कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 3 एनसीईआरटी समाधान – परमाणु एवं अणु
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 3 एनसीईआरटी समाधान पाठ 3 परमाणु एवं अणु अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा पाठ के बीच पेजों में दिए गए प्रश्नों के जवाब विस्तार से दिए गए हैं। वर्ग 9 विज्ञान अध्याय 3 के लिए ये समाधान सीबीएसई सत्र 2024-25 के अनुसार बनाए गए हैं। ऑफलाइन पढ़ने वाले विद्यार्थी पीडीएफ समाधान के लिए विद्यार्थी कक्षा 9 विज्ञान ऐप डाउनलोड करें। यह एप्लिकेशन प्ले स्टोर पर निशुल्क उपलब्ध है। प्रत्येक विद्यार्थी पहले प्रत्येक प्रश्न का उत्तर स्वयं लिखने का प्रयास करे और दिक्कत आने पर ही दिए गए कक्षा 9 विज्ञान के समाधान का प्रयोग करे।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 3 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 3 के लिए एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 3 के बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) उत्तर
एक परमाणु के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
निम्नलिखित में से किसमें परमाणुओं की संख्या अधिकतम होगी?
भौतिक अवस्था में परिवर्तन लाया जा सकता है:
परमाणु एवं अणु मे क्या अंतर है?
- परमाणु
किसी तत्व की सबसे छोटी इकाई, जो स्वतंत्र अवस्था में नहीं पायी जाती है बल्कि जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकती है, उसे परमाणु कहते हैं। जॉन डाल्टन एक गणितज्ञ और रासायनिक वैज्ञानिक थे जिन्होंने सबसे पहले यह सिद्ध किया की पदार्थ छोटे – छोटे कणो से मिलकर बना होता है जिन्हे उन्होंने परमाणु कहा और डाल्टन ने 1803 में अपना परमाणु सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसे डाल्टन का परमाणु सिद्धांत कहा जाता है। - अणु
अणु पदार्थ का वह छोटा कण है जो प्रकृति में स्वतंत्र अवस्था में पाया जाता है लेकिन रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग नहीं ले सकता है। रसायन विज्ञान में अणु दो या दो से अधिक, एक ही प्रकार या अलग अलग प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बना होता है।
यौगिकों के अणु तथा रसायनिक सूत्र किस प्रकार लिखते हैं?
- यौगिकों के अणु
भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में परस्पर जुड़कर यौगिकों के अणु निर्मित करते हैं। - आयन
आयन ऐसे परमाणु या अणु है जिसमें इलेक्ट्रानों और प्रोटोनों की संख्या असामान होती है। इससे आयन में विद्युत आवेश (चार्ज) होता है। अगर इलेक्ट्रॉन की तादाद प्रोटोन से अधिक हो तो आयन में ऋणात्मक आवेश होता है और उसे ऋणायन (ऐनायन) भी कहते हैं। और अगर प्रोटोनों की मात्रा अधिक हो तो धनात्मक आवेश होता है। - रासायनिक सूत्र लिखना
(a) आयन की संयोजकता अथवा आवेश संतुलित होना चाहिए।
(b) जब एक यौगिक किसी धातु एवं अधातु के संयोग से निर्मित होता है तो धातु के नाम अथवा उसके प्रतीक को रासायनिक सूत्र में पहले लिखते हैं तथा अधातु के नाम अथवा उसके प्रतीक को रासायनिक सूत्र में दायीं ओर लिखते हैं।
उदाहरणार्थ: कैल्सियम ऑक्साइड (CaO), सोडियम क्लोराइड (NaCl), आयरन सल्फाइड (FeS), कॉपर ऑक्साइड (CuO)…. इत्यादि।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 3 के अभ्यास के लिए सवाल जवाब
निम्नलिखित यौगिकों के आण्विक सूत्र लिखिए: (a) कॉपर (II) ब्रोमाइड (b) एल्युमिनियम (III) नाइटे्रट (c) कैल्सियम (II) फॉस्फेट (d) आयरन (III) सल्फाइड (e) मर्करी (II) क्लोराइड (f) मैग्नीशियम (II) एसीटेट
(a) CuBr₂
(b) Al(NO₃)₃
(c) Ca₃ (PO4)₂
(d) Fe₂ S₃
(e) HgCl₂
(f) Mg(CH₃COO)₂
निम्नलिखित यौगिकों में उपस्थित (यदि कोई हों) धनायनों और ऋणायनों को लिखिए: (a) CH₃COONa (b) NaCl (c) H₂ (d) NH₄NO₃
ऋणायन धनायन
(a) CH₃ COO⁻ Na⁺
(b) Cl⁻ Na⁺
(c) यह एक सहसंयोजक यौगिक है।
(d) NO₃⁻ NH₄⁺
क्या ताप के साथ पदार्थ की विलेयता परिवर्तित होती है? एक उदाहरण के साथ समझाइए।
हाँ, यह एक ताप निर्भर गुण है। ताप की वृद्धि के साथ सामान्यत: विलेयता बढ़ती है। उदाहरण के लिए, आप गरम जल में ठंडे जल की अपेक्षा अधिक शक्कर घोल सकते हैं।
