कक्षा 5 हिंदी व्याकरण अध्याय 6 विशेषण

कक्षा 5 हिंदी व्याकरण अध्याय 6 विशेषण और विशेषण के प्रकार पर आधारित अध्ययन सामग्री शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। पांचवीं कक्षा के छात्र हिंदी व्याकरण में पाठ 6 विशेषण को अभ्यास पुस्तिका में दिए गए पठन सामग्री की मदद से सरलता से कर सकते हैं।

विशेषण

संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहा जाता है।
उदाहरण:
मोटी काली बिल्ली घनी झाडि़यों के पीछे छिपी हुई थी। तभी दो छोटे-छोटे चूहे बिल से निकले। बिल्ली ने अपनी गोल-गोल आँखों से उन्हें देखा और दबोच लिया।
उपरोक्त वाक्यों में मोटी काली, ग्घनी, छोटे-छोटे, गोल-गोल शब्द संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये सब विशेषण हैं।

विशेषण के भेद

विशेषण चार प्रकार के होते हैं:
1. गुणवाचक विशेषण
2. संख्यावाचक विशेषण
3. परिमाणवाचक विशेषण
4. संकेतवाचक विशेषण
गुणवाचक विशेषण
जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण-दोष, रंग-रूप, आदि का बोध कराता है, उसे गुणवाचक विशेषण कहा जाता है।
उदाहरण:
(क) राम आज्ञाकारी थे।
(ख) शिवाजी वीर थे।
इन वाक्यों में आज्ञाकारी और वीर शब्दों से ‘राम’ और ‘शिवाजी’ के गुणों का बोध हो रहा है। ये दोनों गुणवाचक विशेषण हैं।

संख्यावाचक विशेषण

जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनामों की संख्या बताएँ, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण:
(क) दो लड़के खड़े थे।
(ख) पहला बस में चढ़ गया, पर दूसरा रह गया।
इन वाक्यों में दो, पहला, दूसरा शब्द लड़कों की संख्या बता रहे हैं। ये संख्यावाचक विशेषण हैं।
परिमाणवाचक विशेषण
जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम का परिमाण (मात्र या नाप-तौल) बताएँ, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहा जाता है।
उदाहरण:
(क) मुझे एक मीटर कपड़ा चाहिए।
(ख) मैंने पाँच लीटर दूध खरीदा।
इन वाक्यों में एक मीटर, पाँच लीटर शब्द परिमाणवाचक विशेषण हैं, क्योंकि ये ‘कपड़ा’ तथा ‘दूध’ का परिमाण (मात्र) बता रहे हैं।

परिमाणवाचक विशेषण

संख्यावाचक विशेषणों की तरह परिमाणवाचक विशेषण भी दो प्रकार के होते हैं:
(क) जब ये निश्चित मात्र या नाप-तौल बताएँ। (निश्चित परिमाणवाचक)। जैसेµ एक लीटर दूध, दस किलो चावल आदि।
(ख) जब ये निश्चित मात्र या नाप-तौल का बोध न कराएँ। (अनिश्चित परिमाणवाचक)। जैसेµ कुछ दूध, थोड़े चावल।
संकेतवाचक विशेषण
‘ये लड़के आए हैं।’
‘वे आम मीठे हैं।’
इन वाक्यों में ये और वे ‘लड़के’ और ‘आम’ की ओर संकेत कर रहे हैं। ये दोनों संकेतवाचक विशेषण हैं।
जब कोई सर्वनाम संज्ञा शब्दों से पहले लगकर उनकी ओर संकेत करते हैं, उन्हें संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

विशेषण की रचना

संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया और अव्यय शब्दों में कुछ शब्दांश जोड़कर विशेषण बनाए जा सकते हैं।
संज्ञा से विशेषण की रचना

संज्ञाविशेषण
घरघरेलू
रंगरंगीन
शहरशहरी
वर्षवार्षिक
जापानजापानी
भारतभारतीय
सर्वनाम से विशेषण की रचना
सर्वनामविशेषण
मैंमेरा
वहवैसा
यहऐसा
जोजैसा
तोतैसा
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