एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 5

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 5 लोकतांत्रिक अधिकार के प्रश्न उत्तर तथा पाठ पर आधारित अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 9 नागरिक शास्त्र के पाठ 5 के प्रश्न उत्तर आप ऑनलाइन तथा पीडीएफ के रूप में ऑफलाइन दोनों ही प्रकार से प्रयोग कर सकते हैं। तिवारी अकादमी कभी किसी भी पठन सामग्री का कोई शुल्क नहीं है। कक्षा 9 के अन्य विषयों के लिए भी विद्यार्थी यहाँ से मदद ले सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान 9 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 5 के प्रश्न उत्तर

Q1

इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं है?

[A]. बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना।
[B]. ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की श्रृंखला चलाना।
[C]. सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को सामान वेतन मिलना।
[D]. बच्चों द्वारा माँ-बाप की संपत्ति विरासत में पाना।
Q2

इनमें से कौन-सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है?

[A]. सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता
[B]. सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता
[C]. सरकार बदलने के लिए आंदोलन शुरू करने की स्वतंत्रता
[D]. संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता
Q3

भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता है?

[A]. काम का अधिकार
[B]. पर्याप्त जीविका का अधिकार
[C]. अपनी संस्कृति की रक्षा अधिकार
[D]. निजता का अधिकार
Q4

लोकतंत्र और अधिकारों के बीच संबंधों के बारे में इनमें से कौन-सा बयान उचित है? अपनी पसंद के पक्ष में कारण बताएं?

[A]. हर लोकतांत्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है।
[B]. अपने नागरिकों को अधिकार देने वाला हर देश लोकतांत्रिक है।
[C]. अधिकार देना अच्छा है, पर यह लोकतंत्र के लिए जरूरी नहीं है।

प्रश्न:
उस मौलिक अधिकार का नाम बताएं जिसके तहत निम्नलिखित स्वतंत्रताएं आती हैं?
क. अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता
ख. जीवन का अधिकार
ग. छुआछूत की समाप्ति
घ. बेगार पर प्रतिबन्ध
उत्तर:
क. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
ख. स्वतंत्रता का अधिकार
ग. समानता का अधिकार
घ. स्वतंत्रता का अधिकार

प्रश्न:
स्वतंत्रता अधिकार पर ये पाबंदियां क्या उचित हैं? अपने जवाब के पक्ष में कारण बताएं।
क. भारतीय नागरिकों को सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
ख. स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ इलाकों में बाहरी लोगों को संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है।
ग. शासक दाल को अगले चुनाव में नुकसान पहुंचा सकने वाली किताब पर सरकार प्रतिबंध लगाती है।
उत्तर:
(क) देश की सुरक्षा किसी नागरिक की स्वतंत्रता के अधिकार से अधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए यह प्रतिबंध उचित है।
(ख) कुछ क्षेत्र सांस्कृतिक या पारिस्थितिक रूप से कमजोर हो सकते हैं और इसलिए बाहरी लोगों को ऐसे क्षेत्रों में संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है। यह प्रतिबंध भी उचित है।
(ग) यह प्रतिबंध उचित नहीं है क्योंकि हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।

प्रश्न:
मनोज एक सरकारी दफ्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया। वहां के किरानी ने उसका आवेदन लेने से मना कर दिया और कहा, ‘झाड़ू लगाने वाले का बेटा होकर तुम मैनेजर बनना चाहते हो। तुम्हारी जाति का कोई कभी इस पद पर आया है? नगरपालिका के दफ्तर जाओ और सफाई कर्मचारी के लिए अर्जी दो।’ इस मामले में मनोज के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है? मनोज की तरफ से जिला अधिकारी के नाम लिखे एक पत्र में इसका उल्लेख करो।
उत्तर:
निम्नलिखित अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।

    • समानता का अधिकार: कानून की नजर में हर कोई समान है। जन्म के आधार पर किसी को भी प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता। व्यक्ति अप्रत्यक्ष तरीके से “अस्पृश्यता” का अभ्यास कर रहा है, और यह कानून की नजर में एक अपराध है। अवसर के उनके अधिकार का भी उल्लंघन हो रहा है।
    • स्वतंत्रता का अधिकार: जब तक वह देश का नागरिक है, मनोज को किसी भी नौकरी के लिए आवेदन करने का अधिकार है।इन दो बिंदुओं को जिला कलेक्टर को अपने पत्र में इंगित किया जाना चाहिए।

