कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 8 रहीम के दोहे के प्रश्न उत्तर

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 8 रहीम के दोहे के अभ्यास के प्रश्न उत्तर, दोहों की व्याख्या और अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। सातवीं कक्षा के छात्र हिंदी वसंत पाठ 8 की तैयारी यहाँ दी गई अध्ययन सामग्री की मदद से आसानी से कर सकते हैं।

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पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करने वाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए।

कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।।

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।।

नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए।

तरुवर फल……………….सचहिं सुजान।।
यदि हम इस दोहे के सार को अपने जीवन में उतार लें तो सारे झगडे़ ही समाप्त हो जाएं । कोई किसी से बैर न करे सभी दूसरों के कल्याण के लिए कार्य करें। जैसे दोहे के अनुसार नदी और पेड़ के स्वभाव के बारे में बताया गया है , दानों ही दूसरों के लिए कार्य करते हैं।

रहीम ने क्वार के मास में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजने वाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?

क्वार के मास में आसमान में घिरने वाले बादल ऐसे लगते हैं जैसे कि बरस पड़ेंगे पर बिना बरसे ही गरज कर चले जाते हैं। ठीक वैसे ही वे व्यक्ति हैं जो पहले अमीर थे पर अब गरीब हो चुके हैं पर उनके अंदर से अभी वह अकड़ नहीं गई है और वे अपने वही पुराने दिनों की डींगें मारते रहते हैं। इसके विपरीत सावन में बरसने वाले बादल उन लोगों की तरह हैं जो डींगें नहीं मारते अपने काम से लोगों को प्रभावित करते हैं।

नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे?

धरती की-सी……………….यह देह।।
जैसे धरती हर मौसम को हॅंसते-हॅंसते सह लेती है और पेड-पौधों तथा लहलहाती फसल के रूप में हॅंसती सी दिखाई देती है ठीक वैसे ही यह शरीर भी है जो हर मौसम के अनुसार ढल जाता है।

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