एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 1 मात्रक और मापन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 1 मात्रक और मापन के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर पाठ के अंत में दिए गए सभी सवाल जवाब सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क डाउनलोड किए जा सकते हैं। कक्षा 11 भौतिक विज्ञान के पाठ 1 के प्रत्येक प्रश्न के उत्तर को विस्तार से सरल भाषा में समझाया गया है।
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 1 मात्रक और मापन के प्रश्न उत्तर
मात्रक एवं मूल मात्रक
किसी भौतिक राशि का मापन, एक निश्चित, आधारभूत, यादृच्छिक रूप से चुने गए मान्यता प्राप्त, संदर्भ-मानक से इस राशि की तुलना करना है। यह संदर्भ-मानक मात्रक कहलाता है। किसी भी भौतिक राशि के माप को मात्रक के आगे एक संख्या (आंकिक संख्या) लिखकर व्यक्त किया जाता है। यद्यपि हमारे द्वारा मापी जाने वाली भौतिक राशियों की संख्या बहुत अधिक है, फिर भी, हमें इन सब भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए, मात्रकों की सीमित संख्या की ही आवश्यकता होती है, क्योंकि, ये राशियाँ एक दूसरे से परस्पर संबंधित हैं। मूल राशियों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं।
कक्षा 11 भौतिकी अध्याय 1 के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
436.32, 227.2 एवं 0.301 संख्याओं का योग उपयुक्त सार्थक अंकों में है:
एक पिंड का द्रव्यमान और आयतन क्रमशः 4.237 g एवं 2.5 cm³ है। इस पिंड के पदार्थ के घनत्व का सही सार्थक अंकों में मान है:
यदि 2.745 एवं 2.735 संख्याओं को 3 सार्थक अंकों तक पूर्णांकित कर व्यक्त किया जाए तो प्राप्त संख्याएँ होंगी:
मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली (SI)
बहुत वर्षों तक मापन के लिए, विभिन्न देशों के वैज्ञानिक, अलग-अलग मापन प्रणालियों का उपयोग करते थे। अब से कुछ समय-पूर्व तक ऐसी तीन प्रणालियाँ प्रमुखता से प्रयोग में लाई जाती थीं। इन प्रणालियों में लम्बाई, द्रव्यमान एवं समय के मूल मात्रक क्रमशः इस प्रकार हैं:
(i) CGS प्रणाली में, सेन्टीमीटर, ग्राम एवं सेकन्ड।
(ii) FPS प्रणाली में, फुट, पाउन्ड एवं सेकन्ड।
(iii) MKS प्रणाली में, मीटर, किलोग्राम एवं सेकन्ड।
कक्षा 11 भौतिकी के पाठ 1 एमसीक्यू के उत्तर
एक आयताकार शीट की लंबाई एवं चौड़ाई क्रमशः 16.2 cm और 10.1 cm है। उपयुक्त सार्थक अंकों में और उपयुक्त त्रुटि के उल्लेख के साथ शीट का क्षेत्रफल होगा:
भौतिक राशियों के निम्नलिखित जोड़ों में से किस जोड़े का विमीय सूत्र समान नहीं है?
दो राशियों को माप कर आप उनका मान A = 1.0 m ± 0.2 m, B = 2.0 m ± 0.2 m प्राप्त करते हैं। √AB का सही मान होगा:
निम्नलिखित में कौन-सा मान सर्वाधिक परिशुद्ध है?
