एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 8 ठोसों के यांत्रिक गुण
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 8 ठोसों के यांत्रिक गुण के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर हिंदी और अंग्रेजी में सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 11 में भौतिक विज्ञान के पाठ 8 के सवाल जवाब सीबीएसई के साथ-साथ राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 8 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 8 ठोसों के यांत्रिक गुण के प्रश्नों के उत्तर
ठोस पदार्थों में परमाणुओं का विस्थापन तथा संकुचन
जब कोई ठोस विरूपित किया जाता है तो परमाणु/अणु अपनी साम्य स्थिति से विस्थापित हो जाते हैं जिससे उनकी अंतरा-परमाणविक (अंतरा-आणविक) दूरी में अंतर आ जाता है। जब विरूपक बल को हटा लिया जाता है तो अंतरा-परमाणविक बल उन्हें वापस अपनी प्रारंभिक स्थितियों में ले जाते हैं। इस प्रकार पिण्ड अपनी प्रारंभिक आकृति तथा आकार को पुनः प्राप्त कर लेता है।
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 8 बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
किसी आदर्श द्रव का अवरूपण गुणांक होता है
यदि किसी तार की अपनी मूल लंबाई घटकर आधी रह जाती है, तो वह अधिकतम लोड, जो यह तार बिना टूटे सहन कर सकता है।
किसी तार का ताप दोगुना कर दिया जाता है तो इसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक
किसी कमानी के एक सिरे पर लोड अनुप्रयुक्त करके इसे खींचा जाता है। कमानी में उत्पन्न विकृति है
पिंड पर बाह्य बल एवं प्रतिबल
किसी पिंड पर जब कोई बाह्य बल लगाया जाता है तो उसकी आकृति में परिवर्तन (विरूपण) होता है। पिंड पर आरोपित प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को ‘प्रतिबल’ कहते हैं, जैसे किसी पिंड के किसी एक भाग का क्षेत्रफल A है तो क्षेत्रफल A पर लंबवत् दिशा में आरोपित बल प्रतिबल कहलाता है।
यदि पिण्ड के क्षेत्रफल वाले किसी अनुप्रस्थ काट की लंबवत् दिशा में लगाए गए बल का मान F हो तो प्रतिबल = F/A
प्रतिबल की SI इकाई Nm⁻² तथा इसका विमीय सूत्र [ML⁻¹T⁻²], होता है।
विकृति और उसके मापन के बारे में जानकारी
किसी वस्तु पर आरोपित बल के कारण वस्तु की विमाओं में परिवर्तन तथा वस्तु की प्रारंभिक विमा के अनुपात को विकृति कहते है। विकृति एक विमहीन राशि है अर्थात इसकी कोई विमा नहीं होती है।
आयतन विकृति और उसकी परिभाषा
जलीय दाब के कारण उत्पन्न विकृति को आयतन विकृति कहते हैं। इसे आयतन में परिवर्तन (∆V) तथा प्रारंभिक आयतन (V) के अनुपात से परिभाषित करते हैं:
आयतन विकृति = ∆V/V
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 8 एमसीक्यू के उत्तर
सर्वसम विमाओं की दो बेलनाकार छड़ें जिनमें – एक रबड़ की और दूसरी स्टील की है, पर विचार कीजिए। दोनों छड़ों का एक सिरा छत से दृढ़तापूर्वक जड़ दिया गया है। प्रत्येक छड़ के मुक्त सिरे के केंद्र पर कोई द्रव्यमान M संलग्न किया गया है।
कोई तार छत से लटका है तथा दूसरे सिरे पर लटके भार F के द्वारा तानित है। छत द्वारा तार पर लगाया गया बल लटकाए गए भार के समान एवं विपरीत है।
किसी आदर्श द्रव के लिए
समान व्यास के कॉपर एवं स्टील के तारों को सिरे से सिरा मिलाकर जोड़ा गया है। इस संयुक्त तार पर कोई विरूपक बल F आरोपित किया जाता है जो इसमें 1 cm की कुल वृद्धि कर देता है। इन दोनों तारों में
