कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 1 एनसीईआरटी समाधान – हमारे आस पास के पदार्थ
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान पाठ 1 हमारे आस – पास के पदार्थ अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा अध्याय के बीच के पेज में दिए गए प्रश्नों के उत्तर सहित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के जवाब विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 1 के सभी सवाल जवाब शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित किए गए हैं। सीबीएसई, यूपी, एमपी, बिहार तथा अन्य राजकीय बोर्ड के विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकते हैं। आवश्यकता के अनुसार प्रश्नों को चित्रों के माध्यम से समझाया गया है। ये सभी समाधान कक्षा 9 विज्ञान समाधान ऐप में भी उपलब्ध हैं।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान 2024-25
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 1 एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 1 के बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) उत्तर
सीमा ने एक प्राकृतिक गैस संपीडन इकाई का निरीक्षण किया तथा पाया कि ताप एवं दाब की विशिष्ट परिस्थितियों में गैस को द्रवित किया जा सकता है। अपने अनुभव को मित्रों के साथ बाँटते हुए वह भ्रमित हो गई। द्रवण के लिए परिस्थितियों के सही समुच्चय को पहचानने में उसकी मदद कीजिए।
तरल में प्रवाह का अद्वितीय गुण होता है। निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
ग्रीष्मकाल में जल को मिट्टी के बर्तन में रखने पर किस परिघटना के कारण वह ठंडा हो जाता है?
निम्नलिखित में से कौन-सी परिस्थिति जल के वाष्पन में वृद्धि करेगी?
पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
पदार्थ
पदार्थ की आम परिभाषा है कि ‘कुछ भी’ जिसका कुछ-न-कुछ वजन हो और कुछ-न-कुछ ‘जगह घेरता’ हो उसे पदार्थ कहते है। उदाहरण के तौर पर, एक कार जिसका वजन होता है और वह जगह भी घेरती है उसे पदार्थ कहेंगे। पदार्थ के कण बहुत छोटे होते हैं। पदार्थ के कणों के बीच स्थान होता है।
पदार्थ के कणों के अभिलाक्षणिक गुण
1. पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
2. पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं।
3. पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
पदार्थ की अवस्थाएँ
पदार्थ की तीन अवस्थाएं होती हैं:
- 1. ठोस अवस्था
- 2. द्रव अवस्था
- 3. गैसीय अवस्था
ठोस, द्रव और गसीय अवस्था में क्या अंतर होता है?
- ठोस अवस्था
ठोस वे रासायनिक पदार्थ होते है जिन्हें निश्चित आकार , आयतन , उच्च घनत्व आदि के आधार पर बांटा जाता है , ठोस पदार्थों में परमाणु ,अणु अथवा आयन निश्चित आकार और घनत्व में बहुत पास पास उपस्थित रहते है इसलिए इन्हें आसानी से दबाया नहीं जा सकता है अर्थात इनका घनत्व भी उच्च होता है।
उदाहरण: पेंसिल, लोहे का हथौड़ा, किताब इत्यादि। - द्रव अवस्था
एक ऐसा पदार्थ जिसका कोई आकार नही होता, लेकिन आयतन होता है, उसे द्रव कहते हैं। यह जगह के हिसाब से स्वतंत्र रूप से बह सकता है। अर्थात इसे जिस आकार के बर्तन मे रखेंगे, उस आकार का रूप ले लेता है।
जैसे: पानी, तेल इत्यादि। - गैसीय अवस्था
पदार्थ की वह भौतिक अवस्था जिसमें आकार तथा आयतन दोनों ही अनिश्चित होते हैं, गैसीय अवस्था कहते हैं।
जैसे: ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बनडाइऑक्साइड इत्यादि।
पदार्थ सम्बन्धी मुख्य अवधारणाएँ कौन कौन सी हैं?
