एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 11 सुनीता अंतरिक्ष में

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 11 सुनीता अंतरिक्ष में पर्यावरण अध्ययन की किताब के प्रश्न उत्तर सभी सवाल जवाब विस्तार से सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 5 पर्यावरण पाठ 11 के प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में दिए गए हैं ताकि सभी विद्यार्थियों को आसानी से समझ आ सके।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 11

कक्षा 5 ईवीएस पाठ 11 का परिचय सुनीता अंतरिक्ष में

प्रस्तुत पाठ में अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा समय बिताने वाली सुनीता विलियम्स से मिली कुछ जानकारियाँ और पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष पर जीवन कितना अलग है बताया गया हैं।

उज़ैरा और शाहमीर का वार्तालाप

उज़ैरा और शाहमीर पृथ्वी के बारे में बात कर रहे थे। दोनों बच्चे ग्लोब को घुमा-घुमाकर अमेरिका और अफ्रीका कहाँ हैं ढूँढ रहे थे। तभी उज़ैरा ने कहा “कल हमारे स्कूल में सुनीता विलियम्स आ रही हैं। मैंने सुना है की वे छह महीने से भी ज़्यादा अंतरिक्ष में रही है। इस बात को सुनकर शाहमीर ने कहा ग्लोब में अंतरिक्ष कहाँ हैं उज़ैरा ने कहा ये आसमान, ये तारे, चाँद और सूरज ये सब अंतरिक्ष में हैं। दोनों बच्चे आपस में बात करते रहे। उज़ैरा ने शाहमीर को बताया कि स्पेसशिप से पृथ्वी ग्लोब की तरह दिखती है। फ़िर दोनों बच्चे ग्लोब में इंडिया को ढूढ़ने लगे।

सुनीता विलियम्स का अन्तरिक्ष का अनुभव

जब सुनीता विलियम्स भारत आई तो उज़ैरा और शाहमीर जैसे हजारों बच्चों को उनसे बातचीत करने का मौका मिला। सुनीता ने बताया कि उनकी दोस्त कल्पना चावला खुद भारत आकर बच्चों से मिलना चाहती थीं। कल्पना के अधूरे सपने को पूरा करने सुनीता भारत आई। सुनीता ने अंतरिक्ष की कुछ मज़ेदार बातें बताई। अंतरिक्ष में कोई भी एक जगह टिककर नहीं बैठ सकता, यान में एक जगह से दूसरी जगह पर तैरते हुए पहुँचते है। पानी भी एक जगह टिका नहीं रहता, वह बुलबुलों की तरह इधर-उधर उड़ता फिरता है। हाथ-मुँह धोने के लिए तैरते बुलबुलों को पकड़कर कपड़ा गीला करते और हाथ-मुँह साफ़ करते हैं।

वहाँ खाना भी अजब तरीके से खाना पड़ता है। सबसे ज़्यादा मज्जा तब आता था, जब सभी उड़ते हुए खाने वाले कमरे में जाते हैं और उड़ते हुए खाने के पैकेटों को पकड़ते हैं। सुनीता कहती है अंतरिक्ष में उसे कंघी करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती थी, वहाँ हमेशा ही बाल खड़े रहते हैं। वहाँ कभी चल नहीं सकते, हर समय तैरते रहना और हर काम अलग तरीके से करना और यह सब काम करने की आदत डालना आसान नहीं था। एक जगह टिककर काम करना हो तो अपने आप को बेल्ट से बाँधना पड़ता है। कागज़ को भी बाँधे बिना नहीं छोड़ सकते। अंतरिक्ष में रहना बहुत ही मज़ेदार के साथ मुश्किल भी है।

अन्तरिक्ष से पृथ्वी का दृश्य

पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण के कारण हर वस्तु ज़मीन पर आ गिरती है उसी प्रकार अंतरिक्ष में हर चींज़ ऊपर की तरफ़ खिंची हुई जाती है। सुनीता विलियम्स पृथ्वी से 360 किलोमीटर दूर स्पेसशिप में गई थीं। सुनीता ने बताया कि अंतरिक्ष से पृथ्वी की गोलाई भी साफ़ दिखाती है, पृथ्वी बहुत ही सुंदर ओर अद्भुद दिखती है मन करता है कि उसे घंटों तक निहारते रहे। आज भी वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि पृथ्वी कितनी बड़ी है, और वह कैसे घूम रही है।

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