एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 23 चंदा मामा
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 23 चंदा मामा के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 2 हिंदी के पाठ 23 में छात्र चंदा मामा के विभिन्न रूपों के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे।
कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 23 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 2 हिंदी सारंगी अध्याय 23 चंदा मामा के प्रश्न उत्तर
चंदा मामा
लो रात हो गई। देखो, आकाश में चारों तरफ़ कितना अँधेरा है! अहा! ये छत पर कैसा संदुर प्रकाश! तो ये चंदा मामा हैं। आओ चंदा मामा! अरे, ये क्या ! बादल जी आप नहीं आइए। चंदा मामा रूठ जायेंगे। बादल जी आप जाइए ना! मैं चंदा मामा को देख भी नहीं पा रहा। “माफ़ करना मुझे, मैं तो दो मिनट चंदा से गपशप कर रहा था। लो मैं अभी चला! अच्छा , नमस्ते, फिर मिलेंगे!” हाँ, अब ठीक है। देखो, चंदा मामा मुस्करा रहे हैं। आओ चंदा मामा, गोल-गोल चेहरे वाले चंदा मामा, आओ ना!
रात की शुरुआत
रात का समय अपने साथ अनंत शांति और गहराई लेकर आया था। चारों ओर घना अंधेरा छा गया था, जैसे किसी ने आकाश को एक गहरे रंग की चादर से ढक दिया हो। इस अंधेरे में भी एक अद्भुत सौंदर्य था, जो मन को अपनी ओर खींचता था। यह समय था, जब प्रकृति अपने सबसे शांत स्वरूप में थी, और सभी जीव अपने-अपने आश्रय में विश्राम कर रहे थे।
चाँद का आगमन
इस घने अंधकार में, एक सुंदर प्रकाश पुंज ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह प्रकाश था चंद्रमा का, जो अपनी पूरी आभा में चमक रहा था। चंद्रमा की मधुर चांदनी ने आकाश के विशाल कैनवास पर एक अलौकिक छटा बिखेरी थी। इस प्रकाश में कुछ ऐसा जादू था, जो मन को मोहित कर देता था और आत्मा को एक सुकून भरी शांति प्रदान करता था।
बादलों की अचानक आमद
जैसे ही चाँद की चमक अपने शिखर पर पहुँची, एक अप्रत्याशित मेहमान ने दस्तक दी। यह थे बादल, जो अचानक से आसमान में उमड़-घुमड़ कर आए और चाँद की चांदनी को अपने अंदर समेटने लगे। बादलों की यह आगवानी ने चाँद की रोशनी को कुछ पल के लिए ढक दिया, जिससे एक अस्थायी अंधेरा छा गया। इस दृश्य में एक अलग ही सौंदर्य था, जैसे प्रकृति अपने एक नए रूप को प्रस्तुत कर रही हो।
मनुष्य और प्रकृति का संवाद
इस दृश्य को देखकर मन में एक गहरी उत्कंठा जागी। एक आवाज उठी, मानो कह रही हो, “ओह बादलों, कृपया जाओ और चाँद को फिर से प्रकट होने दो।” यह आवाज प्रकृति से एक नम्र निवेदन थी, जिसमें चाँद की चांदनी को फिर से बहाल करने की आशा थी। और जैसे ही यह निवेदन प्रकृति तक पहुँचा, बादल धीरे-धीरे छंटने लगे।
चाँद की पुन: प्रकाशित उपस्थिति
बादलों के जाते ही, चाँद ने फिर से अपनी पूर्ण आभा में चमकना शुरू कर दिया। इस बार उसकी चांदनी पहले से भी अधिक मधुर और आकर्षक लग रही थी। चाँद का यह पुनर्जन्म मन को एक अद्भुत खुशी से भर देता है। यह दृश्य एक याद दिलाता है कि प्रकृति के साथ हमारा संबंध कितना गहरा और अर्थपूर्ण है।
चाँद का आमंत्रण
अंत में, चाँद की मधुर मुस्कान ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। एक आमंत्रण था, जो सभी को चाँद की चांदनी में बैठकर इस खूबसूरत समय का आनंद लेने के लिए कह रहा था। चाँद का यह आमंत्रण मनुष्य और प्रकृति के बीच एक सुंदर संबंध को दर्शाता है, जहाँ हम सभी एक साथ मिलकर इस अद्भुत जीवन का जश्न मना सकते हैं।