एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 26 बादल
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 26 बादल के प्रश्न उत्तर और अतिरिक्त प्रश्नों के हल सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 2 हिंदी के समाधान न केवल सीबीएसई बल्कि राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए भी बहुत उपयोगी हैं।
कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 26 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 26 बादल के प्रश्न उत्तर
बादल
काले-काले, पानी वाले
आसमान में बादल आए
बोलो, कैसे आकर छाए
हवा पकड़कर, लाती सर-सर
छाए जैसे काले कंबल
कितने सुन्दर लगते बादल
पेड़ों जैसे, भेड़ों जैसे
लगते जैसे चलते घोड़े
बन जाते हाथी के जोड़े
नन्हे जल-कण, गए भाप बन
उसी भाप ने ठंडक पाई
बादल बरसे, बरसा आई
करते गड़गड़, आते चढ़-चढ़
बिजली बादल को चमकाए
अँधियारे में राह दिखाए
मोर मगन मन, छूम छननछन
झूम झूमकर नाच दिखाए
खुश हो होकर गाना गाए
बरसे बादल, कलकल छलछल
तैर चली कागज़ की नैया
पँछू उठाकर भागी गैया।
बादलों का आगमन
आसमान में घने, काले बादलों की एक श्रृंखला ने अपना डेरा जमाया। ये बादल अपने साथ पानी की बूंदों को लेकर आए, जैसे कोई विशाल कंबल ने आसमान को ढक लिया हो। हवाओं के साथ इनका आगमन होता है, जो सरसराती हुई इन्हें यहाँ वहाँ ले जाती है। ये दृश्य किसी कलाकृति से कम नहीं लगता, जहां बादल अपनी विविध आकृतियों में आसमान के कैनवास पर छा जाते हैं।
बादलों की रूपरेखा
इन बादलों की आकृतियाँ अद्भुत होती हैं। कभी वे पेड़ों की तरह दिखाई देते हैं, तो कभी भेड़ों के समूह की तरह। इनकी आकृतियाँ बदलती रहती हैं, जैसे चलते घोड़े या हाथी के जोड़े में बदल जाते हैं। यह दृश्य ना केवल बच्चों बल्कि बड़ों को भी मंत्रमुग्ध कर देता है, जैसे किसी जादू की दुनिया में ले जाने का आमंत्रण हो।
बादलों का संगीत
जैसे ही बादल घने होते हैं, उनका रूप विशाल बनता जाता है और वे बरसने को तैयार होते हैं। नन्हे जल-कणों का भाप में परिवर्तन और फिर बादलों में समाहित होना, एक अद्भुत प्रकृति का खेल है। बादलों का बरसना, जैसे प्रकृति का अपना संगीत हो, जो कलकल और छलछल की ध्वनियों के साथ हमारे आसपास के माहौल को जीवंत बना देता है।
बिजली का नृत्य
गड़गड़ाहट और बिजली की चमक, बादलों की इस अद्भुत संगीतमय प्रस्तुति में एक अतिरिक्त तड़का लगाती है। बिजली, बादलों को रोशनी से भर देती है, जैसे वे अँधेरे में एक दिशा निर्देश का काम कर रहे हों। यह प्राकृतिक प्रदर्शन ना केवल आश्चर्यजनक होता है बल्कि यह हमें प्रकृति की असीम शक्ति और सौंदर्य का भी एहसास कराता है।
प्रकृति का उत्सव
जब बादल बरसते हैं, तो प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में नज़र आती है। मोर अपने मगन मन से नाचते हैं और छूम छननछन की ध्वनि के साथ खुशियों का गाना गाते हैं। यह दृश्य जीवन में खुशियों के आगमन का प्रतीक है, जैसे प्रकृति अपने सभी जीवों के साथ एक उत्सव मना रही हो।
बारिश की खुशियाँ
बारिश के आगमन के साथ ही, नन्हीं कागज़ की नैया तैरने लगती है और गायें खुशी से पानी में कूद पड़ती हैं। यह नज़ारा, बच्चों के लिए एक खेल का मैदान बन जाता है, जहाँ वे अपनी कल्पनाओं को साकार करते हैं। बारिश का हर एक क्षण, जीवन में नई उमंग और नई ऊर्जा भर देता है।