एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 भूगोल अध्याय 1 संसाधन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 भूगोल अध्याय 1 संसाधन के प्रश्न उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। आठवीं कक्षा के छात्रों के उपयोग के लिए भूगोल की पुस्तक संसाधन एवं विकास के प्रथम पाठ की पठन सामग्री पीडीएफ तथा विडियो के रूप में उपलब्ध है।
कक्षा 8 भूगोल अध्याय 1 संसाधन के प्रश्न उत्तर
संसाधन किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?
संसाधनों को कई प्रकार से बांटा गया है जैसे प्राकृतिक और मानव-निर्मित, नवीकरणीय और अनवीकरणीय तथा निजी, सामुदायिक च राष्ट्रीय संसाधन। संसाधनों को सामान्यतः प्राकृतिक और मानव-निर्मित (सांस्कृतिक) वर्गों में बांटा जा सकता है। प्राकृतिक संसाधन प्रकृति प्रदत्त है।
भूगोल में संसाधन क्या है?
संसाधन भूगोल के अन्तर्गत पृथ्वी के समस्त संसाधनों, उनकी विशेषताओं, उत्पादन तथा क्षेत्रीय प्रतिरूपों का अध्ययन किया जाता है। हम सभी यह जानते हैं कि प्रचुर संसाधन प्रकृति के उपहार हैं। ये संसाधन किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिये मूलभूत सम्पत्ति होते हैं। देश की अर्थव्यवस्था के विकास में इनकी अहम् भूमिका होती है।
संसाधन का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
कोई वस्तु या तत्व तभी संसाधन कहलाता है जब उससे मनुष्य की किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है, जैसे जल एक संसाधन है क्योंकि इससे मनुष्यों व अन्य जीवों की प्यास बुझती हैं, खेतो मे फसलों की सिंचाई होती है और यह स्वच्छता प्रदान करने, भोजन बानने और भी आदि मानव की बहुत सी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
प्राकृतिक संसाधन कौन कौन से हैं?
ऐसे संसाधन जो उपयोग करने के लिये परोक्ष रूप से प्रकृति से प्राप्त होते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं, जिनमें वायु, पानी, भूमि, वन, जैवविविधता, खनिज, जीवाश्मीय ईंधन इत्यादि शामिल हैं। इस प्रकार प्राकृतिक संसाधन हमें पर्यावरण से प्राप्त होते हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) पृथ्वी पर संसाधन असमान रूप से क्यों वितरित हैं?
(ii) संसाधन संरक्षण क्या है?
(iii) मानव संसाधन महत्त्वपूर्ण क्यों है?
(iv) सततपोषणीय विकास क्या है?
उत्तर:
(i) पृथ्वी के विभिन्न भागों में जलवायु की भौतिक परिस्थितियाँ भिन्न-भिन्न हैं। भूभाग, जलवायु, ऊँचाई आदि की इस भिन्नता के कारण संसाधनों का वितरण असमान है।
(ii) संसाधनों का बुद्धिमानीपूर्वक और सावधानी से उपयोग करना ताकि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध रहें, संसाधन संरक्षण के रूप में जाना जाता है।
(iii) मानव संसाधन (एक संसाधन के रूप में मनुष्य) अपने ज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अधिक संसाधन उत्पन्न करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का सर्वोत्तम तरीके से उपयोग कर सकता है।
(iv) संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग करने और उन्हें भविष्य के लिए संरक्षित करने की आवश्यकता को संतुलित करना सतत विकास कहलाता है।