एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 7 पानी के प्रयोग
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 7 पानी के प्रयोग पर्यावरण अध्ययन के सवाल जवाब अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर पीडीएफ तथा विडियो में सत्र 2024-25 के सिलेबस के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 5 पर्यावरण पाठ 7 के सभी प्रश्नों का विस्तर से हल यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 7
कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 7 पानी के प्रयोग एक प्रश्नों के उत्तर
कक्षा 5 ईवीएस पाठ 7 परिचय – पानी के प्रयोग
प्रस्तुत पाठ में पानी से जुड़े कुछ प्रयोगों के बारे में बताया गया है। पानी में कौन सी वस्तु तैरती है और कौन उतराती है। पानी के कुछ अन्य प्रयोगों में कौन सा पदार्थ पानी में जल्दी घुलता है और कौन सा देर में, इस प्रकार बहुत सारे प्रयोगों के बारे में बताया गया है।
तेल में तैरती पूरी
एक दिन आईशा ने अपनी माँ को पूरी बनाते हुए देखा। पूरी बनते देख उसे एक बात बड़ी दिलचस्प लगी। जब उसकी मम्मी बेली हुई पूरी गर्म तेल में छोड़ती, तो पहले पूरी तेल में डूब जाती है, जैसे-जैसे पूरी फूलती जाती, वैसे-वैसे ऊपर आती जाती और तेल पर तैरने लगती एक पूरी फूली नहीं और वह तैरी भी नहीं। फिर उसने गूँदे हुए आटे की एक गोली बनाई और चपटी कर, उसे पानी से भरे बर्तन में डाला। उसने देखा कि यह तो ढूब गई।
पानी में वस्तुओं का डूबना और तैरना
किसी भी वस्तु का आयतन पानी के आयतन से अधिक होता है। तो वह पानी में डूब जाती है। काफ़ी वस्तुएं पानी पर तैरती रहती है, जैसे- प्लास्टिक, लकड़ी और तेल आदि। पानी में डूब जाने वाली वस्तुओं में लोहा, स्टील, पत्थर और भी बहुत सारे ठोस प्रदार्थ हैं।
साबुन और साबुनदानी
शाम को जब आईशा नहाकर आई तो उसकी माँ ने कहा कि आज फिर तुमने साबुन पानी में गिरा दिया जाओं पहले उसे निकालकर ऊपर रखों। साबुन रखने की जल्दी में साबुनदानी आईशा के हाथ से छुट गई और पानी में तैरने लगी। आईशा ने बहुत धीरे-से साबुन की टिकिया भी साबुनदानी में रखी तो भी साबुनदानी डूबी नहीं क्योंकि साबुनदानी प्लास्टिक की थी।
अंडे क्यों तैरने लगे
एक दिन जब आईशा के पापा ने आईशा को कहा कि अंडे उबलने के लिए रख दो और पानी में थोड़ा नमक भी डाल देना। आईशा ने बर्तन में पानी डालकर नमक डाला, तो कुछ ज़्यादा ही गिर गया। नमक के घुलने के बाद बर्तन की तली पर बैठे अंडे अब ऊपर पानी में तैरने लगे थे। मृत सागर सभी सागरों के पानी से सबसे ज़्यादा नमकीन है। इसमें एक लीटर पानी में 300 ग्राम नमक होता है। इस सागर में हम ऐसे तैर सकते हैं, जैसे कि आराम से लेटे हुए हों।
पानी और शक्कर
एक दिन आईशा का चचेरा भाई हामिद उसके साथ खेलने आया। उसने आते ही शक्करपारे की फ़रमाइश की तब आईशा की माँ ने कहा “मैं पहले बाज़ार हो आऊँ आकर बना दूँगी। तब तक एक बर्तन में दो गिलास पानी लेकर उसमें एक कटोरी शक्कर घोलकर रखो।” इस काम को जल्दी करने के लिए हामिद को पानी को शक्कर के घुलने तक चम्मच से हिलाते रहना पड़ेगा। जिससे शक्कर पानी में जल्दी घुल जाएगी। कुछ चीजें पानी में बहुत तेजी से घुल जाती हैं, जैसे नमक, मिटटी और दूध हैं। कुछ चीजों को पानी में घुलने में थोड़ा समय लगता है जैसे चीनी, चाक पाउडर और मिश्री आदि हैं। पानी में न घुलने वाली चीजों में तेल होता है।
हल्का और भारी
आईशा ने अपने टिफिन के ढक्कन पर एक प्रयोग किया, उसने एक साथ दो बूँदे तेल की और उसी के पास पानी की दो बूँदे और शक्कर के घोल की दो बूँदें टिफिन पर टपकाई। टिफ़िन के ढक्कन को थोड़ा टेढ़ा करने पर पानी की बूँदे तेज़ी से बहकर आगे निकल गई। क्योंकि पानी की बूँदें सबसे हल्की थी। उसके बाद तेल की पीली बूँदें हल्की सी बह कर चली क्योंकि तेल पानी से भारी होता है। शक्कर की बूँदें सबसे कम बहकर चली क्योंकि शक्कर के संपर्क में आने के बाद पानी और तेल की बूँदों से वह अधिक भारी हो गई थी।