प्रश्न:
जब मधुरिमा संपत्ति के पंजीकरण वाले दफ्तर में गई तो रजिस्ट्रार ने कहा, “आप अपना नाम मधुरिमा बनर्जी, बेटी ए.के. बनर्जी नहीं लिख सकतीं। आप शादीशुदा हैं और आपको अपने पति का ही नाम देना होगा। फिर आपके पति का उपनाम तो राव है। इसलिए आपका नाम भी बदलकर मधुरिमा राव हो जाना चाहिए।” मधुरिमा इस बात से सहमत नहीं हुई। उसने कहा, “अगर शादी के बाद मेरे पति का नाम नहीं बदला तो मेरा नाम क्यों बदलना चाहिए? अगर वह अपने नाम के साथ पिता का नाम लिखते रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं लिख सकती?” आपकी राय में इस विवाद में किसका पक्ष सही है? और क्यों?
उत्तर:
ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें कहा गया हो कि कोई महिला अपने विवाहित नाम पर ही संपत्ति रख सकती है। संविधान पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान अधिकार देता है। इसलिए अगर मधुरिमा अपने मायके का नाम देना चाहती हैं, हालांकि विवाहित हैं, तो उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। रजिस्ट्रार पारंपरिक हो रहा है।

प्रश्न:
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले के पिपरिया में हजारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य से अपने प्रस्तावित विस्थापन का विरोध करने के लिए जमा हुए। उनका कहना था कि यह विस्थापन उनकी जीविका और उनके विश्वासों पर हमला है। सरकार का दावा है कि इलाके के विकास और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उनका विस्थापन जरूरी है। जंगल पर आधारित जीवन जीने वाले की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र, इस मसले पर सरकार द्वारा दिया जा सकने वाला संभावित जवाब और इस मामले पर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर:
आदिवासियों से राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग को पत्र
.सरकार का प्रस्ताव मानव अधिकारों का उल्लंघन है।
.यह उनके जीने के अधिकार, उनकी मान्यताओं का पालन करने का अधिकार छीन रहा है।
.सदियों से जंगल उनकी आजीविका का साधन रहे हैं।
.उन्होंने यहां अपने अनुष्ठानों का अभ्यास किया है।
.उनके लिए कोई विकल्प नहीं सुझाया गया है।
.वन्यजीवों को कुछ नहीं हुआ है, तो यह अचानक ब्याज क्यों?
.विस्थापन उनके, उनके परिवारों, बच्चों और उनके भविष्य के लिए अनकहा दुख पैदा करेगा।

सरकार की ओर से प्रतिक्रिया
.सरकार ने दो साल पहले लोगों को चेतावनी दी थी।
.अवैध शिकार, पेड़ों की कटाई और वन्यजीवों की हत्या में खतरनाक वृद्धि हुई है।
.पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ा है।
.लुप्तप्राय प्रजातियों की सुरक्षा करना सरकार का कर्तव्य है।
.सरकार ने मुआवजे की पेशकश की है और वैकल्पिक स्थानों पर पुनर्वास का वादा किया है।
.पुरुषों को नौकरी की पेशकश की।

राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग की रिपोर्ट
.दोनों पक्षों की बात है।
.आदिवासियों की परंपरा, प्रथा और उनके पीछे दशकों का निवास स्थान है। यह उनकी दुनिया और जीवन है।
.अचानक हटाने से वे भावनात्मक रूप से परेशान हो जाएंगे, उन्हें पर्यटक में बदल देंगे और उन्हें नौकरी या व्यवसाय में मजबूर कर देंगे, जिनका उन्होंने कभी पालन नहीं किया।
.सरकार वन्यजीवों के लिए अपनी चिंता में सही है। कुछ प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाना उसका कर्तव्य है। शिकारियों का एक क्षेत्र दिवस होता है, और हर दिन पर्यावरण को खतरा होता है।
सुझाव: स्थानांतरण धीमा होना चाहिए, अचानक नहीं। सबसे पहले, सभी लोगों को आश्रय और व्यवसाय प्रदान किया जाना चाहिए। शिक्षा प्राथमिक चिंता होनी चाहिए। शिक्षा के माध्यम से ही युवा पीढ़ी नए परिवेश और व्यवसाय में कदम रख सकती है। एक परिवार को बेघर नहीं किया जाना चाहिए और बिना कब्जे के साधन नहीं होने चाहिए।

प्रश्न:
इस अध्याय में पढ़े विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएं। जैसे आने-जाने की स्वतंत्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। इसका एक कारण है कि आने-जाने की स्वतंत्रता के चलते व्यक्ति अपने गाँव या शहर के अंदर ही नहीं, दूसरे गाँव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आज़ादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएं और तीर के निशानों से बताएं कि कौन-से अधिकार आपस में जुड़े हैं। हर तीर के साथ संबंध बताने वाला एक उदाहरण भी दें।
उत्तर:
यह छात्रों की गतिविधि पर आधारित है, इसलिए छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे स्वयं करें।

कक्षा 9 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 5 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर

संविधान प्रदत मौलिक अधिकार से आप क्या समझाते हैं?

