कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 7 एनसीईआरटी समाधान – जीव जनन कैसे करते हैं?
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 7 के लिए एनसीईआरटी समाधान पाठ 7 जीव जनन कैसे करते हैं? के प्रश्न उत्तर अभ्यास में दिए गए सवाल जवाब और पाठ के बीच बीच के पेजों के प्रश्नों के उत्तर छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। 10वीं कक्षा के ये समाधान सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित किए गए हैं। यूपी एमपी उत्तराखंड तथा बिहार बोर्ड के विद्यार्थी भी 10वीं विज्ञान के दिए गए समाधान का उपयोग कर इसका लाभ उठा सकते हैं। मोबाइल में समाधान प्राप्त करने के लिए छात्र कक्षा 10 विज्ञान ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, जो प्ले स्टोर से निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 7 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 7 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 7 के बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) उत्तर
पुष्प में नर और मादा युग्मकों (जनन-कोशिकाओं) को उत्पन्न करने वाले भाग कौन-से हैं?
जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण क्या प्रदर्शित करते हैं?
स्पाइरोगाइरा में, अलैंगिक जनन किसके द्वारा होता है?
एक स्पीशीज के जनकों और संततियों में गुणसूत्रों की संख्या किसके कारण नियत बनी रहती है?
लैंगिक रूप से जनन करने वाले जीवों में गुणसूत्र समान संख्या
युग्मक निर्माण के दौरान होने वाली न्यूनकारी विभाजन (अर्धसूत्री विभाजन) नर और मादा दोनों में ही गुणसूत्रों की संख्या को आधा कर देता है। चूँकि ये दोनों युग्मक निषेचन के दौरान परस्पर संलीन हो जाते हैं, अत: संतति में गुणसूत्रों की मूल संख्या (जैसी कि जनक में थी) फिर से वापस बन जाती है।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 7 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
यीस्ट के निवह जल में गुणन नहीं करते, बल्कि शर्करा के घोल में करते हैं। इसके लिए एक कारण बताइए।
यीस्ट में जीवन के सभी क्रियाकलापों का बनाए रखने के लिए ऊर्जा शर्करा उपलब्ध कराती है। जल में, अपनी कोशिकाओं में अपर्याप्त ऊर्जा के कारण, यीस्ट कोशिकाएँ जनन नहीं कर पातीं।
लैंगिक जनन से उत्पन्न संततियों में विविधताओं के पाए जाने के दो कारण बताइए।
लैंगिक जनन में लक्षणों के अलग-अलग समुच्चय करके दो जनक शामिल होते हैं। युग्मकों में जीनों के संयोजन अलग-अलग होते हैं।
जिन पुष्पों में परागण नहीं होता है तो ऐसे पुष्पों में निषेचन क्यों नहीं हो सकता?
एक फूल में निषेचन प्रक्रिया के लिए नर और मादा दोनों ही युग्मकों की आवश्यकता होती है। यदि परागण नहीं होता है तो नर युग्मक उपलब्ध नहीं होगा, अत: निषेचन संभव नहीं होगा।
यदि निषेचन न हो तो गर्भाशय में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?
गर्भाशय का मोटा और स्पंजी अस्तर धीरे-धीरे विखंडित हो जाता है और योनि के जरिए रुधिर एवं श्लेष्मा के रूप में बाहर निकल जाता है।
ब्रेड का कवक सूखे की अपेक्षा नम पर तीव्र गति से वृद्धि
हाइफाओं की वृद्धि के लिए नमी (आर्द्रता) एक महत्वपूर्ण कारक है। डबलरोटी के नम स्लाइस में नमी और पोषक पदार्थ दोनों ही कवक (ब्रेड मोल्ड) को मिल जाते हैं, अत: वह तेज़ी से वृद्धि करता है। डबलरोटी को सूखा स्लाइड पोषक पदार्थ तो प्रदान करता है किंतु नमी नहीं, इसलिए हाइप़े वृद्धि नहीं कर पाते।
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 7 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?
लैंगिक जनन एक उच्च विकसित प्रक्रिया है तथा अलैंगिक जनन कि तुलना में इसके अनेक लाभ है। लैंगिक जनन में दो भिन्न तथा लैंगिक असमानता वाले जीवों से आये युग्मकों का संलयन होता है। इस प्रकार के जनन में संततियों के गुणों में विभिन्नताएँ आती हैं और वर्णों के नए संयोजन के अवसर बढ़ते हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों में भी जाति के अस्तित्व को बचाए रखने में सहायता करती है।
मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?
मानव में शुक्राणुओं का निर्माण वृषण में होता है। वृषण से टेस्टोस्टीरोन हार्मोन उत्पन्न होता है जो शुक्राणुओं के उत्पादन तथा लड़कों में यौवनारंभ के लक्षणों (जैसे: चेहरे पर बालों का उगना, आवाज का मोटा होना, आदि) को भी नियंत्रित करता है।
ऋतुस्राव क्यों होता है?
