कक्षा 7 इतिहास अध्याय 1 एनसीईआरटी समाधान – हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तन की पड़ताल
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 इतिहास अध्याय 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तन की पड़ताल के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से मुफ़्त में डाउनलोड कर सकते हैं। कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास के ये समाधान नए पाठ्यक्रम के अनुसार संशोधित किए गए हैं। पूरे पाठ का विविरण विस्तार पूर्वक विडियो के माध्यम से भी समझाया गया है ताकि पाठ का अध्ययन करने के बाद छात्र आसानी से पाठ के प्रश्न उत्तर कर सकें।
कक्षा 7 इतिहास अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 इतिहास अध्याय 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तन की पड़ताल
एक हजार वर्षों का ऐतिहासिक एवं भौगोलिक परिवर्तन
यहाँ पर 7 वीं शताब्दी से लेकर 17 वीं शताब्दी तक हुए परिवर्तनों का वर्णन किया गया है, इसमें सामजिक, साँस्कृतिक, राजनितिक, आर्थिक तथा भौगोलिक परिवर्तन शामिल हैं। भौगोलिक दृष्टि से देखें तो 1154 ई० में एक अरब भूगोलवेता ने दुनिया का मानचित्र बनाया था, जिसमें भारत की स्थिति को भी दर्शाया गया। इसका अध्ययन करने पर निष्कर्ष निकलता है कि भारत की स्थिति को उल्टा करके दिखाया गया है। जहाँ उत्तर भारत होना चाहिए था वहां दक्षिण भारत और श्रीलंका को दिखया गया है। इसके बाद 1720 ई० में फ्रांसीसी मानचित्रकार ने जो नक्शा बनाया उसमे भारत की स्थिति को सही तरह से दर्शाया गया है। इस कालखंड के इतिहास पर नजर डालें तो इतिहासकारों ने उपलब्ध श्रोतों जैसे सिक्कों, शिलालेखों, स्थापत्य (भवन निर्माण कला) तथा लिखित सामग्री के आधार पर निर्भर करते हैं। छापाखाना न होने की वजह से लोग हस्थलिखित पांडुलिपियों का सहारा लेते थे। 712 ई० में सर्वप्रथम मोहमद बिन कासिम ने भारत पर आक्रमण किया और यह सिलसिला अरबों, तुर्कों, मुगलों और बाद में अंग्रेजों तक जारी रहा।
सामाजिक तथा राजनीतिक परिस्थियां
सन् 700 और 1750 के बीच के हज़ार वर्षों में भारतीय उपमहाद्वीप में बड़े पैमाने पर और अनेक तरह के परिवर्तन हुए। इस काल में अलग-अलग समय पर नई प्रौद्योगिकी के दर्शन होते हैं, जैसे: सिंचाई में रहट, कताई में चर्खे और युद्ध में आग्नेयास्त्रों (बारूद वाले हथियार) का इस्तेमाल। इस उपमहाद्वीप में नई तरह का खान-पान भी आया जैसे: आलू, मक्का, मिर्च, चाय और कॉफी इत्यादि। ध्यान रहे कि ये तमाम परिवर्तन–नई प्रौद्योगिकियाँ और फसलें उन लोगों के साथ आए जो नए विचार भी लेकर आए थे। परिणामस्वरूप यह काल आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों का भी काल रहा। इस युग में लोगों की गतिशीलता एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना भी बहुत बढ़ गया था। अवसर की तलाश में लोगों के झुंड के झुंड दूर-दूर की यात्राएँ करने लगे थे। इस काल में जिन समुदायों का महत्त्व बढ़ा उनमें से एक समुदाय था राजपूत, जिसका नाम ‘राजपुत्र’ (अर्थात् राजा का पुत्र) से निकला है। इस युग में राजनीतिक दृष्टि से महत्त्व हासिल करने के अवसरों का लाभ मराठा, सिक्ख, जाट, अहोम और कायस्थ (मुख्यत: लिपिकों और मुंशियों का कार्य करने वाली जाति) आदि समूहों ने भी उठाया। जैसे-जैसे समाज में अंतर बढ़ने लगे, लोग जातियों और उपजातियों में बाँटे जाने लगे और उनकी पृष्ठभूमि और व्यवसाय के आधार पर उन्हें समाज में ऊँचा या नीचा दर्जा दिया जाने लगा।
