कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 12 वाच्य
कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 12 वाच्य के प्रकार और उदाहरण अभ्यास के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के सत्र 2024-25 के अनुसार छात्र यहाँ से मुफ्त प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी ग्रामर कक्षा 8 के पाठ 12 को समझने के लिए और अधिकतम लाभ के लिए विद्यार्थी द्वारा पाठ की पुनरावृत्ति महत्वपूर्ण है।
वाच्य
क्रिया के जिस रूप से पता चले कि वाक्य में क्रिया कर्त्ता, कर्म या भाव के अनुसार आई है, उसे वाच्य कहते हैं।
उदाहरण:
(क) अमित पत्र लिखता है।
(ख) अमित के द्वारा पत्र लिखा जाता है।
(ग) सुमन फ़ल खरीद रही है।
(घ) सुमन के द्वारा फ़ल खरीदे जा रहे हैं।
उपर्युक्त वाक्यों को धयानपूर्वक पढ़ने से पता चलता है कि लिखता है, लिखा जाता है, खरीद रही है, खरीदे जा रहे हैं आदि क्रियाओं से यह विदित हो रहा है कि वाक्य में विधाान का मुख्य विषय क्या है या क्रिया का मुख्य संबंध जिस शब्द से है। इसे वाच्य कहते हैं।
क्रिया के जिस रूप से पता चले कि वाक्य में क्रिया कर्त्ता, कर्म या भाव के अनुसार आई है, उसे वाच्य कहते हैं।
वाच्य के भेद
वाच्य के तीन भेद होते हैं-
1. कृतवाच्य
2. कर्मवाच्य
3. भाववाच्य
कृतवाच्य
जब वाक्य में क्रिया के लिंग, पुरुष और वचन कर्त्ता के अनुसार होते हैं तो उस क्रिया को कृतवाच्य कहते हैं। उदाहरण:
(क) रमेश पुस्तक पढ़ता है।
(ख) अंशु दौड़ती है।
(ग) औरतें खाना बना रही हैं।
इन वाक्यों की क्रियाएँ पढ़ता है, दौड़ती है और बना रही हैं, क्रमशः इन वाक्यों के कर्त्ताओं के लिंग और वचन के अनुसार है।
कर्मवाच्य
जिस वाक्य की क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार होते हैं, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। यहाँ पर क्रिया का मुख्य संबंध कर्म से होता है।
उदाहरण:
(क) अमित के द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
(ख) बच्चों के द्वारा मिठाई बाँटी गई।
(ग) कहानी राम के द्वारा कही गई।
पुस्तक, मिठाई और कहानी ये इन वाक्यों के कर्म हैं। इन वाक्यों की क्रियाएँ इन्हीं कर्म के लिंग और वचन के अनुसार ही प्रयोग हुई हैं। इसलिए ये कर्मवाच्य की क्रियाएँ हैं।
भाववाच्य
जिस वाक्य की क्रिया के लिंग और वचन कर्त्ता व कर्म के अनुसार न होकर, भाव के अनुसार होते हैं, उसे भाववाच्य कहते हैं। भाववाच्य में अधिकतर अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है। भाववाच्य की क्रिया हमेशा अन्य पुरुष पुल्लिंग और एकवचन में रहती है। इसमें प्रायः अशक्तता प्रकट करने के लिए क्रिया प्रयुक्त होती है।
उदाहरण:
(क) बूढ़े से चला नहीं जाता।
(ख) हम से पढ़ा नहीं जाता।
(ग) कुत्ते से भौंका नहीं जाता।
(घ) कबूतर से उड़ा नहीं जाता।
इन वाक्यों की क्रियाएँ कर्त्ता और कर्म के अनुसार न होकर भाव के अनुसार हैं। सामान्य रूप से भाववाच्य की क्रियाएँ अन्य पुरुष और एकवचन में प्रयुक्त होती हैं।
वाच्य परिवर्तन
कृर्तवाच्य से कर्मवाच्य बनाना
(क) कृर्तवाच्य के कर्त्ता के साथ ‘से’ ‘या’ ‘के द्वारा’ जोड़ा जाता है।
(ख) यदि कर्म के साथ कोई विभक्ति लगी हो तो उसे हटा दिया जाता है।
(ग) क्रिया में ‘अ’ अथवा ‘या’ जोड़ दिया जाता है तथा उसके बाद जा धाातु का कर्म के लिंग, वचन, काल तथा पुरुष के अनुसार प्रयोग किया जाता है।
कृर्तवाच्य | कर्मवाच्य |
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अमर आम खा रहा है। | अमर द्वारा आम खाया जा रहा है। |
राजेश क्रिकेट खेल रहा है। | राजेश द्वारा व्रिळकेट खेला जा रहा है। |
अंशु दूध नहीं पी रही है। | अंशु से दूध नहीं पिया जा रहा है। |
दिनेश गेंद खेलता है। | दिनेश से गेंद खेली जाती है। |
रोजी पुस्तक पढ़ती है। | रोजी के द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है। |