कक्षा 7 इतिहास अध्याय 5 एनसीईआरटी समाधान – जनजातियाँ खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 इतिहास अध्याय 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय के अभ्यास में दिए गए प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में छात्र यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान में इतिहास के ये समाधान सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए सत्र 2024-25 के पाठ्यक्रम के लिए संशोधित किए गए हैं। सभी प्रश्नों तथा पाठ के विवरण को विडियो तथा पीडीएफ दोनों माध्यम से समझाया गया है।
कक्षा 7 इतिहास अध्याय 5 के लिए एनसीईआरटी समाधान
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 इतिहास अध्याय 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
जनजातीय समाज
उपमहाद्वीप के कई समाज ब्राह्मणों द्वारा सुझाए गए सामाजिक नियमों और कर्मकांडों को नहीं मानते थे और न ही वे असमान वर्गों में विभाजित थे। अकसर ऐसे समाजों को जनजातियाँ कहा जाता रहा है। प्रत्येक जनजाति के सदस्य नातेदारी के बंधन से जुड़े होते थे। कई जनजातियाँ खेती से अपना जीविकोपार्जन करती थीं। कुछ दूसरी जनजातियों के लोग शिकारी, संग्राहक या पशुपालक थे। प्राय: वे अपने निवासस्थान के लिए प्राकृतिक संसाधनों का पूरा-पूरा इस्तेमाल करते थे। कुछ जनजातियाँ खानाबदोश थीं और वे एक जगह से दूसरी जगह घूमती रहती थीं। जनजातीय समूह, संयुक्त रूप से भूमि और चरागाहों पर नियंत्रण रखते थे और अपने खुद के बनाए नियमों के आधार पर परिवारों के बीच इनका बँटवारा करते थे।
भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख जनजातियाँ कौन सी हैं?
जनजातीय लोग भारत के लगभग हर क्षेत्र में पाए जाते थे। पंजाब में खोखर जनजाति तेरहवीं और चौदहवीं सदी के दौरान बहुत प्रभावशाली थी। यहाँ बाद में गक्खर लोग ज़्यादा महत्त्वपूर्ण हो गए। उनके मुखिया, कमाल खान गक्खर को बादशाह अकबर ने मनसबदार बनाया था। मुल्तान और सिंध में मुगलों द्वारा अधीन कर लिए जाने से पहले लंगाह और अरघुन लोगों का प्रभुत्व अत्यंत विस्तृत क्षेत्र पर था। उत्तर-पश्चिम में एक और विशाल एवं शक्तिशाली जनजाति थी बलोच। पश्चिमी हिमालय में गड़रियों की जनजाति रहती थी। उपमहाद्वीप के सुदूर उत्तर-पूर्वी भाग पर भी नागा, अहोम और कई दूसरी जनजातियों का पूरी तरह प्रभुत्व था। इस क्षेत्र में रहने वाली महत्त्वपूर्ण जनजातियों में मुंडा और संताल थे, यद्यपि ये उड़ीसा और बंगाल में भी रहते थे। कर्नाटक और महाराष्ट्र की पहाड़ियाँ कोली, बेराद तथा कई दूसरी जनजातियों के निवासस्थान थे। कोली लोग गुजरात के कई इलाकों में भी रहते थे। कुछ और दक्षिण में कोरागा, वेतर, मारवार और दूसरी जनजातियों की विशाल आबादी थी। भीलों की बड़ी जनजाति पश्चिमी और मध्य भारत में फैली हुई थी।
खानाबदोश और भ्रमणशील समूह
खानाबदोश घुमंतू लोग होते हैं। उनमें से बहुत सारे पशुचारी होते हैं जो अपनी रेवड़ और पशुवृंद के साथ एक चरागाह से दूसरे चरागाह घमूते रहते हैं। इसी तरह दस्तकार, फेरीवाले और नृतक-गायक एवं अन्य तमाशबीन भ्रमणशील समूह अपना कामधंधा करते-करते एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा पर रहते हैं। खानाबदोश और भ्रमणशील समूह, दोनों अक्सर उस जगह लौट कर आते हैं जहाँ उन्होंने पिछले साल दौरा किया था।
बदलता समाज नयी जातियाँ और श्रेणियाँ
समय के साथ समाज में बदलाव आते हैं इनमें से एक नयी जातियों का उदय होना महत्वपूर्ण घटना है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था और समाज की ज़रूरतें बढ़ती गर्इं, नए हुनर वाले लोगों की आवश्यकता पड़ी। वर्णों के भीतर छोटी-छोटी जातियाँ उभरने लगीं। उदाहरण के लिए, ब्राह्मणों के बीच नयी जातियाँ सामने आर्इं। दूसरी ओर, कई जनजातियों और सामाजिक समूहों को जाति-विभाजित समाज में शामिल कर लिया गया और उन्हें जातियों का दर्जा दे दिया गया। विशेषज्ञता प्राप्त शिल्पियों सुनार, लोहार, बढ़ई और राजमिस्त्रीको भी ब्राह्मणों द्वारा जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई। वर्ण की बजाय जाति, समाज के संगठन का आधार बनी।
स्थानांतरीय कृषि से क्या तात्पर्य है?
किसी वनप्रांत के पेड़ों और झाड़ियों को पहले काटा और जलाया जाता है। उसकी राख में ही फसल बो दी जाती है। जब यह ज़मीन अपनी उर्वरता खो देती है, तब ज़मीन का दूसरा टुकड़ा साफ किया जाता है और इसी तरह से फसल उगाई जाती है।
अहोम कौन थे उन्होंने अपने राज्य की स्थापना कहाँ पर की थी?
अहोम लोग मौजदूा म्यानमार से आकर तेरहवीं सदी में ब्रह्मपुत्र घाटी में आ बसे। उन्होंने भुइयाँ (भूस्वामी) लोगों की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था का दमन करके नए राज्य की स्थापना की। सोलहवीं सदी के दौरान उन्होंने चुटियों (1523) और कोच-हाजो (1581) के राज्यों को अपने राज्य में मिला लिया। उन्होंने कई अन्य जनजातियों को भी अधीन कर लिया। अहोमों ने एक बड़ा राज्य बनाया और इसके लिए 1530 के दशक में ही, इतने वर्षों पहले, आग्नेय अस्त्रों का इस्तेमाल किया। 1660 तक आते-आते वे उच्चस्तरीय बारूद और तोपों का निर्माण करने में सक्षम हो गए थे।