एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 2

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 2 संविधान निर्माण नागरिक शास्त्र के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। विद्यार्थी कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान के नागरिक शास्त्र के पाठ 2 अभ्यास के सभी प्रश्न उत्तर मुफ़्त में प्राप्त कर सकते हैं। राजनीति विज्ञान पाठ 2 एनसीईआरटी पुस्तक पर आधारित अतिरिक्त प्रश्न उत्तर भी दिए गए हैं जो परीक्षा में छात्र-छात्राओं के लिए बहुत मददगार सिद्ध होंगे।

कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 2 के उत्तर

प्रश्न 1:
नीचे कुछ गलत वाक्य दिए गए हैं। हर एक में गई गलती पहचानें और इस अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।
क. स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो या नहीं, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।
ख. भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य संविधान में कही गई हरेक बात पर सहमत थे।
ग. जिन देशों में संविधान है वहां लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही होगी।
घ. संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।
उत्तर 1:
क. यह एक सही कथन है।
ख. संविधान के विभिन्न प्रावधानों पर भारत की संविधान सभा के सदस्यों की अलग-अलग राय थी।
ग. इस अध्याय में दी गई जानकारी के संदर्भ मेंनिश्चितता के साथ नहीं कहा जा सकता है।
घ. समाज की आकांक्षा में बदलाव के साथ संविधान में संशोधन किया जा सकता है।

Q1

दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में, इनमें से कौन-सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण था

[A]. दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का
[B]. स्त्रियों और पुरुषों का
[C]. गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
[D]. रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का
Q2

लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन-सा प्रावधान नहीं रहता?

[A]. शासन प्रमुख के अधिकार
[B]. शासन प्रमुख के नाम
[C]. विधायिका के अधिकार
[D]. देश का नाम

प्रश्न 4:
संविधान निर्माण में इन नेताओं और उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ :
क. मोतीलाल नेहरू 1. संविधान सभा के अध्यक्ष
ख. बी.आर.अंबेडकर 2. संविधान सभा की सदस्य
ग. राजेंद्र प्रसाद 3. प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष
घ. सरोजिनी नायडू 4. 1928 में भारत का संविधान बनाया
उत्तर 4:
क. मोतीलाल नेहरू 4. 1928 में भारत का संविधान बनाया
ख. बी.आर.अंबेडकर 3. प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष
ग. राजेंद्र प्रसाद 1. संविधान सभा के अध्यक्ष
घ. सरोजिनी नायडू 2. संविधान सभा की सदस्य

प्रश्न 5:
जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दें :
क. नेहरू ने क्यों कहा की भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है ?
ख. नए भारत के सपने किस तरह विश्व से जुड़े हैं?
ग. वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे?
घ. “हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख से आंसू पोंछने की है।” वे इस कथन में किसका जिक्र कर रहे थे?
उत्तर 5:
क. एक राष्ट्र के निर्माण का कार्य एक गर्वनीय कार्य है जिसे एक जीवनकाल में पूरा नहीं किया जा सकता है। इसलिए नेहरू ने अभिव्यक्ति का उपयोग किया था, “पूरी तरह से या पूर्ण माप में नहीं, बल्कि पर्याप्त रूप से”।
ग. जो शपथ वे भारत के संविधान निर्माताओ से लेना चहते थे वह यह थी कि वे अपना जीवन भारतीय लोगो की सेवा को अर्पित कर दे। वह चाहता थे कि वे उस बड़ी ज़िम्मेदारी को समझें जो नियति ने उन्हे दी हैं।
घ. वह महात्मा गांधी का जिक्र कर रहे थे।

प्रश्न 6:
हमारे संविधान दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए।
क. संप्रभु 1. सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।
ख. गणतंत्र 2. फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों पास है।
ग. बंधुत्व 3. शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
घ. धर्मनिरपेक्ष 4. लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
उत्तर 6:
क. संप्रभु 2. फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों पास है।
ख. गणतंत्र 3. शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
ग. बंधुत्व 4. लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
घ. धर्मनिरपेक्ष 1. सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।

प्रश्न 7:
कुछ दिन पहले नेपाल आपके एक मित्र ने वहां की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहां अनेक राजनैतिक पार्टियां राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था की राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज्यादा अधिकार दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियां नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधान सभा गठित करने की मांग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।
उत्तर 7:
दोनों विकल्प प्रशंसनीय हैं। यदि मौजूदा संविधान उचित है तो निर्वाचित प्रतिनिधियों को और अधिक शक्तियों को शामिल करने के लिए इसमें संशोधन किया जा सकता है। यदि मौजूदा संविधान खामियों से भरा है, तो एक नए संविधान का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। इसके लिए, निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल करके एक संविधान सभा का गठन किया जाना चाहिए और उन्हें सामूहिक रूप से किसी विशेष विकल्प के बारे में निर्णय लेना चाहिए।

प्रश्न 8:
भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं । आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण कारण मानते हैं?
क. अंग्रेज़ शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय असेंबलियों के ज़रिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।
ख. हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेषिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आज़ादी न दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।
ग. हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
उत्तर 8:
क. इस तथ्य के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हमें स्वीकार करना चाहिए कि हमने ब्रिटिश शासकों से कई अच्छी चीजें सीखीं और लोकतंत्र उनमें से एक था।
ख. भारत में राष्ट्रवाद के विचार को फैलाने और सर्वसम्मति से निर्णय लेने के अभ्यास को बढ़ाने के लिए स्वतंत्रता संघर्ष महत्वपूर्ण था।
ग. हम वास्तव में भाग्यशाली थे कि हमारे पास ऐसे नेता नहीं थे जो निरंकुश थे। भारत का स्वतंत्रता संग्राम समकालीन इतिहास में रक्तहीन स्वतंत्रता संघर्ष का एकमात्र उदाहरण है। यह संभव हो सकता है क्योंकि हमारे राष्ट्रवादी नेताओं में दूसरों के विचारों को सुनने की परिपक्वता थी।

