एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 5 बीज, बीज, बीज
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 5 बीज, बीज, बीज पर्यावरण अध्ययन के उत्तर अभ्यास के सवाल तथा पाठ के बीच के प्रश्न उतर सीबीएसई 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 5 पर्यावरण पाठ 5 के प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों ही प्रारूपों में उपलब्ध हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 5
कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 5 बीज, बीज, बीज के प्रश्नों के उत्तर
गोपाल और चने
प्रस्तुत पाठ में गोपाल की माँ ने आठ लोगो के लिए दो कटोरी चने भिगोने के लिए कहा था, गोपाल ने सोचा आठ लोगों के लिए तो दो कटोरी चने कम रहेंगें, इसलिए उसने चार कटोरी चने भिगो दिए। सुबह जब गोपाल की माँ ने देखा तो चने फूल कर बर्तन से बाहर आ गए, माँ ने गोपाल को बुलाया और कहा- “इतने सारे चने क्यों भिगो दिए।” चनों को देख गोपाल सोच में पड़ गया, और बोला यह कैसे हुआ।
अंकुरित दालों का उपयोग
माँ ने कहा “चलो अच्छा ही हुआ, कि तुमने इतने चने भिगो दिए अब मैं आधे चने अंकुरित करके बुआ के लिए भिजवा दूँगी”। डॉक्टर ने बुआ को अंकुरित खाना खाने की सलाह दी है। माँ ने भीगे हुए चनों को अंकुरित करने के लिए एक गीले कपड़े लपेटकर टाँग दिए। अंकुरित खाना खाने से हमारा शरीर स्वस्थ और तंदुरिष्ट बना रहता है, अंकुरित खाने में मोठ की दाल, हरे मूंग और चने आदि का उपयोग किया जाता हैं।
लोभिया, काबुली चने, राजमा आदि दालों को खाना बनाने से पहले भिगोया जाता हैं। अंकुरित हुए दाने बीज के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। किसी भी बीज को पौधे का रूप देने के लिए हवा, पानी, मिट्टी और धूप की जरूरत पड़ती है।
शिकारी पौधे
निपेन्थिस एक शिकारी पौधे के रूप में जाना जाने वाला पौधा है, जो आस्ट्रेलिया, इडोनेशिया और भारत के मेघालय राज्य में पाया जाता है। इसका आकार लंबे घड़े जैसा होता है। घड़े से खास खुशबू निकलती है, जिसकी वजह से कीड़े खींचे चले आते हैं। पौधे के ऊपर पहुँचते ही कीड़े अंदर फँस जाते हैं और शिकार हो जाते हैं। यदि बीजों को ध्यान से देखें तो वह अलग-अलग रंग, गोल, चपटे और खुरदरे या मुलायम रूप में होते हैं।
बीजों की घुमक्कड़ प्रवृति
पेड़-पौधे अपनी सारी ज़िंदगी एक ही जगह खड़े रहते हैं, लेकिन इनके बीज बड़े ही घुमक्कड़ होते हैं। पौधों के बीज बहुत दूर-दूर तक पहुँच जाते हैं। कुछ बीज हवा की मदद से उड़ते हुए दुसरे स्थान पर पहुँच जाते है। बीजों को एक जगह से दूसरी जगह उपयोग करने में मनुष्य का हाथ सबसे बड़ा है।
मिर्ची का पौधा हमारे यहाँ कहाँ से आया, यह तो दक्षिण अमरीका से पुर्तगाल देश के व्यपारियों द्वारा भारत लाई गई थी। इसी प्रकार से बहुत से पौधे हमारे यहाँ, और यहाँ के पौधे बाहर गए है। कई सालों बाद तो लोगों को यह याद ही नहीं रहता कि यह पौधा पहले यहाँ नहीं उगता था।