एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 15 शरीर द्रव तथा परिसंचरण

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 15 शरीर द्रव तथा परिसंचरण के प्रश्नों के उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 15 के लिए अध्ययन सामग्री हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में उपलब्ध है ताकि छात्रों को कोई असुविधा न हो।

शरीर द्रव तथा परिसंचरण

मनुष्य सहित उच्च प्राणियों में रक्त परिसंचरण में काम आने वाला सर्वाधिक सामान्य तरल है। एक अन्य शरीर द्रव लसीका भी कुछ विशिष्ट तत्वों के परिवहन में सहायता करता है। रक्त तथा कोशिकाओं के बीच पोषक पदार्थ एवं गैसों का आदान प्रदान इसी द्रव से होता है । वाहिकाओं का विस्तृत जाल जो लसीका तंत्र (लिंफैटिक सिस्टम) कहलाता है इस द्रव को एकत्र कर बड़ी शिराओं में वापस छोड़ता है । लसीका तंत्र में उपस्थित यह द्रव / तरल को लसीका कहते हैं। लसीका एक रंगहीन द्रव है जिसमें विशिष्ट लिंफोसाइट मिलते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 15 के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

Q1

निम्नलिखित में से उस कोशिका को चुनिए जो भक्षकाण्विक क्रिया प्रदर्शित नहीं करती।

[A]. एककेंद्रकाणु (मोनोसाइट)
[B]. उदासीनरागी (न्यूट्रोफिल)
[C]. क्षारकरागी (बेसोफिल)
[D]. वृहत्भक्षकाणु (मैक्रोफाज)
Q2

डेंगू से पीडि़त व्यक्ति में सामान्यतः एक रोग लक्षण दिखाई पड़ता है, वह है:

[A]. RBC की संख्या में काफ़ी कमी
[B]. WBC की संख्या में कापफ़ी कमी
[C]. पट्टिकाणुओं की संख्या में काफ़ी कमी
[D]. पट्टिकाणुओं की संख्या में कापफ़ी वृद्धि
Q3

प्रत्येक हृद्-चक्र के दौरान:

[A]. दाएँ और बाएँ निलयों द्वारा पंप किए गए रुधिर की मात्र समान होती है।
[B]. दाएँ और बाएँ निलयों द्वारा पंप किए गए रुधिर की मात्र अलग-अलग होती है।
[C]. प्रत्येक अलिंद द्वारा प्राप्त रुधिर का मात्र अलग-अलग होती है।
[D]. महाधमनी और फुप्फुस-धमनी द्वारा प्राप्त रुधिर की मात्र अलग-अलग होती है।
Q4

स्वायत्त तंत्रिका-तंत्र द्वारा हृद्क्रिया को संयमित किया जा सकता है। सही उत्तर चुनिए।

[A]. परानुकंपी तंत्र हृद दर और स्ट्रोक आयतन के उद्दीप्त करता है।
[B]. अनुकंपी तंत्र दर और स्ट्रोक आयतन में उद्दीपन करता है।
[C]. परानुकंपी तंत्र हृद् दर को तो कम कर देता है, लेकिन स्ट्रोक आयतन में वृद्धि कर देता है।
[D]. अनुवंपी तंत्र हृद-दर को तो कम कर देता है, लेकिन स्ट्रोक आयतन में वृद्धि कर देता है।

प्लाज्मा (प्लैज्मा)

