कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 4 एनसीईआरटी समाधान – पंचायती राज
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 4 पंचायती राज के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से मुफ़्त प्राप्त किए जा सकते हैं। राजनीति विज्ञान के इस पाठ 4 में आप सीखेंगे कि जब लोग अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं तो क्या होता है और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्णय कैसे किए जाते हैं। साथ ही, आप पंचायत, ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर), पंचायत समिति (ब्लॉक स्तर) और जिला परिषद (जिला स्तर) के तीन स्तरों के बारे में जानेंगे। भारत में, पंचायती राज सरकार की एक प्रणाली है जिसमें ग्राम पंचायत स्थानीय प्राधिकरण की मूल इकाई है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के बीच की कड़ी इस प्रकार है कि ग्राम सभा लोगों का एक समूह है और सभी ग्राम पंचायत कार्य कार्यक्रमों की नीतियाँ लोगों के सामने होती हैं। ग्राम सभा सदस्य केवल ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव करते हैं।
कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 4 के लिए एनसीईआरटी समाधान
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 4 पंचायती राज
पंचायती राज
पंचायती राज भारत सरकार की एक शाखा है जो ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की एक प्रणाली है, जिसमें ग्रामीण स्तर पर प्रत्येक गांव अपनी गतिविधियों के लिए स्वयं जिम्मेदार होता है. यह एक प्रकार का स्थानीय निकाय है जो ग्रामीण के कल्याण के लिए काम करती है।
ग्राम सभा का गठन किस प्रकार होता है?
ग्राम सभा एक पंचायत के क्षेत्र में रहने वालेसभी वयस्कों की सभा होती है। हो सकता है कि उसमें सिर्फ एक गाँव हो या एक से ज़्यादा। कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे ज़्यादा हो, जिसे वोट देने का अधिकार प्राप्त हो और जिसका नाम गाँव की मतदाता सूची में हो, वह ग्राम सभा का सदस्य होता है। एक ग्राम पंचायत कई वार्डों (छोटे क्षेत्रों) में बँटी हुई होती है। प्रत्येक वार्ड अपना एक प्रतिनिधि चुनता है जो वार्ड पंच के नाम से जाना जाता है। इसके साथ पंचायत क्षेत्र के लोग मिलकर सरपंच को चुनते हैं, जो पंचायत का मुखिया होता है। वार्ड पंच और सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत का गठन पाँच साल के लिए करते हैं।
ग्राम पंचायत के क्या कार्य हैं?
ग्राम पंचायत गाँव में विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न करवाती है:
1. सड़कों, नालियों, स्कूलों, भवनों, पानी के स्रोतों और अन्य सार्वजनिक उपयोग के भवनों का निर्माण और रख-रखाव करना।
2. स्थानीय कर लगाना और इकट्ठा करना।
3. गाँव के लोगों को रोजगार देने संबंधी सरकारी योजनाएँ लागू करना।
ग्राम पंचायत कार्यों के सम्पादन के लिए पैसों का इंतजाम कैसे करती है?
ग्राम पंचायत की आमदनी के निम्नलिखित श्रोत हैं:
1. घरों एवं बाज़ारों पर लगाए जाने वाले कर से मिलने वाली राशि।
2. विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलायी गई योजनाओं की राशि जो जनपद एवं ज़िला पंचायत द्वारा आती है।
3. समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान।
त्रिस्तरीय पंचायत के तीन स्तर कौन से हैं?
एक जिले के अन्दर तीन तरह की पंचायतें कार्य करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत लोकतांत्रिक सरकार का पहला स्तर है। ग्राम पंचायत ग्राम सभा के प्रति जवाबदेह होती है क्योंकि ग्राम सभा के लोग ही उसको चुनते हैं। पंचायती राज व्यवस्था में लोगों की भागीदारी दो और स्तरों पर होती है। ग्राम पंचायत के बाद दूसरा स्तर विकासखंड का होता है। इसे पंचायत समिति कहते हैं। एक पंचायत समिति में कई ग्राम पंचायतें होती हैं। पंचायत समिति के ऊपर ज़िला पंचायत या ज़िला परिषद् होती है। यह तीसरा स्तर होता है। ज़िला परिषद् एक ज़िले के स्तर पर विकास की योजनाएँ बनाती है। पंचायत समिति की मदद से ज़िला परिषद् सभी पंचायतों में आबंटित राशि के वितरण की व्यवस्था करती है।
पंचायतीराज क़ानून
संविधान में दिए हुए निर्देशों के आधार पर देश के हर राज्य ने पंचायत से जुड़े कानून बनाए हैं। इसीलिए पंचायत संबंधी कानून हर राज्य में कुछ अलग-अलग हो सकते हैं। इसके पीछे मुख्य विचार यही है कि अपने गाँव की व्यवस्था में लोगों की भागीदारी बढ़े और उन्हें अपनी आवाज़ उठाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा मौके मिलें।