क्षेत्र और साम्राज्य
भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों पर अनेक राजवशों का शासन रहा जैसे: पल्लव वंश, राष्ट्रकूट वंश, चालुक्य वंश (कल्याणी), चालुक्य वंश (वातापी), चालुक्य वंश (वेंगी),यादव वंश, होयसल वंश, कदंब वंश, इत्यादि। इसी प्रकार उत्तर भारत में भी अनेक राजवंशों का शासन रहा जैसे: गुर्जर प्रतिहार वंश, गहडवाल वंश, चौहान वंश, कलचुरी वंश एवं चंदेल वंश। बाद में अरबों और तुर्कों के आक्रमण से तुगलक, गुलाम, खिलजी, मुग़ल वंशों ने उत्तर भारत पर शासन किया।
पुराने और नए धर्म
इतिहास के जिन हज़ार वर्षों की पड़ताल हम कर रहे हैं, इनके दौरान धार्मिक परंपराओं में कई बड़े परिवर्तन आए। आम तौर पर आस्था का स्वरूप सामूहिक होता था। किसी दैविक तत्त्व में सामूहिक आस्था, यानि धर्म, प्राय: स्थानीय समुदायों के सामाजिक और आर्थिक संगठन से संबंधित होती थी। जैसे-जैसे इन समुदायों का सामाजिक संसार बदलता गया वैसे ही इनकी आस्थाओं में भी परिवर्तन आता गया। आज हम जिसे हिंदू धर्म कहते हैं, उसमें भी इसी युग में महत्त्वपूर्ण बदलाव आए। इन परिवर्तनों में से कुछ इस प्रकार थे, जैसे: नए देवी-देवताओं की पूजा, राजाओं द्वारा मंदिरों का निर्माण और समाज में पुरोहितों के रूप में ब्राह्मणों का बढ़ता महत्त्व तथा बढ़ती सत्ता आदि। संस्कृत ग्रंथों के ज्ञान के कारण समाज में ब्राह्मणों का बड़ा आदर होता था। इनके संरक्षक थे, नए-नए शासक जो स्वयं प्रतिष्ठा की चाह में थे। इन संरक्षकों का समर्थन होने के कारण समाज में इनका दबदबा और भी बढ़ गया था।
भारत पर सर्वप्रथम किस अरब राजा ने आक्रमण किया था?
मोहमद बिन कासिम ने सन 711 ई० में भारत पर आक्रमण किया था। 712 ई० में उसने मुल्तान और सिंध जीत लिया था।
सामाजिक जीवन में किस तरह से परिवर्तन देखने को मिलते हैं?
सन् 700 और 1750 के बीच के हज़ार वर्षों में भारतीय उपमहाद्वीप में बड़े पैमाने पर सामाजिक परिवर्तन हुए। इस काल में अलग-अलग समय पर नई प्रौद्योगिकी के दर्शन होते हैं, जैसे: सिंचाई में रहट, कताई में चर्खे और युद्ध में आग्नेयास्त्रों (बारूद वाले हथियार) का इस्तेमाल। इस उपमहाद्वीप में नई तरह का खान-पान भी आया जैसे: आलू, मक्का, मिर्च, चाय और कॉफी इत्यादि।
धर्म और जाति के आधार पर किस तरह के परिवर्तन इस समय में हुआ?
इस काल में जिन समुदायों का महत्त्व बढ़ा उनमें से एक समुदाय था राजपूत, जिसका नाम ‘राजपुत्र’ (अर्थात् राजा का पुत्र) से निकला है। जैसे-जैसे समाज में अंतर बढ़ने लगे, लोग जातियों और उपजातियों में बाँटे जाने लगे और उनकी पृष्ठभूमि और व्यवसाय के आधार पर उन्हें समाज में ऊँचा या नीचा दर्जा दिया जाने लगा। संस्कृत ग्रंथों के ज्ञान के कारण समाज में ब्राह्मणों का बड़ा आदर होता था।