पदार्थ सम्बन्धी मुख्य अवधारणाएँ एवं निष्कर्ष
- 1. द्रव्य सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है।
- 2. हमारे आस-पास द्रव्य तीन अवस्थाओं में विद्यमान होता है: ठोस, द्रव और गैस।
- 3. ठोस के कणों में आकर्षण बल सबसे अधिक, गैस के कणों में सबसे कम और द्रव के कणों में इन दोनों के मध्यवर्तीय होते हैं।
- 4. ठोस के कणों में ठोसों को निहित करने वाले कणों के बीच का रिक्त स्थान और गतिज ऊर्जा न्यूनतम, गैसों के लिए यह अधिकतम किंतु द्रवों के लिए मध्यवर्तीय है।
- 5. ठोसों के लिए उनके कणों की व्यवस्था अत्यधिक क्रमित होती है। द्रवों में कणों की परतें एक-दूसरे पर से फिसल व स्खलित हो सकती हैं, गैसों में कोई क्रम नहीं होता और इनके कण अनियमित रूप से विचरण करते हैं।
- 6. पदार्थ की अवस्थाएँ अंत:परिवर्तित होती हैं। पदार्थ की अवस्थाओं में परिवर्तन ताप और दाब में परिवर्तन से किया जा सकता है।
- 7. ऊर्ध्वपातन प्रक्रम में ठोस पदार्थ द्रव में परिवर्तित हुए बिना ही सीधे गैसीय अवस्था में आ जाता है।
- 8. निक्षेपण प्रक्रम में गैसीय पदार्थ सीधे ठोस अवस्था में आ जाता है।
- 9. क्वथनांक की समष्टि परिघटना जिसमें समष्टि के कण द्रव अवस्था से वाष्प में परिवर्तित होते हैं।
- 10. वाष्पीकरण एक सतह की परिघटना है। सतह के कण पर्याप्त ऊर्जा ग्रहण कर उनके बीच के परस्पर आकर्षण बलों को पार कर लेते हैं और द्रव को वाष्प अवस्था में परिवर्तित कर देते हैं।
- 11 वाष्पीकरण की गति निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है: सतही क्षेत्रफल जिसका वायुमंडल के प्रति परित्याग होता है, तापमान, आर्द्रता और वायु की गति।
- 12. वाष्पीकरण से ठंडक उत्पन्न होती है।
- 13. वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा ताप की वह मात्रा है जो 1 kg द्रव को वायुमंडलीय दाब और द्रव के क्वथनांक पर गैसीय अवस्था में परिवर्तन करने हेतु प्रयोग होती है।
- 14. संगलन की गुप्त ऊष्मा ऊर्जा की वह मात्रा है जो 1 kg ठोस को वायुमंडलीय दाब पर ठोस को उसके संगलन बिंदु पर लाने के लिए प्रयोग होती है।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 1 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
ग्रीष्मकाल में प्रियांशी तथा अली ने क्रमश: सूती तथा नाइलोन के वस्त्र पहन रखे हैं। आपकी समझ में कौन अधिक आरामदायक होगा तथा क्यों?
नाइलाने की तुलना में सूत अधिक जल अवशोषक होने के कारण पसीने का अवशोषण कर उसे वाष्पित होने में मदद करता है जिससे शीतलन होता है। अत: प्रियांशी अधिक आरामदायक रहेगी जबकि अली इतना आरामदायक नहीं रहेगा।
गलनांक तथा क्वथनांक पर किसी पदार्थ का ताप स्थिर क्यों रहता है?
गलनांक तथा क्वथनांक पर, जब तक कि सारा पदार्थ पूर्णत: पिघलता अथवा उबलता है वस्तु का ताप स्थिर रहता है, क्योंकि दी जाने वाली उष्मा, अवस्था परिवर्तन के समय कणों के मध्य आकर्षण बलों को तोड़ने में निरंतर प्रयुक्त होती है। ताप में परिवर्तन प्रदर्शित किए बिना इस अवशोषित उष्मा उर्जा को गलन की गुप्त ऊष्मा/वाष्पन की गुप्त उष्मा कहते हैं।
बर्फ के रूप में जल शीतलन प्रभाव रखता है जबकि भाप के रूप में जल गंभीर जलन कर सकता बर्फ के रूप में जल शीतलन प्रभाव रखता है जबकि भाप के रूप में जल गंभीर जलन कर सकता है। इन प्रेक्षणों को समझाइए।
बर्फ में जल के अणुओं की उर्जा कम होती है जबकि भाप में जल के अणुओं की उर्जा उच्च होती है। भाप में जल के अणुओं की उच्च ऊर्जा का उष्मा में रूपांतरण, जलन उत्पन्न करता है। वहीं दूसरी ओर, बर्फ में जल के अणु शरीर से उर्जा लेते हैं परिणामत: शीतलन प्रभाव देते हैं।
ठोस अवस्था का द्रव अवस्था में रूपांतरण गलन कहलाता है। गलन की गुप्त उष्मा से क्या तात्पर्य है?