प्रद्रव्य एक हल्के पीले रंग का गाढ़ा तरल पदार्थ है, जो रक्त के आयतन लगभग 55 प्रतिशत होता है। प्रद्रव्य में 90-92 प्रतिशत जल तथा 6-8 प्रतिशत प्रोटीन पदार्थ होते हैं। फाइब्रिनोजन, ग्लोबुलिन तथा एल्बूमिन प्लाज्मा में उपस्थित मुख्य प्रोटीन हैं। फाइब्रिनोजेन की आवश्यकता रक्त थक्का बनाने या स्कंदन में होती है। ग्लोबुलिन का उपयोग शरीर द्रव तथा परिसंचरण के प्रतिरक्षा तंत्र तथा एल्बूमिन का उपयोग परासरणी संतुलन के लिए होता है। प्लाज्मा में अनेक खनिज आयन जैसे Na⁺, Ca⁺⁺, Mg⁺⁺, HCO₃⁻, Cl⁻ इत्यादि भी पाए जाते हैं। शरीर में संक्रमण की अवस्था में होने के कारण ग्लूकोज, अमीनो अम्ल तथा लिपिड भी प्लाज्मा में पाए जाते हैं। रुधिर का थक्का बनाने अथवा स्कंदन के अनेक कारक प्रद्रव्य के साथ निष्क्रिय दशा में रहते हैं। बिना थक्का /स्कंदन कारकों के प्लाज्मा को सीरम कहते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 15 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

उस स्थिति के परिणामों की व्याख्या कीजिए जिसमें रक्त स्कंदित नहीं होता।

इस स्थिति में चोट के कारण शरीर से खून की अत्यधिक हानि होती है जो घातक हो सकती है। कई बार ज्यादा खून बह जाने से मृत्यु तक हो सकती है।

परिसंचरण तंत्र में हेपेटिक पोर्टल सिस्टम का क्या महत्व है?

यकृत पोर्टल शिरा प्रणालीगत संचलन में पहुंचने से पहले रक्त को आंत से यकृत तक ले जाती है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ग्लूकोज जैसे पोषक तत्वों की अधिकता लीवर में ग्लाइकोजन में परिवर्तित हो जाती है और वहां जमा हो जाती है।

हृदय अवरोध क्या है?

जब हिज बण्डल ठीक से कार्य नहीं करते तब आलिंद नोड का हृदय धड़कन आवेग निलय तक नहीं पहुँच पाता जिसके कारण निलय में गति नहीं होती और परिसंचरण रुक जाता है, इस पूरी अवस्था को ही हृदय अवरोध कहते हैं।

रक्त समूह (ब्लड ग्रुप)

मनुष्य का रक्त एक जैसा दिखते हुए भी कुछ अर्थों में भिन्न होता है। रक्त का कई तरीके से समूहीकरण किया गया है। इनमें से दो मुख्य समूह ABO तथा Rh का उपयोग पूरे विश्व में होता है। ABO समूह मुख्यतः लाल रुधिर कणिकाओं की सतह पर दो प्रतिजन/एंटीजन की उपस्थिति या अनुपस्थित पर निर्भर होता है। ये ऐंटीजन A और B हैं जो प्रतिरक्षा अनुक्रिया को प्रेरित करते हैं। इसी प्रकार विभिन्न व्यक्तियों में दो प्रकार के प्राकृतिक प्रतिरक्षी/एंटीबोडी (शरीर प्रतिरोधी) मिलते हैं। प्रतिरक्षी वे प्रोटीन पदार्थ हैं जो प्रतिजन के विरुद्ध पैदा होते हैं। चार रक्त समूहों, A, B, AB, और O में प्रतिजन तथा प्रतिरक्षी की स्थिति को देखते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 15 एमसीक्यू के उत्तर

Q5

निम्नलिखित में से पदार्थों के उस युग्म का चयन कीजिए जो रुधिर-स्कंदन के लिए आवश्यक है।

[A]. हेपैरिन और कैल्सियम आयन
[B]. कैल्सियम आयन और पट्टिका कारक
[C]. ऑक्जैलेट और साइट्रेट
[D]. पट्टिका कारक और हेपैरिन
Q6

हृद चक्र के दौरान ECG विध्रुवीयन तथा पुनःध्रुवीयन प्रक्रियाओं का चित्रण करता है। एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के ECG में निम्नलिखित तरंगों में से कौन-सी एक तरंग नहीं होती?

[A]. अलिंदों का विध्रुवीयन
[B]. अलिंदों का पुनःविध्रुवीयन
[C]. निलयों का विध्रुवीयन
[D]. निलयों का पुनःध्रुवीयन
Q7

निम्नलिखित में से कौन से प्रकार की कोशिकाओं में केंद्रक नहीं होता?

