कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 11 एनसीईआरटी समाधान – प्रकाश
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 11 प्रकाश एनसीईआरटी समाधान – सलूशन तथा परीक्षा की तैयारी के लिए पठन सामाग्री और प्रश्न उत्तर यहाँ से प्राप्त करें। यदि आप कक्षा 7वीं विज्ञान के समाधान ऑफलाइन प्रयोग करना चाहते हैं तो सातवीं कक्षा विज्ञान समाधान ऐप डाउनलोड करें और मुफ्त में उसे प्रयोग करें। कक्षा 7 विज्ञान के एनसीईआरटी समाधान को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित किया है। यह सोल्युशंस यूपी बोर्ड तथा एमपी बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी हैं।
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 11 के एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
प्रकाश: उर्जा का एक रूप
प्रकाश, उर्जा का एक रूप है जिसके द्वारा हम देखने में समर्थ होते हैं। वस्तुएँ दीप्त तथा अदीप्त होती हैं। चंद्रमा को रात्रि के समय चमकते हुए देख सकते हैं परंतु दिन के समय यह लुप्त हो जाता है। यह इसलिए होता है क्योकि चन्द्रमा का अपना प्रकाश नहीं होता है, वह तो अपने उपर गिर रहे सूर्य के प्रकाश के कारण चमकता है तथा उसे हमारी आँखों की ओर परावर्तित कर देता है। इसी तरह, हम अँधेरे में कुछ भी देखने में असमर्थ होते हैं परंतु जैसे ही मोमबत्ती जलती है, सभी वस्तुएँ दिखने लगती है।
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 11 के प्रमुख प्रश्न उत्तर
दीप्त वस्तुएँ वस्तुएँ किसे कहते हैं?
वे वस्तुएँ हैं जो स्वयं अपना प्रकाश उत्सर्जित करती हैं उदाहरणतया- सूर्य, तारे, जलती हुई मोमबत्ती, जुगनू का प्रकाश आदि।
दीप्त वस्तु प्राकृतिक अथवा मानव-निर्मित हो सकती है। उनमें से कुछ अदीप्त भी हो सकती हैं परंतु अधिक गर्म करने पर, प्रकाशवान हो सकती हैं। विद्युत-बल्ब का तन्तु प्रकाश का उत्सर्जन तभी करता है जब विद्युत के प्रवाह द्वारा वह गर्म हो जाता है।
अदीप्त वस्तुओं से आप क्या समझते हैं?
इन वस्तुओ का अपना कोई प्रकाश नहीं होता है, परंतु जब दीप्त वस्तु से उन पर प्रकाश गिरता है और हमारे आँखों की ओर परिवर्तित होता है तो वे चमकती हैं अथवा दिखाई देती हैं। उदाहरण – फर्नीचर, जंतु, मनुष्य, चंद्रमा, पृथ्वी अदि।
आपतन कोण क्या होता है?
दीप्त वस्तु से जब प्रकाश की किरण परावर्तन सतह जैसे दर्पण पर एक कोण पर गिरती हैं। इस किरण को आपतित किरण कहते हैं तथा कोण को आपतन कोण कहते हैं।
परावर्तित किरण किसे कहते हैं?
परावर्तन के पश्चात प्रकाश की किरण एक समान तथा विपरीत कोण पर वापस लौटती है जिसे परावर्तन कोण कहते हैं तथा किरण को परावर्तित किरण कहते हैं।
विसरित परावर्तन क्या होता है?
दर्पण द्वारा स्वच्छ तथा तीक्ष्ण प्रतिबिंब का निर्माण होता है। इसे नियमित परावर्तन कहते हैं क्योंकि इसमें सभी आपतन किरणें एक ही दिशा में एक समान कोणों से परावर्तिन होती हैं। जबकि, खुरदरी सतह द्वारा आपतन किरणें विभिन्न दिशाओं में परावर्तित होती हैं जिसके द्वारा एक आभासी प्रतिबिंब का निर्माण होता है – इसे अनियमित परावर्तन या विसरित परावर्तन कहते हैं।
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 11 के प्रश्न उत्तर विस्तार से
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिंब में क्या अंतर होता है?