बड़ी दूरियों का मापन
लम्बाई मापन की कुछ प्रत्यक्ष विधियों से आप पहले ही से परिचित हैं। उदाहरण के लिए, आप जानते हैं कि 10⁻³ m से 10² m तक की लम्बाइयाँ मीटर पैमाने का उपयोग करके ज्ञात की जाती हैं। 10⁻⁴ m की लम्बाई को यथार्थता से मापने के लिए हम वर्नियर कैलिपर्स का उपयोग करते हैं। स्क्रू-गेज (पेंचमापी) और गोलाईमापी (स्फेरोमीटर) का उपयोग 10⁻⁵ m तक की लम्बाइयों को मापने में किया जाता है।
आजकल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रणाली “सिस्टम इन्टरनेशनल डि यूनिट्स” है (जो फ्रेंच भाषा में “मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली” कहना है)। इसे संकेताक्षर में SI लिखा जाता है। SI प्रतीकों, मात्रकों और उनके संकेताक्षरों की योजना अंतर्राष्ट्रीय माप-तोल ब्यूरो (बी.आई.पी.एम.) द्वारा 1971 में विकसित की गई थी एवं नवंबर, 2018 में आयोजित माप-तोल के महासम्मेलन में संशोधित की गई। यह योजना अब वैज्ञानिक, तकनीकी, औद्योगिक एवं व्यापारिक कार्यों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग हेतु अनुमोदित की गई। SI मात्रकों की 10 की घातों पर आधारित (दाश्मिक) प्रकृति के कारण, इस प्रणाली के अंतर्गत रूपांतरण अत्यंत सुगम एवं सुविधाजनक है। हम इस पुस्तक में SI मात्रकों का ही प्रयोग करेंगे। SI में सात मूल मात्रक हैं जिन्हें निम्न सारणी में प्रदर्शित कर सकते हैं:
मूल राशि | SI मात्रक | प्रतीक |
---|---|---|
लम्बाई | मीटर | m |
द्रव्यमान | किलोग्राम | kg |
समय | सेकंड | s |
विद्युत धारा | ऐम्पियर | A |
ऊष्मागतिक ताप | केल्विन | K |
पदार्थ की मात्र | मोल | mol |
ज्योति-तीव्रता | केंडेला | cd |
बड़ी दूरियों का मापन
बहुत बड़ी दूरियाँ, जैसे किसी ग्रह अथवा तारे की पृथ्वी से दूरी, प्रत्यक्ष-रूप से किसी मीटर पैमाने की सहायता से ज्ञात नहीं की जा सकती है। ऐसी दशाओं में महत्वपूर्ण विधि जिसे लम्बन-विधि कहते हैं, का उपयोग किया जाता है।
कक्षा 11 भौतिक विज्ञान पाठ 1 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
हम एक ही भौतिक राशि के लिए भिन्न-भिन्न मात्रकों का उपयोग क्यों करते हैं?
क्योंकि, पिंडों के एक ही राशि से संबंधित आमाप के परिणामों की कोटि में महत्वपूर्ण अंतर होता है। उदाहरणार्थ, अंतरापरमाणुक दूरियाँ एंगस्ट्रॉम की कोटि की होती हैं। अंतर-नगरीय दूरियाँ km की कोटि की होती हैं तथा अंतर-तारक दूरियाँ प्रकाशवर्ष की कोटि की होती हैं।
यांत्रिकी में, लंबाई, द्रव्यमान एवं समय का चयन आधार राशियों के रूप में क्यों किया जाता है?
क्योंकि यांत्रिकी की अन्य सभी राशियाँ लंबाई, द्रव्यमान एवं समय के पदों में इनके साथ सरल संबंधों के रूप में व्यक्त की जा सकती हैं।
निम्नलिखित समय मापक यंत्रें में कौन सर्वाधिक परिशुद्ध है? (A) दीवार घड़ी (B) विराम घड़ी (C) डिजिटल घड़ी (D) परमाणु घड़ी, अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।
परमाणु घड़ी सर्वाधिक परिशुद्ध समय मापक युक्ति है क्योंकि परमाणुओं के दोलन 10¹³ s में 1 s की परिशुद्धता से दोहराए जाते हैं।
द्रव्यमान का मापन
द्रव्यमान पदार्थ का एक आधारभूत गुण है। यदि पिण्ड के ताप, दाब या दिव्फ़काल में उसकी अवस्थिति पर निर्भर नहीं करता। द्रव्यमान का SI मात्रक किलोग्राम (kg) है।
समय मापने के लिए सीजियम परमाणु घड़ी का उपयोग
किसी भी समय-अंतराल को मापने के लिए हमें घड़ी की आवश्यकता होती है। अब हम समय-मापन हेतु समय का परमाण्वीय मानक प्रयोग करते हैं जो सीजियम परमाणु में उत्पन्न आवर्त कम्पनों पर आधारित है। यही राष्ट्रीय मानक के रूप में प्रयुक्त सीजियम घड़ी, जिसे परमाणु घड़ी भी कहते हैं, का आधार है। सीजियम परमाणु घड़ी में एक सेकन्ड, सीजियम-133 परमाणु के निम्नतम ऊर्जा स्तर के दो अतिसूक्ष्म स्तरों के मध्य संक्रमण के तदनुरूपी विकिरणों के 9,192,631,770 कम्पनों के लिए आवश्यक है।