एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 21 अंगुलिमाल
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 21 अंगुलिमाल के प्रश्न उत्तर विस्तार से सरल भाषा में सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2025-26 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 6 हिंदी अध्याय 21 में छात्र पढेंगे कि किस प्रकार महात्मा बुद्ध ने डाकू अंगुलिमाल को भी सच्चाई का रास्ता दिखाया।
कक्षा 6 हिंदी दूर्वा पाठ 21 अंगुलिमाल के प्रश्न उत्तर
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
नमूने के अनुसार वाक्य बदलो।
नमूना:
पहले मैं गाँव में रहता था।
अब मैं शहर में रहता हूँ।
1. पहले राघवन फुटबाल खेलता था। क्रिक्रेट
उत्तर: राघवन अब क्रिक्रेट खेलता है।
2. पहले सुषमा गाना सीखती थी। नृत्य
उत्तर: सुषमा अब नृत्य सीखती है।
3. पहले वे चाय पीते थे। दूध
उत्तर: अब वे दूध पीते हैं।
4. पहले हम गाँव के विद्यालय में पढ़ते थे। जवाहर नवोदय विद्यालय
उत्तर: अब हम जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ते हैं।
कोष्ठक में दी गई क्रियाओं से नमूने के अनुसार वाक्य पूरे करो।
गया/हो गई, बैठ गया/बैठ गए, रह गया/ रह गए/रह गई
नमूना: समझना-समझ गया, समझ गई।
मैं आपकी बात समझ गया।
1. मेरा काम पूरा
उत्तर: मेरा काम पूरा हो गया।
2. तुम देर से आए, चाय खतम
उत्तर: तुम देर से आए, चाय खतम हो गई।
3. नौकर रास्ते में ही
उत्तर: नौकर रास्ते में ही रह गया।
4. सभी विद्यार्थी अपनी-अपनी सीट पर
उत्तर: सभी विद्यार्थी अपनी-अपनी सीट पर बैठ गए।
5. अंजना खुश
उत्तर: अंजना खुश हो गई।
नमूने के अनुसार वाक्य बदलो।
क. नमूना:
मैं पुस्तक पढ़ता हूँ।
मैंने पुस्तक पढ़ी।
1. रमेश पतंग उड़ाता है।
उत्तर: रमेश ने पतंग उड़ाई।
2. मैं हिंदी सीखता हूँ।
उत्तर: मैंने हिंदी सीखी।
3. हम मिठाई खाते हैं।
उत्तर: हमने मिठाई खाई।
नमूना:
ललिता रोज नौ बजे सो जाती है।
आज वह आठ बजे सो गई।
1. श्रीनिवासन रोज सात बजे स्कूल जाता है। छः बजे
उत्तर: श्रीनिवासन आज से छः बजे स्कूल जाएगा।
2. अखबार रोज सुबह ग्यारह बजे आ जाता है। बारह बजे
उत्तर: अखबार आज बारह बजे आएगा।
3. सुनीता रोज सुबह नहाती है। शाम को
उत्तर: सुनीता आज शाम को नहाएगी।
प्रश्नों के उत्तर दो।
अंगुलिमाल कौन था?
अंगुलीमाल एक डाकू था।
डाकू को अंगुलिमाल क्यों कहते थे?
डाकू को अंगुलिमाल इसलिए कहते थे, क्योंकि वह जिसको भी मारता था उसकी अंगुलियों को काटकर अपनी माला में डाल लेता था।
अंगुलिमाल को गुस्सा क्यों आया?
महात्मा बुद्ध ने मुस्कुराकर उसका स्वागत किया। जिसे देखकर अंगुलीमाल को गुस्सा आ गया।
भगवान बुद्ध ने अंगुलिमाल का स्वागत कैसे किया?
भगवान बुद्ध ने धैर्यपूवैक मुस्कुराकर अंगुलिमाल स्वागत किया।
भगवान बुद्ध ने अंगुलिमाल से क्या तोड़ लाने को कहा?