एक वायुमंडलीय दाब पर एक किलोग्राम ठोस को उसके गलनांक पर द्रव में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक उष्मा को गलन की गुप्त उष्मा कहते हैं।
किसी विचाराधीन जल के नमूने का क्वथन ताप सामान्य दाब पर 102⁰C है। क्या जल शुद्ध है? क्या यह जल 0⁰C पर जमेगा? टिप्पणी कीजिए।
अवाष्पशील अशुद्धि की उपस्थिति के कारण इसका गलनांक 0⁰C से कम होगा।
परासरण एक विशिष्ट प्रकार का विसरण है। टिप्पणी कीजिए।
हाँ, यह सत्य है क्योंकि दोनों परिघटनाओं में कणों का गमन उच्च सांद्रता क्षेत्र से निम्न सांद्रता क्षेत्र की ओर होता है। यद्यपि परासरण की स्थिति में एक अर्धपारगम्य झिल्ली से विलायक के कणों का गमन होता है जो कि केवल जल के अणुओं के लिए पारगम्य है।
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 1 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ – गरमा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पँहुच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।
पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा उनके तापक्रम बढ़ने पर बढ़ती है। गरम खाने के कणो में गतिज ऊर्जा अधिक होती है। अधिक गतिज ऊर्जा के कारण गरम खाने के कणों में विसरण अधिक होता है। इसी कारण गरम खाने की गंध कई मीटर दूर तक पहुँच जाती है जबकि ठंडे खाने की महक लेने के लिए हमे उनके पास तक जाना पढ़ता है।
स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है?
जल के कणों के बीच दूरी अधिक होने के कारण आकर्षण बल कम होता है। इसलिए स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है।
पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं?
पदार्थ के कणों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है। पदार्थ के कण निरंतर गतिशील रहते है। पदार्थ के कणों के बीच अंतरा-अणुक आकर्षण बल होता है।
गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।कारण बताओ।
गैसों के अणुओं की गतिज ऊर्जा अधिकतम होती है तथा उनमे आकर्षण बल नगण्य होता है। इसलिए गैसों के अणु अत्यधिक तीव्र गति से सभी दिशाओ में गतिशील रहते है। इसी कारण उस धारक को पूरी तरह भर देते है जिसमे इसे रखा जाता है।
गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है। कारण बताओ।
अत्यधिक गतिज ऊर्जा के कारण गैस के अणु बर्तन की दीवारों से टकराते रहते है इसी कारण दीवारों पर दबाव डालते है।
सामान्तया ठोस पदार्थों की की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को जल में तैरते हुए देखा होगा। पता लगाइए, ऐसा क्यों होता है?
बर्फ का टुकड़ा ठोस होने के बावजूद उसमे हवा के बुलबुले अंदर कैद हो जाते है जिससे बर्फ का घनत्व जल के घनत्व से कम हो जाता है। जल से कम घनत्व होने के कारण ही बर्फ का टुकड़ा जल में तैरता है।
किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है?
पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान दी गयी ऊष्मा (गुप्त ऊष्मा), पदार्थ के कणों की बीच आणुविक बन्धो को तोड़ने में खर्च होती है। इसीलिए अवस्था परिवर्तन के दौरान दी गयी ऊष्मा पदार्थ का तापमान नहीं बढ़ा पाती।