एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 3 चखने से पचने
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 3 चखने से पचने तक पर्यावरण अध्ययन के प्रश्न उत्तर हिंदी में सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 5 पर्यावरण पाठ 3 के सभी प्रश्न उत्तर यहाँ चरण दर चरण समझाकर दिए गए हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 3
कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 3 चखने से पचने तक के प्रश्नों के उत्तर
कक्षा 5 ईवीएस पाठ 3 का परिचय – चखने से पचने तक
प्रस्तुत पाठ में खाने के स्वाद और उसके पचने के समय के बारे में बताया गया हैं। हम बहुत सी चींजों को खाएँ बिना ही उसकी खुशबू सूँघने से ही पता लगा लेते हैं। कुछ चीज़ों के स्वाद को चख़ कर हम उस चीज का पता लगाते हैं। लेकिन कुछ चींजों के स्वाद को हम अपने शब्दों में नहीं बता पाते हैं। जैसे: खीरे और कच्चे आंवले का स्वाद है, कुछ चींजों को खाने से उनके द्वारा निकली आवाज़ और चेहरे के भाव से उसका स्वाद व्यक्त हो जाता है।
स्वाद की पहचान
मनुष्य की जीभ के आगे वाले हिस्से पर कुछ दाने-दाने जैसे दिखाई देते हैं, इन्हीं दानों से जीभ पर रखी चीज़ के स्वाद का पता चलता है। खाने को अधिक चबाकर खाने से और कम बार चबाकर खाने से भी खाने के स्वाद और पाचन क्रिया पर भी उसका असर पड़ता है। चबाकर खाने से हमारी पाचन क्रिया सही रहती है। मनुष्य के मुँह से निकलने वाली लार चीज़ को घुलने में मदद कर उसके स्वाद की जानकारी देती है।
भोजन और पानी की आवश्यकता
जब भी हमारे शरीर में उर्जा की कमी होने का अहसास होने लगता है, तो हमें भूख लगती है। भूख लगने पर हमारे शरीर में कमज़ोरी और थकावट का अहसास होता है, जिस कारण कई बार चक्कर भी आ जाते हैं। कुछ लोगों को भूख के कारण गुस्सा आने लगता है। छोटे बच्चे भूख के कारण रोने लगते हैं। इसी तरह हम पानी न पियें तो हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। बच्चे अक्सर खेलने के बाद ग्लूकोस पीते हैं, जो उनके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। जब खाना और पानी हमारे शरीर में नहीं रुकता तो डॉक्टर को हमें ग्लूकोज़ चढ़ाना पड़ता हैं। जिससे बिना खाए-पिए हमें जल्दी ताकत मिल जाती है।
संतुलित भोजन
सही खाना हमारे शरीर की ज़रूरत है। हमें पौष्टिक और भरपेट खाना खाने की आदत डालनी चाहिए जिससे हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की कमी का कोई एहसास न हो। हमें बाज़ार की चीजों से भी बचना चाहिए। जो हमारे शरीर को बीमार करती है। हमें हरी सब्जी, दाल, चावल और रोटी खाने से भरपूर उर्जा और विटामिन मिलते है। इसलिए घर के खाने को सही खाना कहा गया है।
शारीरिक व्यायाम और स्वास्थ्य
खाने के साथ हमें अपने शरीर से कड़ी मेहनत भी करवानी चाहिए। हमें रोज़ाना कम से कम 2 किलोमीटर पैदल चलना चाहिए। बच्चो को कम से कम एक घंटे खेल-कूद के खेल खेलने चाहिए। जिससे उनकी खाने की भूख बढ़े और उनका स्वास्थ्य ठीक बना रहे। कम खाने के कारण बच्चे कुपोषण और कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं, भरपेट खाना सभी बच्चों का अधिकार है।