विश्व के अधिकतर लोकतन्त्रों की तरह भारत में भी संविधान द्वारा कुछ मौलिक अधिकार सभी नागरिकों को हासिल हैं। हमारा संविधान छः मौलिक अधिकार प्रदान करता है:

    • 1. समानता का अधिकार
    • 2. स्वतंत्रता का अधिकार
    • 3. शोषण के खिलाफ अधिकार
    • 4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
    • 5. शैक्षिक और सांस्कृतिक अधिकार
    • 6. संवैधानिक उपचार का अधिकार

संविधान में वर्णित समानता के अधिकार का क्या अर्थ है?

संविधान के अनुसार कानून के सामने सभी नागरिक समान हैं चाहे उनका पद, प्रतिष्ठा कुछ भी हो, इसे कानून का राज भी कहते हैं। कानून का राज ही लोकतंत्र की वुनियाद है।

स्वतंत्रता के अधिकार से क्या तात्पर्य है?

स्वतंत्रता का मतलब है बाधाओं का ना होना। व्यवहारिक जीअवन में इसका मतलब यह है कि दूसरा कोई हमारे मामलों में दखल न दे। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को कई तरह की स्वतंत्रता प्रदान करता है:

    1. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
    2. शांतिपूर्ण ढंग से जमा होने की स्वतंत्रता
    3. संगठन और संघ बनाने की स्वतन्त्रता
    4. देश में कहीं भी आने जाने की स्वतन्त्रता
    5. देश के किसी भी भाग में बसने की स्वतंत्रता
    6. कोई भी कार्य करने की स्वतंत्रता

शोषण के खिलाफ अधिकार का किस तरह से उपयोग किया जा सकता है?

समाज में अक्सर देखा जाता है कि सबल पक्ष हमेशा निर्बल पक्ष को दबाने की कोशिश करता है। यह एक तरह का शोषण है। संविधान हमें अधिकार देता है कि हम इसके खिलाफ आवाज उठायें तथा कानूनन शिकायत दर्ज करवाएं। संविधान में जिन तीन सामाजिक बुराइयों को शोषण की श्रेणी में रखा है और पूर्णतया निषेध किया गया है वे हैं:

    1. मानव जाती का व्यापार
    2. बेगार प्रथा या दास प्रथा और बंधुआ मजदूरी
    3. बाल-श्रम
धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार से क्या तात्पर्य है?

भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। शासन में किसी भी धर्म का हस्तक्षेप नहीं है। सरकार का काम सभी धर्मों के प्रति समभाव रखना है। देश में हर किसी को अपना धर्म मानने, उस पर आचरण करने तथा उसका प्रचार करने का अधिकार प्राप्त है।

सांस्कृतिक और शिक्षा के मूल अधिकार की क्या विशेषताएं हैं?

संविधान में अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों का विशेष ध्यान रखा गया है:

    1. नागरिकों में विशिष्ट भाषा और संस्कृति वाले किसी भी समूह को अपनी भाषा और संस्कृति बचाने का अधिकार है।
    2. किसी भी सरकारी और अनुदान वाले शैक्षिक संस्थान में किसी नागरिक को धर्म और भाषा के आधार पर दाखिला लेने से रोका नहीं जा सकता है।
    3. सभी अल्पसंख्यकों अपनी पसंद का शैक्षिक संस्थान स्थापित करने और चलाने का अधिकार है।
संवैधानिक उपचार के अधिकार से आप क्या समझाते हैं?

संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार महत्वपूर्ण हैं हमारे पास उन्हें लागू कराने के उपाय हैं। इसे संवैधानिक उपचार कहा जाता है यह भी एक मौलिक अधिकार है। यह अधिकार अन्य अधिकारों को प्रभावी बनता है।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का कार्यक्षेत्र क्या है?

देश में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया है। न्याय पालिका की तरह आयोग भी सरकार से स्वतंत्र है। आयोग की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा होती है। आयोग के सदस्य सेवानिवर्त जज, नौकरशाह तथा विशेष व्यक्ति होते हैं। मानव अधिकार आयोग किसी को सजा नहीं दे सकता है। आयोग मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में निष्पक्ष जांच करना है। आयोग अपनी जांच रिपोर्ट और सुझाव सरकार को सौंपते हैं या अदालती कारवाई में पीड़ित की मदद करता है।

कक्षा 9 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 5 एनसीईआरटी समाधान
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