गर्भाशय प्रत्येक माह भ्रूण को ग्रहण करने एवम् उसके पोषण के लिए तैयारी करता है, परन्तु यदि अंडकोशिका का निषेचित नहीं होता तो गर्भाशय की आन्तरिक भित्ति मांसल एवम् स्पंजी हो जाती है और निषेचन न होने के कारण यह परत धीरे – धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवम् म्यूकस के रूप में निकल जाती है। इस प्रक्रम को ही ऋतुस्राव या रजोधर्म कहते हैं। इसकी अवधि 2 से 8 दिनों की होती है।
एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति क्या अंतर है?
एक-कोशिक जीवों में जनन की अलैंगिक विधियाँ ही होती हैं जिनमें अधिकतर एक ही जनन कोशिका अन्य संतति कोशाकाओं में विभाजित हो जाती है। इस प्रकार के जनन में केवल एक ही प्रकार के जनक कि आवश्यकता होती है। जबकि बहुकोशिक जीवों में लैंगिक जनन होता है जिसमें एक नर तथा एक मादा जीव की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के जीवों में जनन के लिए लिए विशिष्ट कोशिकाएँ तथा विशेष अंग होते हैं जिनकी शरीर में स्थिति निश्चित होती है।
जनन किसी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?
जनन से जीव अपने ही प्रकार के और जीवों की उत्पत्ति कर के अपनी स्पीशीज़ के अस्तित्व को लंबे समय तक बनाए रह सकते हैं। यदि वे जनन नहीं करेंगे तो धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जाएगी और एक दिन ऐसा भी आएगा जब स्पीशीज़ का नामों निशान ही मिट जाएगा। इस प्रकार, जनन किसी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है।
डी.एन.ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है?
डी. एन. ए. के अणुओं में अनुवांशिक गुणों का सन्देश होता है जो जनक से संतति पीढ़ी में जाता है। अतः जनन की मूल घटना डी. एन. ए. की प्रतिकृति बनाना है। जनन कोशिका में विभिन्न रासायनिक क्रियाओं द्वारा डी. एन. ए. की दो प्रतिकृतियाँ बनती हैं जो एक – दूसरे से कुछ अलग हो सकती हैं। इसके बाद डी. एन. ए. की प्रतिकृतियाँ विलग हो जाती हैं। परिणामतः एक कोशिका विभाजित होकर दो कोशिकाएँ बनती हैं।
जीवों में विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?
किसी भी जीव में डी. एन. ए. उसकी शारीरिक संरचना तथा विकास के लिए उत्तरदायी होता है। इसी के कारण वह अपने आपको किसी भी वातावरण में रहने योग्य बना पाता है। वातावरण में अनेक परिवर्तन ऐसे भी होते हैं जो जीवों के नियंत्रण से बाहर होते हैं। जैसे: पृथ्वी का ताप कम या अधिक होना, बहुत कम या बहुत अधिक वर्षा का होना, आदि। इन अवस्थाओं में समष्टि का सम्पूर्ण विनाश भी संभव हो सकता है। परन्तु यदि जीवों में विविधता होगी तो इनमे से कुछ जीव ऐसे भी होंगे जो होने वाले वातावरण के परिवर्तन के बावजूद भी बचे रहेंगे और सम्पूर्ण समष्टि का विनाश नहीं होगा। परन्तु इस प्रकार की विभिन्नता व्यष्टि की उत्तरजीविता के लिए आवश्यक नहीं है।
परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?
परागकणों का किसी माध्यम (जैसे: कीट, पक्षी, वायु आदि) द्वारा परागकोष से वर्तिकाग्र तक से स्थानांतरण को परागण कहते हैं। जबकि पौधे में नर युग्मक (परागकण) तथा मादा युग्मक (अंडाशय) के संलयन द्वारा युग्मनज बनाने को निषेचन कहते हैं। परागण के पश्चात् ही निषेचन होता है।
शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?
प्रोस्टेट तथा शुक्राशय अपने स्राव (तरल पदार्थ) शुक्र वाहिनी में डालते हैं जिससे शुक्राणु एक तरल माध्यम में आ जाते हैं। इसके कारण इनका स्थानांतरण सरलता से होता है। साथ ही यह स्राव उन्हें पोषण भी प्रदान करता है।
यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन से परिवर्तन दिखाई देते हैं?
यौनारंभ के समय लड़कियों के स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगती है तथा स्तनाग्र कि त्वचा का रंग भी गहरा होने लगता है। इस समय लड़कियों में रजोधर्म होने लगता है और उनकी आवाज में भी परिवर्तन (पतली आवाज अर्थात तीखापन) आने लगता है।
माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?
माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को माँ के रुधिर से ही पोषण प्राप्त होता है। इसके लिए एक विशेष संरचना होती है जिसे प्लैसेंटा कहते हैं, जो एक तश्तरीनुमा संरचना है और गर्भाशय कि भित्ति में धंसी होती है। इसमें भ्रूण की ओर के ऊतक में प्रवर्ध होते हैं। माँ के ऊतकों में रिक्त स्थान होते हैं जो प्रवर्ध को आच्छादित करते हैं। यह माँ से भ्रूण को पोषण (ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवम अन्य पदार्थ) प्रदान करने हेतु एक वृहद् क्षेत्र प्रदान करते हैं।