कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 10 खानपान की बदलती तसवीर के प्रश्न उत्तर

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 10 खानपान की बदलती तसवीर के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्र के लिए सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। 7वीं कक्षा में हिंदी वसंत भाग 2 के पाठ 10 के लिए छात्र यहाँ से अध्ययन सामग्री के साथ-साथ अतिरिक्त अभ्यास के लिए भी प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।

खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का क्या मतलब है? अपने घर के उदाहरण देकर इसकी व्याख्या करें?

खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का तात्पर्य यह है कि हम अपने स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ देश के विभिन्न प्रांतों के पकवानों व व्यंजनों का स्वाद जानें और उनका भी आनंद लें जिससे कि व्यंजनों की विविधता और उसके स्वाद तथा उनके बनाने की विधि को भी जान सकें। जैसे कि कोई उत्तर भारतीय यदि अपने घर में रोटी, पूड़ी, पॅंराठे, दाल-चावल का आनंद लेता है, तो वह कभी-कभी दक्षिण भारत के व्यंजन इडली-डोसा-सांभर को बनाकर उन व्यंजनों का आनंद भी ले लेता है।

खानपान में बदलाव के कौन से फायदे हैं? फिर लेखक इस बदलाव को लेकर चिंतित क्यों है?

खानपान में बदलाव के बहुत से फायदे हैं जैसे कि:
रोज एक तरह का खाना नहीं खाना पड़ता।
दूसरे स्थानों के व्यंजनों का आनंद हम एक ही स्थान पर ले सकते हैं।
रोज के खाने में विविधता आ जाती है।
जल्दी या देर से पकने वाले व्यंजनों के बारे में पता चलता है।
समय के अनुसार व्यंजन का निर्धारण किया जा सकता है।
नुकसान:
स्थानीय व्यंजनों के बारे में लोगों का रुझान कम होता जा रहा है।
लोग अपने व्यंजनों को छोड़कर दूसरे व्यंजनों को ज्यादा महत्व देने लगे हैं।
स्थानीय व्यंजन अपने स्थान पर धीरे-धीरे लुप्त होने लगे हैं। उनका प्रचलन दूसरे स्थानों पर बढ़ने लगा है।

खानपान के मामले में स्थानीयता का क्या अर्थ है?

पूरे देश में हर जगह के खाने की अलग-अलग परम्परा है कहीं का कुछ मशहूर है, तो कहीं का कुछ जैसे आगरे का पेठा, बिहार का लिट्टी-चोखा, पंजाब का सरसों का साग और चने की रोटी, बंगाल का रसगुल्ला आदि। ये सब अपनी जगह के अनुसार मशहूर हैं, मगर हर आदमी तो इनका स्वाद उस स्थान पर जाकर नहीं ले सकता। इसीलिए जगह-जगह लिखा होता है कि अमुक स्थान की मशहूर चीज यहाँ मिलती है और लोग उसी स्थान की वस्तु का नाम के आधार पर आनंद ले लेते हैं।

यहाँ खाने, पकाने और स्वाद से संबंधित कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से देखिए और इनका वर्गीकरण कीजिए। उबालना, तलना, भूनना, सेंकना, दाल, भात, रोटी, पापड़, आलू, बैंगन, खट्टा, मीठा, तीखा, नमकीन, कसैला। भोजन कैसे पकाया स्वाद

भोजन कैसे पकाया स्वाद
दाल उबाला नमकीन
भात उबाला नमकीन और फीका
रोटी सेंकी फीकी और मीठी
पापड़ भूना, तला नमकीन
आलू भूना, उबाला नमकीन
बैंगन भूना ,उबाला नमकीन और कसैला

खानपान के मामले में शुद्धता का मसला काफी पुराना है। आपने अपने अनुभव में इस तरह की मिलावट को देखा है? किसी फिल्म या अखबारी खबर के हवाले से खानपान में होने वाली मिलावट के नुकसानों की चर्चा कीजिए।

जैसे-जैसे लोगों में बाहर खाने का चलन बढ़ रहा है वैसे-वैसे मिलावट का धंधा भी जोर पकड़ रहा है। आज के समय में बाजार में लगभग हर वस्तु में मिलावट देखने को मिलती है लोग अपने थोड़े से फायदे के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने में भी नहीं हिचकिचाते और लोग स्वाद के कारण उस मिलावटी सामान को खा जाते हैं जिसके दूरगामी परिणाम भी देखने को मिलते हैं और नई-नई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।

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