाश को वर्ण विक्षेपित करते हैं।
स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों होता है?
नीले रंग के प्रकाश का सर्वाधिक प्रकीर्णन होता है।
नेत्र की समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है?
अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित (कम या अधिक) कर लेता है, समंजन कहलाती है।
निकट दृष्टिदोष का कोई व्यक्ति 1.2 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख सकता। इस दोष को दूर करने के लिए प्रयुक्त संशोधक लेंस किस प्रकार का होना चाहिए?
निकट दृष्टिदोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का प्रयोग किया जाता है। अतः, प्रयुक्त संशोधन लेंस अवतल लेंस होना चाहिए।
मानव नेत्र कि सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु तथा निकट बिंदु नेत्र से कितनी दूरी पर होते हैं?
मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु अनन्त दूरी तक होता है तथा निकट बिंदु नेत्र से लगभग 25 cm की दूरी पर होता है।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 10 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
तारे क्यों टिमटिमाते हैं?
तारों के प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण ही तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के पश्चात् पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने तक तारे का प्रकाश निरंतर अपवर्तित होता जाता है। चूंकि तारे बहुत दूर हैं, अतः वे प्रकाश के बिंदु – स्रोत के सन्निकट हैं। पृथ्वी के वायुमंडल की बदलती भौतिक अवस्थाओं के कारण, तारों से आने वाली प्रकाश किरणों का पथ थोड़ा – थोड़ा परिवर्तित होता रहता है, अतः तारे की आभासी स्थिति विचिलित होती रहती है तथा आँखों में प्रवेश करने वाले तारों के प्रकाश की मात्रा झिलमिलाती रहती है – जिसके कारण कोई तारा कभी चमकीला प्रतीत होता है तो कभी धुंधला, जो कि टिमटिमाहट का प्रभाव है।
किसी अंतरिक्षयात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है?
जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है, वायु के सूक्ष्म कण लाल रंग (बड़ी तरंगदैर्ध्य) की अपेक्षा नील रंग (छोटी तरंगदैर्ध्य) को अधिक प्रबलता से प्रकीर्णित करते हैं। यह प्रकीर्णित हुआ नीला प्रकाश हमारी आँखों में प्रवेश करता है और आकाश हमें नीला दिखाई देता है। अंतरिक्ष में वायुमंडल नहीं होने के कारण, प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है और अंतरिक्षयात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला प्रतीत होता है।
सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है?
सूर्योदय (तथा सूर्यास्त) के समय सूर्य से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों तक पहुँचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में वायु की मोती परतों से होकर गुजरता है। इस दौरान कम तरंगदैर्ध्य के प्रकाश के अधिकांश भाग का वायु में प्रकीर्णन हो जाता है। इसप्रकार, हमारे नेत्रों तक पहुँचाने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य का अर्थात लाल रंग का होता है। इसलिए, सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
व्याख्या कीजिए कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते?
ग्रह तारों की अपेक्षा पृथ्वी के बहुत पास हैं और इसलिए इन्हें विस्तृत स्रोत की भांति माना जा सकता है। यदि हम ग्रह को बिंदु-आकर के अनेक प्रकाश स्रोतों का संग्रह मान लें, तो सभी बिंदु आकर के प्रकाश स्रोतों से हमारे नेत्रों में प्रवेश करने वाली प्रकाश की मात्रा में कुल परिवर्तन का औसत शून्य होगा, इसी कारण टिमटिमाने का प्रभाव निष्प्रभावित हो जाएगा। अतः, ग्रह, तारों की तरह नहीं टिमटिमा पाते हैं।
जब हम नेत्र से किसी वस्तु कि दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र में प्रतिबिंब – दूरी का क्या होगा है?
अभिनेत्र लेंस में यह क्षमता होती है कि वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर सके। इसलिए वस्तु की दूरी कितनी भी हो, अभिनेत्र लेंस, फोकस दूरी को समायोजित करके प्रतिबिंब को दृष्टिपटल पर ही बनता है। इसप्रकार वस्तु की दूरी बढ़ने या घटने से भी प्रतिबिंब की दूरी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है अर्थात नियत रहती है।
सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते?
अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी एक निश्चित न्यूनतम सीमा से कम नहीं होती। सामान्य आँखों के लिए यह न्यूनतम सीमा 25 cm है। इसलिए सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख पाते हैं।
अंतिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट पढने में कठिनाई होती है। यह विद्यार्थी किस दृष्टि दोष से पीड़ित है? इसे किस प्रकार संशोधित किया जा सकता है?
अंतिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट पढने में कठिनाई होती है तो विद्यार्थी निकट दृष्टिदोष से पीड़ित है। इस दोष में व्यक्ति निकट की वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकता है लेकिन दूर की वस्तुओं को सुस्पष्ट देखने में कठिनाई होती है।
अवतल लेंस के प्रयोग से इस दोष संशोधित किया जा सकता है।