कैल्सियम क्लोराइड को जब जल में विलेय किया जाता है, तो यह निम्नलिखित समीकरण के अनुसार अपने आयनों में वियोजित हो जाता है। CaCl₂ (aq) → Ca²⁺ (aq) + 2Cl⁻ (aq) CaCl₂ से प्राप्त आयनों की संख्या का परिकलन कीजिए, जब जल में इसके 222g विलेय किए जाते हैं।
1 मोल कैल्सियम क्लोराइड = 111g
इसलिए, 222g CaCl₂ 2 मोल के बराबर है
क्योंकि CaCl₂ की 1 सूत्र इकाई 3 आयन देती है। अतः 1 मोल CaCl₂, 3 मोल आयन देगा।
2 मोल CaCl₂, 6 मोल आयन देगा
आयनों की संख्या = आयनों के मोलों की संख्या x आवोग्रादो संख्या
= 6 × 6.022 ×10²³
= 36.132 ×10²³
= 3.6 132 ×10²⁴ आयन
आयनिक तथा आण्विक यौगिक क्या होते हैं? उदारहण दीजिए।
विभिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर निश्चित अनुपात में जुड़कर यौगिकों के अणु बनाते हैं। उदाहरण: जल, अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड। धातुओं और अधातुओं से बनने वाले यौगिकों में आवेशित स्पीशीज होते हैं। ये आवेशित स्पीशीज आयन कहलाते हैं। आयन एक आवेशित कण है और यह धनावेशित या ऋणावेशित हो सकता है। ऋणावेशित आयन ऋणायन और धनावेशित आयन धनायन कहलाता है। उदाहरण: सोडियम क्लोराइड, कैल्सियम क्लोराइड।
गोल्ड के एक नमूने में 90% गोल्ड और शेष कॉपर है। गोल्ड के इस नमूने के एक ग्राम में गोल्ड के कितने परमाणु उपस्थित हैं?
नमूने के एक ग्राम में गोल्ड की मात्रा = 90/100 = 0.9 g
गोल्ड के मोलों की संख्या = गोल्ड का द्रव्यमान / गोल्ड का परमाणु द्रव्यमान
= 0.9/197 = 0.0046
1 मोल में उपस्थित परमाणु Nᴀ = 6.022 x 10²³
इसलिए, 0.0046 मोल गोल्ड में उपस्थित परमाणुओं की संख्या = 0.0046 x 6.022 x 10²³
= = 2.77×10²¹
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 3 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
रासायनिक सूत्र का क्या तात्पर्य है?
किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है। रासायनिक सूत्र किसी यौगिक के अणु में उपस्थित तत्वों को प्रतीकों के माध्यम से प्रकट करता है। जैसे CaCO₃ (कैल्सियम कॉर्बोनेट) में कैल्सियम का एक, कार्बन का एक तथा ऑक्सीजन के तीन परमाणु उपस्थित हैं।
हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन द्रव्यमान के अनुसार 1:8 के अनुपात में संयोग करके जल निर्मित करते हैं। 3 g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण रूप से संयोग करने के लिए कितने ऑक्सीजन गैस के द्रव्यमान की आवश्यकता होगी?
हाइड्रोजन : ऑक्सीजन = 1:8 1 g
हाइड्रोजन की सम्पूर्ण अभिक्रिया के लिए जरुरी ऑक्सीजन = 8 g
इसलिए,
3 g हाइड्रोजन की सम्पूर्ण अभिक्रिया के लिए जरुरी ऑक्सीजन = 8×3 = 24 g
अतः, 3 g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण रूप से संयोग करने के लिए 24 g ऑक्सीजन गैस के द्रव्यमान की आवश्यकता होगी।
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा अभिगृहीत द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का परिणाम है?
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का निम्नलिखित अभिगृहीत द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का परिणाम है: परमाणु अविभज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं न ही उनका विनाश होता है।
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा अभिगृहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है?
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का निम्नलिखित अभिगृहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है: किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं।
परमाणु द्रव्यमान इकाई को परिभाषित कीजिए।
परमाणु द्रव्यमान इकाई: कार्बन – 12 समस्थानिक के एक परमाणु द्रव्यमान के 1/12वें भाग को मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।
एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों संभव नहीं होता है?
परमाणु बहुत छोटे होते हैं। ये किसी भी छोटी वस्तु, जिसकी हम कल्पना या तुलना कर सकते हैं, से भी छोटे होते हैं। इसलिए एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना संभव नहीं होता है। जैसे: हाइड्रोजन के परमाणु की त्रिज्या 10⁻¹⁰ m होती है।