कक्षा 7 नागरिक शास्त्र अध्याय 2 एनसीईआरटी समाधान – स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 नागरिक शास्त्र अध्याय 2 स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका के अभ्यास के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क डाउनलोड किए जा सकते हैं। छात्र सामाजिक विज्ञान में कक्षा 7 के नागरिक जीवन के पाठ 2 के सभी प्रश्नों के उत्तर तिवारी अकादमी वेबसाइट तथा ऐप से मुफ़्त में पा सकते हैं। ये समाधान पीडीएफ के साथ साथ विडियो में भी उपलब्ध हैं।
कक्षा 7 नागरिक शास्त्र अध्याय 2 के लिए एनसीईआरटी समाधान
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 नागरिक शास्त्र अध्याय 2 स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के बारे में हम अनेक प्रकार से सोच सकते हैं। स्वास्थ्य का अर्थ है, हमारा बीमारियों और चोट आदि से मुक्त रहना। लेकिन स्वास्थ्य केवल बीमारियों से संबंधित नहीं है। बीमारी के अलावा हमारे लिए उन कारणों पर भी विचार करना आवश्यक है, जो हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए यदि लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी और प्रदूषण-मुक्त वातावरण मिले, तो वे सामान्यतया स्वस्थ रहेंगे। दूसरी ओर, यदि लोगों को भरपेट भोजन न मिले अथवा उन्हें घुटनभरी अवस्था में रहना पड़े, तो उनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक है।
भारत में स्वास्थ्य सेवाएँ
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की सकारात्मक और नकारात्मक स्थिति इस प्रकार है:
सकारात्मक स्थिति | नकारात्मक स्थिति |
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संसार भर में भारत में सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय हैं और यहाँ सबसे अधिक डॉक्टर तैयार किए जाते हैं। लगभग हर वर्ष 15ए000 नए डॉक्टर योग्यता प्राप्त करते हैं। | भारत के अधिकांश डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में बसते हैं। ग्रामवासियों को डॉक्टर तक पहुँचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के मुकाबले डॉक्टरों की संख्या काप़ी कम है। |
पिछले वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा में काफी वृद्धि हुई है। सन् 1950 में भारत में केवल 2,717 अस्पताल थे। सन् 1991 में 11,174 अस्पताल थे और सन् 2000 में यह संख्या बढ़कर 18,218 हो गई। | भारत में करीब पाँच लाख लोग प्रतिवर्ष तपेदिक (टी.बी.) से मर जाते हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति से अब तक इस संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। हर वर्ष मलेरिया के लगभग बीस लाख मामलों की रिपोर्ट प्राप्त होती है। यह संख्या कम नहीं हो रही है। |
भारत में विदेशों से बहुत बड़ी संख्या में इलाज कराने हेतु चिकित्सा पर्यटक आते हैं। वे उपचार के लिए भारत के कुछ ऐसे अस्पतालों में आते हैं, जिनकी तुलना संसार के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों से की जा सकती है। | हम सबको पीने का स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। संचारणीय बीमारियाँ पानी के द्वारा एक से दूसरे को लगती हैं। इन बीमारियों में से 21 जलजनित होती हैं। जैसे-हैज़ा, पेट के कीड़े और हैपेटाइटिस |
भारत विश्व का दवाइयाँ निर्मित करने वाला चौथा बड़ा देश है और यहाँ से भारी मात्रा में दवाइयों का निर्यात होता है। | भारत के समस्त बच्चों में से आधों को खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है और वे अल्प-पोषण के शिकार रहते हैं। |
बीमारियों से किस प्रकार से बचाव किया जा सकता है? इसके लिए सरकार को क्या उपाय करने चाहिए?
बीमारियों से बचाव और उनके उपचार के लिए हमें उचित स्वास्थ्य सेवाएँ चाहिए, जैसे: स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल, परीक्षणों के लिए प्रयोगशालाएँ, एंबुलेंस की सुविधा, ब्लडबैंक आदि, जो मरीज़ों को आवश्यक सेवा और देखभाल उपलब्ध करा सकें। ऐसी सुविधाओं की व्यवस्था को चलाने के लिए हमें स्वास्थ्य सेवकों, नर्सों, योग्य डॉक्टरों तथा अन्य विशेषज्ञों की ज़रूरत है, जो परामर्श दे सकें, रोग की पहचान कर सकें और इलाज कर सकें। मरीज़ों के इलाज के लिए हमें आवश्यक दवाइयाँ व उपकरण भी चाहिए। जब हम बीमार होते हैं, तो अपने इलाज के लिए हमें इन सुविधाओं की ज़रूरत पड़ती है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ
सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य केद्रों व अस्पतालों की एक शृंखला है, जो सरकार द्वारा चलाई जाती है। ये केंद्र व अस्पताल आपस में जुड़े हुए हैं, जिससे ये शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को सुविधाएँ प्रदान करते हैं और सभी बीमारियों (साधारण से लेकर विशेष देखभाल की ज़रूरत वाली बीमारियाँ) का इलाज प्रदान करते हैं। ग्राम के स्तर पर एक स्वास्थ्य केंद्र होता है, जहाँ प्राय: एक नर्स और एक ग्राम स्वास्थ्य सेवक रहता है। इन्हें सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की देखरेख में कार्य करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा केंद्र कई गाँवों की ज़रूरतों को पूरा करता है। जिला स्तर पर जिला अस्पताल होता है, जो इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों की देखरेख करता है। बड़े शहरों में कई सरकारी अस्पताल होते हैं।
सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा क्यों कहा जाता है?
सरकारी स्वास्थ्य सेवा को कई कारणों से ‘सार्वजनिक’ कहा जाता है। सरकार ने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए ये अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं। इन सेवाओं को चलाने के लिए धन उस पैसे से आता है जो लोग सरकार को टैक्स के रूप में देते हैं। इसलिए ये सुविधाएँ सबके लिए हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण पहलू यह है कि इसका उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ नि:शुल्क या बहुत कम कीमत पर देना है, जिससे गरीब लोग भी इलाज करा सकें।