एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 संस्कृत पाठ 9 क्रीडास्पर्धा
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 संस्कृत अध्याय 9 क्रीडास्पर्धा पाठ्यपुस्तक रुचिरा भाग 1 के अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा पाठ का हिंदी अनुवाद सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। छठी कक्षा संस्कृत के एनसीईआरटी समाधान तिवारी अकादमी वेबसाइट तथा ऐप पर निशुल्क उपलब्ध हैं तथा इसके लिए किसी औपचारिक पंजीकरण की भी कोई आवश्यकता नहीं है। यहाँ से कक्षा 6 संस्कृत रुचिरा के पाठ 9 के प्रश्न उत्तर तथा हिंदी में अनुवाद प्राप्त कर सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 संस्कृत अध्याय 9 क्रीडास्पर्धा
कक्षा 6 संस्कृत अध्याय 9 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 6 संस्कृत अध्याय 9 क्रीडास्पर्धा का हिंदी अनुवाद
संस्कृत में वाक्य | हिंदी में अनुवाद |
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हुमा – यूयं कुत्र गच्छथ? | हुमा – तुम लोग कहाँ जा रहे हो? |
इन्दर: – वयं विद्यालयं गच्छाम:। | इंदर – हम विद्यालय जा रहे हैं। |
फेकन: – तत्र क्रीडास्पर्धा: सन्ति। वयं खेलिष्याम:। | फेकन – वहाँ खेल प्रतियोगिताएँ हो रही हैं। हम खेलेंगे। |
रामचरण: – किं स्पर्धा: केवलं बालकेभ्य: एव सन्ति? | रामचरण – क्या प्रतियोगिताएँ केवल लड़कों के लिए हैं? |
संस्कृत में वाक्य | हिंदी में अनुवाद |
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प्रसन्ना – नहि, बालिका: अपि खेलिष्यन्ति। | प्रसन्ना – नहीं, लडकियाँ भी खेलेंगी। |
रामचरण: – किं यूयं सर्वे एकस्मिन् दले स्थ? अथवा पृथव्-पृथव् दले? | रामचरण – क्या तुम सब एक दल में हो? अथवा अलग अलग दल में? |
प्रसन्ना – तत्र बालिका: बालका: च मिलित्वा खेलिष्यन्ति। | प्रसन्ना – वहाँ लड़के लडकियाँ मिलकर खेलेंगे। |
फेकन: – आम्, बैडमिंटन-क्रीडायां मम सहभागिनी जूली अस्ति। | फेकन – हाँ, बैडमिंटन में मेरी साथी जूली है। |
संस्कृत में वाक्य | हिंदी में अनुवाद |
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प्रसन्ना – एतद् अतिरिक्तं कबड्डी, नियुद्धं, क्रिकेटं, पादकन्दुकं, हस्तकन्दुकं, चतुरङ्ग: इत्यादय: स्पर्धा: भविष्यन्ति। | इसके अतिरिक्त , जूड़ों , क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, चेस इत्यादि स्पर्धाएँ भी होंगी। |
इन्दर: – हुमे! किं त्वं न क्रीडसि? तव भगिनी तु मम पक्षे क्रीडति। | इंदर – हुमा! क्या तुम नहीं खेल रही हो? तुम्हारी बहन तो मेरे पक्ष में खेल रही है। |
हुमा – नहि, मह्यं चलचित्रं रोचते। परम् अत्र अहं दर्शकरूपेण स्थास्यामि। | हुमा – नहीं मुझे सिनेमा में रुचि है। वहाँ मैं दर्शक के रूप में रहूँगी। |
फेकन: – अहो! पूरन: कुत्र अस्ति? किं स: कस्यामपि स्पर्धायां प्रतिभागी नास्ति? | फेकन – ओह, पूरन कहाँ है? क्या वह किसी स्पर्धा में भाग नहीं ले रहा है? |
संस्कृत में वाक्य | हिंदी में अनुवाद |
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रामचरण: – स: द्रष्टुं न शक्नोति। तस्मै अस्माकं विद्यालये पठनाय तु विशेषव्यवस्था वर्तते। परं क्रीडायै प्रबन्ध: नास्ति। | रामचरण – वह देख नहीं सकता। उसके लिए हमारे विद्यालय में पढ़ने के लिए तो विशेष प्रबंध है। किंतु खेल के लिए प्रबंध नहीं है। |
हुमा – अयं कथमपि न न्यायसङत्ग :। पूरन: सक्षम:, परं पब्रन्धस्य अभावात् क्रीडितुं न शक्नोति। | हुमा – यह कभी भी न्यायसंगत नहीं है। पूरन सक्षम है, किंतु प्रबंध के अभाव में खेल नहीं सकता। |
इन्दर: – अस्माकं तादृशानि अनेकानि मित्राणि सन्ति। वस्तुत: तानि अन्यथासमर्थानि। | इंदर – हमारे ऐसे अनेक मित्र हैं। वास्तव में वे दूसरे तरीके से समर्थ हैं। |
फेकन: – अत: वयं सर्वे प्राचार्यं मिलाम:। तं कथयाम:। शीघ्रमेव तेषां कृते व्यवस्था भविष्यति। | फेकन – इसलिए हम सब प्रिंसिपल से मिलते हैं। उनसे कहते हैं। शीघ्र ही उनके लिए व्यवस्था हो जाएगी। |