कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 11 क्रिया
कक्षा 8 हिंदी व्याकरण अध्याय 11 क्रिया के भेद और उदाहरण अभ्यास के लिए प्रश्न उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए विद्यार्थी यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। आठवीं कक्षा के हिंदी ग्रामर में पढ़े गए विषयों की नियमित रूप से समीक्षा करें और व्याकरण नियमों की समीक्षा करें ताकि विषय को अच्छी तरह समझा जा सके।
क्रिया
जिन पदों से किसी कार्य के होने, करने अथवा किसी स्थिति का बोध हो, उन्हें क्रिया पद कहते हैं। क्रिया शब्द का अर्थ है ‘करना’।
उदाहरण:
1. पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं।
2. पेड़ टूट गया है।
3. खरगोश गाजर खा रहा है।
उपर्युक्त वाक्यों में उड़ रहे हैं, टूट गया है, खा रहा है आदि पदों से कुछ करने या होने का बोध हो रहा है।
धातु
क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। जैसे- पढ़, जा, खेल, देख, सुन, गा आदि। धातु में ‘ना’ प्रत्यय जोड़ने से क्रिया का सामान्य रूप बनाया जाता है।
धातु | प्रत्यय | क्रिया |
---|---|---|
पढ़ | ना | पढ़ना |
जा | ना | जाना |
खेल | ना | खेलना |
देख | ना | देखना |
सुन | ना | सुनना |
गा | ना | गाना |
क्रिया के भेद
क्रिया के निम्नलिखित दो भेद होते हैं:
1. अकर्मक क्रिया
2. सकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया
वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की आवश्यकता नहीं होती, अकर्मक क्रिया कहलाती है। इसमें क्रिया का प्रभाव सीधे कर्ता पर पड़ता है।
उदाहरण:
(क) राकेश खेलता है।
(ख) अमन दौड़ता है।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘खेलता है’, ‘दौड़ता है’ क्रिया पदों के साथ कर्म नहीं है। क्रिया का फल अथवा प्रभाव कर्ता पर पड़ता है।
सकर्मक क्रिया
वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की आवश्यकता होती है, सकर्मक क्रिया कहलाती है। सकर्मक क्रिया कर्म के बिना अपना भाव पूर्ण रूप से प्रकट नहीं कर पाती।
उदाहरण:
(क) मामा जी बाजार जाते हैं।
(ख) सोनिया खाना खाती है।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘जाते हैं’, ‘खाती है’ क्रियाओं का फल क्रमशः सोनिया, मामा जी, पर न पड़कर बाजार, खाना पर पड़ रहा है। बाजार, खाना कर्म हैं। ये सभी सकर्मक क्रियाएँ हैं।
प्रयोग और संरचना की दृष्टि से क्रिया के भेद
प्रयोग और संरचना की दृष्टि से क्रियाएँ छह प्रकार की होती हैं:
(क) प्रेरणार्थक क्रिया
(ख) संयुक्त क्रिया
(ग) नामधातु क्रिया
(घ) कृदंत क्रिया
(घ) सामान्य क्रिया
(च) पूर्वकालिक क्रिया
प्रेरणार्थक क्रिया
जब स्वयं कार्य न करके किसी अन्य को कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं, वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया होती है।
उदाहरण:
करना से करवाना, देना से दिलवाना।
प्रेरणार्थक क्रिया में दो कर्ता होते हैं:
(क) एक प्रेरक कर्ता
(ख) दूसरा प्रेरित कर्ता
जैसे – पिता पुत्र से पत्र लिखवाता है। यहाँ प्रेरक कर्ता – पिता, प्रेरित कर्ता – पुत्र
मूलधातु | प्रथम प्रेरणार्थक | द्वितीय प्रेरणार्थक |
---|---|---|
सुनना | सुनाना | सुनवाना |
पढ़ना | पढ़ाना | पढ़वाना |
करना | कराना | करवाना |
पीना | पिलाना | पिलवाना |
लिखना | लिखाना | लिखवाना |