कक्षा 5 हिंदी व्याकरण अध्याय 1 भाषा और व्याकरण
कक्षा 5 हिंदी व्याकरण अध्याय 1 भाषा और व्याकरण के लिए अध्ययन सामग्री अभ्यास के लिए प्रश्न उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं। पांचवीं कक्षा के छात्र-छात्राएँ हिंदी ग्रामर पाठ 1 के माध्यम से भाषा और उसके विभिन्न अंगों के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगें।
कक्षा 5 हिंदी व्याकरण अध्याय 1 भाषा और व्याकरण के लिए पठन सामग्री
भाषा और व्याकरण
भाषा ध्वनि प्रतीकों की ऐसी व्यवस्था है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों/भावों का आदान-प्रदान करते हैं। भाषा शब्द संस्कृत की भाषा धाातु से बना है जिसका अर्थ होता है बोलना। बोलचाल की भाषा ही मूल भाषा होती है। आज समाज में भाषा की विशेष उपयोगिता है। मानव ही नहीं, पशु-पक्षी भी अपने भावों को अभिव्यक्त करते हैं, लेकिन उनकी भाषा मानव-समाज से अलग है। वे विभिन्न आवाजों द्वारा अपनी भावनाएँ एक-दूसरे तक पहुँचाते हैं। केवल मनुष्य ही ऐसा प्राणी है, जो भाषा की रचना कर अपने भावों का आदान प्रदान करता है। भाषा संप्रेषण का शक्तिशाली साधान है।
भाषा के रूप
भाषा का मुख्य कार्य वक्ता की बात को दूसरों तक पहुँचाना है। भाषा के माधयम से मनुष्य बोलकर ही नहीं लिखकर भी अपने विचार दूसरों तक पहुँचाता है। इस प्रकार भाषा के दो रूप होते हैं:
1- मौखिक भाषा
2- लिखित भाषा
मौखिक एवं लिखित भाषा
मौखिक भाषा
जब हम बोलकर अपने विचार प्रकट करते हैं तो उसे मौखिक भाषा कहते हैं।
मौखिक भाषा के उदाहरण:
बातचीत, भाषण, कहानी सुनाना आदि।
लिखित भाषा
जब हम हाथ या मशीन से लिखकर अपनी बात दूसरे तक पहुँचाते है तो वह भाषा का लिखित रूप कहलाता है।
लिखित भाषा के उदाहरण:
पत्र-लेखन, निबंध-लेखन, समाचार-पत्र, पुस्तक पढ़ना आदि।
लिपि
प्रत्येक भाषा को एक ही तरह से नहीं लिखा जा सकता क्योंकि हर भाषा को लिखने का ढंग अलग-अलग होता है, उनके वर्णों की बनावट अलग-अलग होती है। भाषा के लिखने के ढंग को ही लिपि कहा जाता है।
भाषाएँ और उनकी लिपियाँ
दुनिया भर में अनेक भाषाएँ बोली और लिखी जाती है उनमें से अधिकतर भाषाओँ की अपनी एक लिपि है।
देश | भाषा | लिपि |
---|---|---|
भारत | हिन्दी | देवनागरी |
पाकिस्तान | उर्दू | फारसी |
ब्रिटेन | अंग्रेजी | रोमन |
चीन | मंदारिन | चित्र लिपि |
फ्रांस | फ्रेंच | रोमन |
रूस | रशियन | रोमन |
भाषा और व्याकरण
भाषा केवल शब्दों का समूह नहीं है। भाषा में शब्दों के अर्थ होते है तथा ये शब्द वाक्यों में एक व्यवस्था से प्रयोग किए जाते हैं। किसी भी ध्वनि, शब्द तथा वाक्य का प्रयोग ठीक है या नहीं, इसके कुछ नियम होते हैं। ये नियम ही व्याकरण कहलाते हैं।