[A]. RBC
[B]. उदासीनरागी (न्यूट्रोफिल)
[C]. ईओसिनरागी (ईओसिनोफिल)
[D]. एककेंद्रकाणु (मोनोसाइट)
Q8

निम्नलिखित रुधिर कोशिकाओं में से कौन-सी कोशिकाएँ प्रतिपिंड निर्माण में योगदान देती हैं?

[A]. B-लसीकाणु (लिम्फोसाइट)
[B]. T-लसीकाणु
[C]. RBC
[D]. उदासीनरागी (न्यूट्रोफिल)

Rh समूह

एक अन्य प्रतिजन/एंटीजन Rh है जो लगभग 80 प्रतिशत मनुष्यों में पाया जाता है तथा यह Rh एंटीजेन रीसेस बंदर में पाए जाने वाले एंटीजेन के समान है। ऐसे व्यक्ति को जिसमें Rh एंटीजेन होता है, को Rh सहित (Rh +ive) और जिसमें यह नहीं होता उसे Rh हीन (Rh -ive) कहते हैं। यदि Rh रहित (Rh -ive) के व्यक्ति के रक्त को Rh सहित (Rh +ive) पॉजिटिव के साथ मिलाया जाता है तो व्यक्ति मे Rh प्रतिजन Rh -ive के विरूद्ध विशेष प्रतिरक्षी बन जाती हैं, अतः रक्त आदान-प्रदान के पहले Rh समूह को मिलना भी आवश्यक है।

रक्त-स्कंदन (रक्त का जमाव)

किसी चोट या घात की प्रतिक्रिया स्वरूप रक्त स्कंदन होता है। यह क्रिया शरीर से बाहर अत्यधिक रक्त को बहने से रोकती है। क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है? आपने किसी चोट घात या घाव पर कुछ समय बाद गहरे लाल व भूरे रंग का झाग सा अवश्य देखा होगा। यह रक्त का स्कंदन या थक्का है, जो मुख्यतः फाइब्रिन धागे के जाल से बनता है। इस जाल में मरे तथा क्षतिग्रस्त संगठित पदार्थ भी उलझे हुए होते हैं।

फाइब्रिन रक्त प्लैज्मा में उपस्थित एंजाइम थ्रोम्बिन की सहायता से फाइब्रिनोजन से बनती है। थ्रोम्बिन की रचना प्लाज्मा में उपस्थित निष्क्रिय प्रोथोबिंन से होती है। इसके लिए थ्रोंबोकाइनेज एंजाइम समूह की आवश्यकता होती है। यह एंजाइम समूह रक्त प्लैज्मा में उपस्थित अनेक निष्क्रिय कारकों की सहायता से एक के बाद एक अनेक एंजाइमी प्रतिक्रिया की शृंखला (सोपानी प्रक्रम) से बनता है। एक चोट या घात रक्त में उपस्थित प्लेटलेट्स को विशेष कारकों को मुक्त करने के लिए प्रेरित करती है जिनसे स्कंदन की प्रक्रिया शुरू होती है।

मानव परिसंचरण तंत्र

परिसंचरण तंत्र या वाहिकातंत्र अंगों का वह समुच्चय है जो शरीर की कोशिकाओं के बीच पोषक तत्वों का यातायात करता है। इससे रोगों से शरीर की रक्षा होती है तथा शरीर का ताप एवं pH स्थिर बना रहता है। ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए हृदय से फेफड़ों तक रक्त पंप करता है। हृदय तब ऑक्सीजन युक्त रक्त को धमनियों के माध्यम से शरीर के बाकी हिस्सों में भेजता है। परिसंचरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए नसें ऑक्सीजन-विहीन रक्त को वापस हृदय तक ले जाती हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 15
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 15 शरीर द्रव तथा परिसंचरण
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11वीं जीव विज्ञान अध्याय 15