एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 20
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 20 बूँद-बूँद से (कक्षा 3 पर्यावरण पाठ 20) के प्रश्न उत्तर हिंदी मीडियम में सीबीएसई और राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 3 के लिए पर्यावरण अध्ययन के पाठ 20 के सभी प्रश्नों को विडियो के माध्यम से भी समझाया गया है ताकि किसी भी विद्यार्थी को समझने में कोई दिक्कत न हो।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 20
कक्षा 3 ईवीएस अध्याय 20 के लिए एनसीईआरटी समाधान
माधो और पानी की समस्या
प्रस्तुत पाठ में पानी की बूँद-बूँद के महत्व के बारे में बताया गया है। माधो जो राजस्थान के बज्जू गाँव में रहता है। माधो के घर में पानी की कमी को लेकर सब परेशान रहते हैं। वैसे ही हर साल गर्मियों में पानी की बहुत कमी हो जाती है।
पानी लाने के लिए माधो की माँ और बहन को पास की बावड़ी सुख जाने के कारण और भी दूर जाना पड़ता है। हर रोज चार घड़े पानी लाने में कई घंटे का समय लग जाता है। गर्म रेत में चल-चल कर पैर तो जलते ही हैं, साथ में छाले भी पड़ जाते हैं।
गाँव में पानी की व्यवस्था
जब कभी रेल से गाँव में पानी आता है, तब पूरे गाँव में खुशी की लहर उठती है। तब माधो के पिता ऊँट-गाड़ी में पानी लाते हैं, पर ऐसा बहुत कम होता है। ज्यादातर लोग पानी का इंतजार करते ही रह जाते हैं। गाँव के कुछ लोग टाँका बना कर बारिश का पानी इकट्ठा करते हैं। यह टाँका लोग घर के आँगन में गड्डा करके बनाते हैं।
इसमें बारिश के दिनों में छत से आया हुआ पानी नाली व पाइप द्वारा नीचे टाँके में पहुँचाया जाता है। छत की नाली पर जाली लगा देते है। ताकि छत का कूड़ा-कचरा टाँके में न जाए। यह पानी साफ़ करके पीने के काम में लाया जाता है। कभी-कभी गाँव के टाँके से माधो को भी पानी मिल जाता है।
सोनल के गाँव की पानी की समस्या
माधो की तरह सोनल के घर में भी पानी की कमी रहती है। सोनल भावनगर शहर में रहती है। नल में रोज केवल आधा घंटा पानी आता है। पुरे मोहल्ले के लोग एक ही नल से पानी भरते हैं। पुरे मुहल्ले में पानी के कारण मारा-मारी रहती है। लेकिन सोनल पानी भरने के लिए डटी रहती है, जब मौका मिलता है, बूँद-बूँद करके भी बाल्टी भर लेती है।
पानी की बचत
एक चम्मच को भरने के लिए 15 बूँद पानी लगता है, और एक कटोरी को भरने में लगभग 20 चम्मच पानी लगता हैं। दस कटोरी से एक मग को भरा जा सकता है। एक बाल्टी को भरने के लिए 15 मग पानी लगता हैं।
इसे हम कह सकते है कि एक-एक बूँद से हम कितना पानी बचा सकते हैं। रात भर नल से पानी की बूंदे गिरने से हम कितना लीटर पानी बर्बाद कर देते हैं। इसलिए हमें पानी की बचत पर गौर करना चाहिए ताकि आने वाले समय में पानी की समस्या को कम किया जा सके।
पानी का पुनःप्रयोग
कुछ जगह पर लोग पानी की किल्लत के कारण एक बार उपयोग किए पानी को दोबारा उपयोग में लाते हैं। जैसे फल व सब्जी धोने वाले पानी को पेड़-पोधों में इस्तेमाल करके और स्वयं नहाए हुए पानी से अपने पालतू जानवरों को नहलाने के लिए इस्तेमाल करके, हाथ मुँह धोए पानी से पोंछा लगाने के लिए और कपड़े धोने वाले पानी को शौचालय में डालकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे हम सभी पानी की बचत कर सकते हैं। भविष्य में होने वाली पानी की समस्या को कुछ कम करने का प्रयास कर सकते हैं।