भगवान बुद्ध ने अंगुलिमाल पेड़ की चार पत्तियाँ तोड़ लाने के लिए कहा।
अतिरिक्त अभ्यास के लिए प्रश्न उत्तर
अंगुलिमाल कौन था?
अंगुलिमाल जंगल में रहने वाला एक डाकू था। वह बहुत निर्दयी डाकू था। वह जंगल से आने-जाने वालों को लूटता, सताता और मार डालता था।
अंगुलिमाल डाकू का यह नाम क्यों पड़ गया था?
अंगुलिमाल बहुत निर्दयी डाकू था। वह लोगों को मारने के बाद उनकी उँगलियों की माला बना कर पहना करता था, इसलिए लोग उसे अंगुलिमाल डाकू कहते थे।
लोगों ने महात्मा बुद्ध को जंगल में जाने से क्यों रोका था?
सभी लोग जानते थे जंगल में अंगुलिमाल डाकू रहता है, जो जंगल से गुजरने वाले लोगों की हत्या कर उनकी उंगलियाँ काट के माला बना लेता है। सभी को इस बात का डर था, कहीं अंगुलिमाल महात्मा बुद्ध को भी न मार दे।
जंगल में महात्मा बुद्ध के आने की ख़बर सुनकर अंगुलिमाल ने क्या किया?
जंगल में महात्मा बुद्ध के आने की ख़बर सुनकर अंगुलिमाल को बहुत गुस्सा आया। वह गुस्से से भरा महात्मा बुद्ध के पास, उन्हें मारने के लिए गया।
महात्मा बुद्ध से मिलने के बाद अंगुलिमाल को नई बात क्या लगी थी?
अंगुलिमाल अपने आप के बारे में जानता था कि सभी लोग उसे घृणा की दृष्टि से देखते हैं। सभी लोग उससे डरते हैं। लेकिन महात्मा बुद्ध ने बिना डरे मुस्कुराते हुए अंगुलिमाल का स्वागत किया जो अंगुलिमाल के लिए नई बात थी।
लोगों से अंगुलिमाल के बारे में सुनने के बाद महत्मा बुद्ध ने क्या कहा और क्या किया?
लोगों से अंगुलिमाल के बारे में सुनने के बाद महत्मा बुद्ध ने कहा “डरने की कोई बात नहीं है, मुझे कुछ नहीं होगा” यह कह कर महात्मा बुद्ध मुस्कुराते हुए जंगल में चल दिए।
महत्मा बुद्ध ने अंगुलिमाल से मिलने के बाद क्या बातचीत की थी?
महत्मा बुद्ध ने अंगुलिमाल से मिलने के बाद कहा, “भाई गुस्सा छोड़ो और सामने वाले पेड़ से चार पत्तियाँ तोड़ लाओ”। अंगुलिमाल पत्ते तोड़ लाया। बुद्ध मुस्कुराए और बोले, ‘इन पत्तों को जहाँ से तोड़ा था, फिर वहीं लगा आओ’। अंगुलिमाल बोला ‘यह कैसे हो सकता है, जो पत्ता एक बार पेड़ से टूट गया फिर वह कैसे जुड़ सकता है’।
महात्मा बुद्ध पेड़ के पतों को दुबारा पेड़ से जुडवा कर अंगुलिमाल को क्या समझाना चाहते थे?
महात्मा बुद्ध पेड़ के पतों को दुबारा पेड़ से जुडवा कर अंगुलिमाल को समझाया कि जब तुम जोड़ने का काम नहीं कर सकते तो तुम तोड़ने का काम क्यों करते हो। पेड़ हो या अन्य प्राणी सब में प्राण होते हैं। तुम उन्हें क्यों मरते हो। अंगुलिमाल भगवान बुद्ध की बात समझ गया और शिष्य बन कर उनकी शरण में आ गया।