कक्षा 7 भूगोल अध्याय 1 एनसीईआरटी समाधान – पर्यावरण
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 भूगोल अध्याय 1 पर्यावरण के प्रश्न उत्तर सीबीएसई और राजकीय बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में विद्यार्थी यहाँ से मुफ़्त प्राप्त कर सकते हैं। सातवीं कक्षा भूगोल पाठ 1 के सभी प्रश्नों के उत्तर पीडीएफ तथा विडियो के रूप में दिए गए हैं ताकि विद्यार्थियों को समझने में कोई दिक्कत न हो। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर सरल भाषा में लिखा गया है इसलिए इसे याद रखना भी आसान है।
कक्षा 7 भूगोल अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान
पर्यावरण
पर्यावरण यानी एनवायरनमेंट शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द एनवायरोनेर या एनवायरोन्नेर से हुई है, जिसका अर्थ है ‘पड़ोस’। किसी भी जीवित प्राणी के चारों ओर पाए जाने वाले लोग, स्थान, वस्तुएँ एवं प्रकृति को पर्यावरण कहते हैं। यह प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित परिघटनाओं का मिश्रण है। प्राकृतिक पर्यावरण में पृथ्वी पर पाई जाने वाली जीवीय एवं अजीवीय दोनों परिस्थितियाँ सम्मिलित हैं।
प्राकृतिक पर्यावरण
भूमि, जल, वायु, पेड़-पौधे एवं जीव-जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते हैं। स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल एवं जैवमंडल इसके प्रमुख घटक हैं। प्राकृतिक पर्यावरण भूमि, जल, वायु, पेड़-पौधे एवं जीव-जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते हैं।
स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल एवं जैवमंडल से आप पहले से ही परिचित होंगे। पृथ्वी की ठोस पर्पटी या कठोर उपरी परत को स्थलमंडल कहते हैं। यह चट्टानों एवं खनिजों से बना होता है जल के क्षेत्र को जलमंड ल कहते हैं। यह जल के विभिन्न स्रोतों जैसे नदी, झील, समुद्र, महासागर आदि जैसे विभिन्न जलाशयों से मिलकर बनता है। यह सभी प्राणियों के लिए आवश्यक है।
पृथ्वी के चारों ओर फैली वायु की पतली परत को वायमुडंल कहते हैं। पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल अपने चारों ओर के वायुमंडल को थामे रखता है। यह सूर्य की झुलसाने वाली गर्मी एवं हानिकारक किरणों से हमारी रक्षा करता है।
पारितंत्र
वह तंत्र जिसमें समस्त जीवधारी आपस में एक-दूसरे के साथ तथा पर्यावरण के उन भौतिक एवं रासायनिक कारकों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं जिसमें वे निवास करते हैं। ये सब ऊर्जा और पदार्थ के स्थानांतरण द्वारा संबद्ध हैं।
जैवमंडल
पादप एवं जीव-जंतु मिलकर जैवमंडल या सजीव संसार का निर्माण करते हैं। यह पृथ्वी का वह संकीर्ण क्षेत्र है, जहाँ स्थल, जल एवं वायु मिलकर जीवन को संभव बनाते हैं।
मानवीय पर्यावरण
मानव अपने पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रिया करता है और उसमें अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करता है। प्रारंभिक मानव ने स्वयं को प्रकृति के अनुरूप बना लिया था। उनका जीवन सरल था एवं आस-पास की प्रकृति से उनकी आवश्यकताएँ पूरी हो जाती थी। समय के साथ कई प्रकार की आवश्यकताएँ बढ़ीं। मानव ने पर्यावरण के उपयोग और उसमें परिवर्तन करने के कई तरीके सीख लिए। उसने फसल उगाना, पशु पालना एवं स्थायी जीवन जीना सीख लिया।
स्थलमंडल के मुख्य घटक कौन से हैं?
स्थलमंडल वह क्षेत्र है, जो हमें वन, कृषि एवं मानव बस्तियों के लिए भूमि, पशुओं को चरने के लिए घासस्थल प्रदान करता है। यह खनिज संपदा का भी एक स्रोत है।
मनुष्य किस प्रकार पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है?
प्रारम्भ में मनुष्य प्रकृति के अनुरूप व्यवहार करता था। धीरे-धीरे उसकी आवश्यकता बढ़ती गयी और मनुष्य ने प्रकृति का दोहन करना प्रारम्भ कर दिया। इस लालच ने प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाया। आज जब उसके दुषप्रभाव सामने आ रहे हैं तब लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि किस तरह से हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं। जिससे कि पृथ्वी पर जीवन बना रहे।
वायु प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है?
औद्योगिक विकास वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। समय के साथ विकास भी आवश्यक है लेकिन ऊर्जा के पारंपरिक श्रोतों के बजाय हमें बिना प्रदूषण के ऊर्जा श्रोतों पर निर्भर होना पड़ेगा। जैसे: सोलर ऊर्जा, पनबिजली, परमाणु ऊर्जा आदि। साथ में परिवहन में भी स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करना पड़ेगा।