प्रश्न 9:
1912 में प्रकाशित ‘विवाहित महिलाओं के लिए आचरण’ पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़े :
“ईश्वरनेऔरतजातिकोशारीरिकऔरभावनात्मक, दोनों ही तरह से ज्यादा नाजुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें जीवन भर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है-कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहीत होना चाहिए की वे अपने आपको पुरुषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।” क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते है या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं?
उत्तर 9:
संविधान हर नागरिक के साथ समान रूप से लैंगिक भेद करता है। इसलिए यह अनुच्छेद हमारे संविधान में अंतर्निहित मूल्य को नहीं दर्शाता है।

प्रश्न 10:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।
क. संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।
ख. संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस तरह होगा।
ग. नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।
घ. संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।
उत्तर 10:
क. यह एक सही कथन नहीं है क्योंकि संविधान के नियमों का अधिकार किसी भी अन्य कानून की तुलना में बहुत अधिक है।
ख. नहीं, यह सही नहीं है क्योंकि हमारा संविधान यह बताता है कि सरकार के विभिन्न अंगों का गठन कैसे किया जाएगा।
ग. यह एक सही कथन है क्योंकि हमारे संविधान में नागरिकों के अधिकारों और सरकार की शक्ति पर सीमाएं स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई हैं।
घ. एक संविधान उन संस्थानों के बारे में है, जिनके माध्यम से विभिन्न मूल्यों को विकसित किया जा रहा है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 2 अतिरिक्त प्रश्न उत्तर

संविधान को परिभाषित कीजिए?

कुछ बुनियादी नियम है जिनका पालन नागरिकों और सरकार, दोनों को करना होता है। ऐसे सभी नियमों का सम्मिलित रूप संविधान कहलाता है। देश का सर्वोच्च कानून होने की हैसियत से संविधान नागरिकों के अधिकार, सरकार की शक्ति और उसके कामकाज के तौर-तरीकों का निर्धारण करता है।

दक्षिण अफ्रीका को स्वतन्त्रता कब मिली और इसमे मुख्य भूमिका किसने निभाई?

दक्षिण अफ्रीका को स्वतन्त्रता लम्बे संघर्ष के बाद मिली, क्योंकि अफ्रीका में बसे हुए एक चौथाई गोरे लोग तीन चौथाई अश्वेत मूलनिवासियों पर राज कर रहे थे। 26 अप्रैल 1994 मध्य रात्री को नया झंडा लहराया गया। आजादी दिलाने में नेल्सन मंडेला की महत्वपूर्ण भूमिका रही जिन्होंने 28 साल जेल में काटे। नेल्सन मंडेला को देश का पहला राष्ट्रपति बनाया गया।

हमें संविधान की जरुरत क्यों है?

संविधान लिखित नियमों की ऐसी किताब है जिसे किसी देश में रहने वाले सभी लोग सामूहिक रूप से मानते हैं। संविधान सर्वोच्च कानून है। जिससे किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों (जिन्हें नागरिक कहा जाता है) के बीच के आपसी संबंध तय होने के साथ-साथ लोगों और सरकार के बीच के संबंध भी तय होते हैं। संविधान अनेक कार्य करता है जिनमें प्रमुख हैं:

    1. देश के सभी लोगों के बीच भरोसा और सहयोग विकसित करता है।
    2. संविधान यह स्पष्ट करता है कि फैसला लेने का अधिकार किसको है।
    3. सरकार तथा नागरिकों के अधिकार की सीमा बताता है।
    4. अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आक्षाओं को व्यक्त करता है।

भारत के संविधान के निर्माता कौन थे?

भारतीय संविधान सभा के लिये जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे। संविधान सभा की पहली बैठक दिसंबर1946 को हुई थी। भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे। इस सभा का अध्यक्ष डा० राजेन्द्र प्रसाद को चुना गया था। इस सभा ने 26 नवम्बर 1949 को संविधान लेखन का कार्य पूर्ण कर लिया था। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारतीय संविधान की प्रारूप कमेटी के प्रमुख कौन थे?

संविधान सभा के अन्दर से ही एक प्रारूप कमेटी का चयन हुआ जिसके प्रमुख का पद डा० भीमराव आंबेडकर को बनाया गया। इस कमेटी में कुल 7 सदस्य थे।

प्रस्तावना को भारतीय संविधान की आत्मा क्यों कहा जाता है?

प्रस्तावना या उद्देशिका को भारत के संविधान की आत्मा इसलिए भी कहा जा सकता है, क्योंकि इसमें संविधान के बारे में सब कुछ बहुत संक्षेप में मौजूद है। प्रस्तावना को संविधान की आत्मा की संज्ञा ठाकुरदास भार्गव ने दी थी।

समय-समय पर संविधान में संशोधन की जरुरत क्यों पड़ती है?

समयानुसार समाज में हो रहे बदलाव को परिलाक्षित करने के लिए संविधान में आवश्यकतानुसार बदलाव अपरिहार्य है इसलिए समय-समय पर संशोधन की जरुरत पड़ती है। अभी तक संविधान में 104 संशोधन हो चुके हैं।

संविधान की प्रस्तावना के मुख्य बिंदु कौन से हैं?

संविधान की प्रस्तावना के मुख्य बिंदु निम्न हैं:

    • 1. प्रभुत्व सम्पन्न
    • 2. पंथनिरपेक्ष
    • 3. लोकतंत्रात्मक गणराज्य
    • 4. न्याय
    • 5. स्वतन्त्रता
    • 6. समता
    • 7. बंधुत्व
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