हुक के नियम और प्रत्यास्थता सीमाह
हुक के नियम के अनुसार “प्रत्यास्थता सीमा के भीतर किसी वस्तु पर आरोपित प्रतिबल का मान हमेशा उस वस्तु में उत्पन्न विकृति के अनुक्रमानुपाती होता है।” अर्थात प्रत्यास्थता सीमा के अन्दर प्रतिबल, विकृति के समानुपाती होता है।
प्रतिबल ∝ विकृति
प्रतिबल = k × विकृति
जहाँ k अनुक्रमानुपातिकता स्थिरांक है और इसे प्रत्यास्थता गुणांक कहते हैं।
यंग गुणांक और इसका महत्व
प्रतिबल तथा विकृति के अनुपात को प्रत्यास्थता गुणांक कहते हैं और किसी दिए हुए द्रव्य के लिए इसका एक विशिष्ट मान होता है। यांत्रिकी के सन्दर्भ में यंग गुणांक या यंग मापांक , किसी समांग प्रत्यास्थ पदार्थ की प्रत्यास्थता का मापक है। यह एकअक्षीय प्रतिबल एवं विकृति के अनुपात के रूप में परिभाषित है। इसे प्रतीक Y द्वारा निरूपित करते हैं:
Y = प्रतिबल/विकृति
चूंकि विकृति एक विमाविहीन राशि है, यंग गुणांक की इकाई वही होती है जो प्रतिबल की, अर्थात्, Nm⁻² या पास्कल।
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 8 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
दोनों सिरों पर दृढ़तापूर्वक जकड़ी गई 1 m लंबाई तथा 1 cm² अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल की स्टील (Y = 2.0 × 10¹¹ Nm⁻² तथा α = 10⁻⁵⁰ C⁻¹) की छड़ को 0°C से 200°C तक इस प्रकार गर्म किया गया है कि न तो इसकी लंबाई में वृद्धि हो न ही यह मुड़े। छड़ में उत्पन्न तनाव कितना है?
ताप वृद्धि के कारण छड़ की प्रति इकाई लंबाई में वृद्धि होती:
∆l/l₀ = 10⁻⁵ × 2 × 10⁻² = 2 × 10⁻³
माना कि छड़ में संपीडक तनाव T है और इसके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल a है, तब
(T/a)/ (∆l/l₀) = Y
∴ T = Y × (∆l/l₀) × a
2 × 10¹¹ × 2 × 10⁻³ × 10⁻⁴
= 4 × 10⁴ N
कोई ट्रक 9.1 m लंबी 5 mm त्रिज्या की स्टील की तार द्वारा खाई में फँसी किसी कार को बाहर खींच रहा है। जब कार गति करना आरंभ करती है तब तार में तनाव 800N है। तार की लंबाई में कितनी वृद्धि हुई? (स्टील का यंग गुणांक 2 × 10¹¹ Nm⁻²)
माना कि लंबाई में वृद्धि ∆l है, तब
800/{(π × 25 × 10⁻⁶)/(∆l/9.1) = 2.0 × 10¹¹
∴ ∆l = (9.1 × 800)/ (π × 25 × 10⁻⁶ × 2.0 × 10¹¹) m
≈ 0.5 × 10⁻³
दो सर्वसम गेंदें जिनमें से एक हाथी दाँत की है तथा दूसरी गीली मिट्टी की है। समान ऊँचाई से पृथ्वी पर गिराई जाती हैं। इनमें से कौन-सी पृथ्वी से टकराकर अधिक ऊँचाई तक ऊपर उठेगी और क्यों?
चूँकि गीली मिट्टी की गेंद की तुलना में हाथी दाँत की गेंद अधिक प्रत्यास्थ है। संघट्ट के पश्चात् यह तुरंत अपना पूर्व आकार प्राप्त करने की ओर प्रवृत होगी। इसलिए गीली मिट्टी की गेंद की तुलना में इसमें ऊर्जा एवं संवेग का स्थानांतरण अधिक होगा। अतः संघट्ट के पश्चात् हाथी दाँत की गेंद अधिक ऊपर उठेगी।
अपरूपण गुणांक और उसका मापन
अपरूपण प्रतिबल तथा संगत अपरूपण विकृति का अनुपात द्रव्य का अपरूपण गुणांक कहलाता है तथा इसे G से निरूपित करते हैं। इसे दृढ़ता गुणांक भी कहते हैं:
G = अपरूपण प्रतिबल /अपरूपण विकृति
आयतन गुणांक तथा जलीय प्रतिबल का अनुपात
जलीय प्रतिबल तथा संगत आयतन विकृति के अनुपात को आयतन गुणांक कहते हैं। यह प्रतीक ठ से निरूपित किया जाता है:
B = – p/(∆V/V)
ऋण चिह्न इस तथ्य की ओर संकेत करता है कि दाब में वृद्धि करने पर आयतन में कमी होती है।