कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 6 एनसीईआरटी समाधान – नगर प्रशासन

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 6 नगर प्रशासन के सभी प्रश्न उत्तर और अतिरिक्त प्रश्नोत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 6 नागरिक शास्त्र पाठ 6 में, छात्र सीखेंगे कि कैसे शहर प्रशासन पानी और बिजली जैसी बुनियादी सेवाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शहर प्रशासन की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का विवरण देता है। छात्र पढ़ेंगे कि नगर निगम शहर प्रबंधन कैसे कार्य करते हैं। भारत में नगरीय प्रबंधन की जिम्मेदारी नगर निगमों या नगर परिषदों की होती है। शहरी क्षेत्रों में, नगर निगम स्ट्रीट लाइटिंग, कचरा संग्रहण, जलापूर्ति, सड़क और बाजार की सफाई, उद्यान निर्माण और रखरखाव जैसी गतिविधियों के लिए विश्वसनीय इकाई हैं।

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नगर प्रशासन

एक गाँव के मुकाबले शहर ज़्यादा बड़ा और अधिक फैला हुआ होता है। शहर की गलियाँ ज़्यादा चौड़ी होती हैं, यहाँ के बाज़ारों में ज़्यादा भीड़-भाड़ होती है। पानी और बिजली की सुविधाएँ होती हैं, अस्पताल होते हैं। यहाँ बहुत ज़्यादा वाहन होते हैं और यातायात को नियंत्रित करना पड़ता है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह सब इतने सुचारु रूप से कैसे चलता है। इन सबके प्रंबंधन के लिए एक प्रशासनिक संस्था होती है। जिसे नगर पालिका, नगर निगम, महानगर पालिका आदि नामों से जाना जाता है।

नगर प्रशासन के क्या कार्य होते हैं?

शहर को अलग-अलग वार्डों में बाँटा जाता है और हर वार्ड से एक पार्षद का चुनाव होता है। कुछ पार्षद मिलकर समितियाँ बनाते हैं जो विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करके निर्णय लेती हैं: उदाहरणस्वरूप एक बस स्टैंड को बेहतर बनाना है या किसी भीड़भाड़ वाले बाज़ार का कचरा ज़्यादा नियमित रूप से साप़ करना है या फिर शहर के मुख्य नाले की सप़ाई होनी है। पार्षदों की समितियाँ ही पानी, कचरा जमा करने और सड़कों पर रोशनी आदि की व्यवस्था करती हैं। जहाँ पार्षदों की समितियाँ एवं पार्षद विभिन्न मुद्दों पर निर्णय लेने का काम करते हैं। वहीं उन्हें लागू करने का काम आयुक्त (कमिश्नर) और प्रशासनिक कर्मचारी करते हैं।

नगर निगम को बजट के लिए पैसा कहाँ से मिलता है?

नगर निगम का अपना एक बजट होता है। इतने सारे काम करने के लिए बहुत सारा पैसा चाहिए। निगम यह राशि अलग-अलग तरीकों से इकट्ठा करता है। इस राशि का बड़ा भाग लोगों द्वारा दिए गए कर (टैक्स) से आता है। कर वह राशि है जो लोग सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के लिए सरकार को देते हैं। जिन लोगों के अपने घर होते हैं उन्हें संपत्ति कर देना होता है और साथ ही पानी, बिजली एवं अन्य सुविधाओं के लिए भी कर देना होता है।

नगर निगम में कौन-कौन से विभाग होते हैं?

नगर निगम शहर में काम को अलग-अलग विभागों में बाँट देते हैं। जैसे जल विभाग होता है, कचरा जमा करने का विभाग, उद्यानों की देखभाल का विभाग, सड़क व्यवस्था का विभाग, इत्यादि।

नगर निगम घरों से निकालने वाले कचरे का प्रंबंधन कैसे करता है?

शहर में कूड़ा-कचरे की मात्रा जनसँख्या के हिसाब से होती है। नगर निगम इसे पहले घरों से इकट्ठा करने का कार्य करता है फिर ट्रकों में भरकर कूड़ा निस्तारण की जगह पर फेंका जाता है कुछ कूड़े का पुनरावर्तन भी किया जाता है।

सूरत में प्लेग क्यों फैला था और उसके बाद क्या कदम उठाये गए?

1994 में सूरत शहर में भयंकर प्लेग फैला था। सूरत भारत के सबसे गंदे शहरों में एक था। लोग घरों का और होटलों का भी कूड़ा-कचरा पास की नाली में या सड़क पर ही फेंक देते थे। इससे सफाई कर्मचारियों को कूड़ा-कचरा उठाने तथा उसे ठिकाने लगाने में काफी मुश्किल होती थी। ऊपर से नगर निगम अपना काम नियमित रूप से नहीं कर रहा था जिससे स्थिति और भी बदतर हो गयी थी। प्लेग हवा के ज़रिए फैलता है। जिन लोगों को प्लेग हो जाए उन्हें दूसरों से अलग रखना पड़ता है। सूरत में उस साल बहुत से लोगों ने अपनी जान गँवाई। करीब तीन लाख से अधिक लोगों को शहर छोड़ना पड़ा। प्लेग के डर ने यह अनिवार्य कर दिया कि नगर निगम मुस्तैदी से काम करे। सारे शहर की अच्छी तरह से सफाई हुई। आज की तारीख में चंडीगढ़ के बाद भारत के सबसे साफ शहरों में दूसरा स्थान सूरत का है।

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