कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 15 संधि
कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 15 संधि तथा संधि विच्छेद पर आधारित अभ्यास पुस्तिका और उदाहरण सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2025-26 के लिए संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। व्याकरण हमेशा प्रेरित रहता है। आठवीं कक्षा के छात्र सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और अपने दिमाग को तरोताजा करने के लिए कक्षाओं के बीच नियमित रूप से विषय को बदल-बदल कर पढ़ें।
संधि
दो निकटवर्ती वर्णों के मेल से होने वाले परिवर्तन को संधि कहते हैं।
उदाहरण:
राम + ईश्वर = रामेश्वर – में राम का अंतिम वर्ण अ तथा ईश्वर का प्रथम वर्ण ई मिलकर ए बन गए। इसी को संधि कहते हैं।
संधि के भेद
संधि के तीन भेद होते हैं:
1. स्वर संधि
2. व्यंजन संधि
3. विसर्ग संधि
स्वर संधि
दो स्वरों के आपस में मिलने से जो परिवर्तन होता है, उसे स्वर-संधि कहते हैं।
उदाहरण:
गण + ईश = गणेश। यहाँ अ + ई = ए हुआ है। इस प्रकार यहाँ स्वर संधि है।
स्वर संधि के पाँच भेद हैं –
1. दीर्घ संधि
2. गुण संधि
3. वृद्धि संधि
4. यण संधि
5. अयादि संधि
दीर्घ संधि
यदि ”स्व या दीर्घ ( अ, इ, उ, ट्ट ) स्वर के बाद ”स्व या दीर्घ अ, इ, उ, ट्ट स्वर आएँ तो दोनों के स्थान पर दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ, ट्ट) हो जाता है।
प्रथम शब्द | द्वितीय शब्द | संधि शब्द |
---|---|---|
सत्य | आर्थी | सत्यार्थी (अ + अ = आ) |
नियम | अनुसार | नियमानुसार (अ + अ = आ) |
रवि | इंद्र | रवींद्र (इ + इ = ई) |
अधि | ईश्वर | अधीश्वर (इ + ई = ई) |
मही | इंद्र | महींद्र (ई + ई = ई) |
सु | उक्ति | सूक्ति (उ + ऊ = ऊ) |
व्यंजन संधि
व्यंजन के बाद व्यंजन या स्वर आने पर जो विकार होता है या परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
प्रथम शब्द | द्वितीय शब्द | संधि शब्द |
---|---|---|
जगत् | नाथ | जगन्नाथ (त् + न) |
जगत् | ईश | जगदीश (त् + ई) |
वर्गों के पहले वर्णों में परिवर्तन
क्, च्, ट्, प् के बाद यदि किसी वर्ग का तीसरा या चौथा वर्ण य्, र्, ल्, व्, ह् अथवा कोई स्वर आ जाए तो वहाँ अपने वर्ग का तीसरा वर्ण अर्थात् क् को ग्, च् को ज्, ट् को ड् और प् को ब् हो जाता है।
प्रथम शब्द | द्वितीय शब्द | संधि शब्द (संधि वर्ण) |
---|---|---|
दिक् | अंबर | दिगंबर (क् + अ = ग) |
दिक् | गज | दिग्गज (क् + ग = ग्ग) |
अच् | अंत | अजंत (च् + अ = ज) |
षट् | आनन | षडानन (ट् + आ = डा) |
षट् | दर्शन | षड्दर्शन (ट् + द = ड्) |
सत् | आचार | सदाचार (त् + आ = दा) |