वास्तविक प्रतिबिम्ब तब बनतीं है जब प्रकाश की किरण वास्तव में बिन्दु पर, समतल दर्पण से परावर्तित होने के पश्चात मिलतीं
हैं। हम इसे पर्दे पर प्राप्त कर सकते हैं।
आभासी प्रतिबिंब तब निर्मित होता है जब प्रकाश की किरणें, समतल दर्पण से परावर्तन के पश्चात एक बिन्दु पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं। ये प्रतिबिंब केवल दर्पण द्वारा ही देखे जा सकते हैं, पर्दे पर नहीं ले सकते हैं।
- समतल दर्पण आभासी प्रतिबिम्ब बनातें है।
- अवतल दर्पण द्वारा आभासी प्रतिबिंब तब निर्मित होता है तब वस्तु उसकी फोकस दूरी से कम दूरी पर होती है।
- उत्तल दर्पण द्वारा आभासी प्रतिबिंब तब निर्मित होता है जब वस्तु उसके समक्ष रखी होती है।
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 11 के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब के अभिलक्षण लिखिए।
एक समतल दर्पण द्वारा निर्मित छवि के लक्षण:
- आभासी और सीधा।
- दर्पण के पीछे।
- छवि का आकार वस्तु के आकार के बराबर है।
- पार्श्व उलटी छवि (दाईं ओर दिखाई देने वाली बाईं ओर की छवि)।
- दर्पण के पीछे, दर्पण से छवि की दूरी दर्पण के सामने, दर्पण से वस्तु की दूरी के बराबर है।
अँग्रेजी या अन्य कोई भाषा, जिसका आपको ज्ञान है, की वर्णमाला के उन अक्षरों का पता लगाइए, जिनके समतल दर्पण में बने प्रतिबिंब बिलकुल अक्षरों के सदृश्य लगते हैं। अपने परिणामों की विवेचना कीजिए।
अँग्रेजी भाषा में A, H, I, M, O, T, U, V, W और X वे अक्षर हैं जो अक्षर के समान छवि बनाते हैं। अतः ये अक्षर पार्श्व सममित हैं।
आभासी प्रतिबिंब क्या होता है। कोई ऐसी स्थिति बताइए, जहाँ आभासी प्रतिबिंब बनता हो।
प्रतिबिंब, जिसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है, आभासी प्रतिबिंब कहलाते हैं। समतल दर्पण द्वारा निर्मित प्रतिबिंब, उत्तल दर्पण और अवतल लेंस आभासी होते हैं।
उत्तल तथा अवतल लेंसों में दो अंतर लिखिए।
1. उत्तल लेंस द्वारा बनाए गए प्रतिबिंब वस्तु से बड़े, छोटे अथवा वस्तु के आकार के बराबर हो सकते हैं जबकि अवतल लेंस हमेशा छोटे प्रतिबिंब बना सकता है।
2. एक उत्तल लेंस वास्तविक और आभासी प्रतिबिंब दोनों बनाता है जबकि एक अवतल लेंस हमेशा एक आभासी प्रतिबिंब ही बनाता है।
अवतल तथा उत्तल दर्पणों का एक-एक उपयोग लिखिए।
अवतल तथा उत्तल दर्पणों का एक-एक उपयोग:
- अवतल दर्पण का उपयोग दंत चिकित्सक, सौर भट्टी, टॉर्च के प्रतिक्षेपक आदि के रूप में किया जाता है।
- उत्तल दर्पण का उपयोग पश्च-दृश्य दर्पण में किया जाता है। इनमें चालक अपने पीछे के वाहनों को देखकर सुरक्षित वाहन चला सकते हैं।
किस प्रकार का दर्पण वास्तविक प्रतिबिंब बना सकता है?
अवतल दर्पण।
किस प्रकार का लेंस सदैव आभासी प्रतिबिंब बनाता है?
अवतल लेंस।
बिंब से बड़े साइज़ का आभासी प्रतिबिंब बनाया जा सकता है? (i) अवतल लेंस द्वारा (ii) अवतल दर्पण द्वारा (iii) उत्तल दर्पण द्वारा (iv) समतल दर्पण द्वारा
(ii) अवतल दर्पण द्वारा।
दर्पण क्या होता है?
एक पॉलिश की हुई, समतल, परावर्तन सतह को दर्पण कहते है। दर्पण, काँच को एक तरफ से रजतित करके तैयार किया जाता है। फिर, संतरी या लाल रंग के पेन्ट से ढककर, रजतित आवरण को सुरक्षित किया जाता है। रजत परत, परावर्तन सतह का कार्य करती है। दर्पण निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं:
- 1. समतल दर्पण: एक समतल, भलीभाँति से पॉलिश सतह को समतल दर्पण कहते हैं।
- 2. वक्रीय (गोल) दर्पण: ये वक्रीय सतह वाले दर्पण होते हैं। ये गोलिय दर्पण या परवलयिक दर्पण कहलाते हैं।
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब किस प्रकार के होते हैं?
समतल दर्पण द्वारा निर्मित प्रतिबिंब इस प्रकार होते है:
- 1. सीधा
- 2. वस्तु के आकार के समान
- 3. प्रतिबिंब की दूरी, दर्पण के पीछे दर्पण से वस्तु की दूरी के समान होती है।
- 4. पार्श्विक उत्क्रमित
- 5. आभासी
गोलीय दर्पणों का फोकस बिन्दु
मुख्य अक्ष का वह बिन्दु, जहाँ समानान्तर किरणें दर्पण से परावर्तित होकर एकत्र होती हैं, अवतल दर्पण का ‘फोकस’ कहलाता है। उत्तल दर्पण में, परावर्तन सतह पर गिरने वाली आपतन किरणें, परावर्तन के पश्चात फैलती हुई प्रतीत होती हैं। परावर्तित किरणें एक बिन्दु पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं अगर उन्हें पीछे की ओर खींचा जाता है। यह उत्तल दर्पण का फोकस होता है।
गोलीय दर्पणों के उपयोग
अवतल दर्पण के प्रयोग निम्नलिखित हैं:
1. शेविंग, साज-सज्जा के लिए देखने के दर्पण के रूप में।
2. दंत-चिकित्सकों द्वारा प्रयोग में लाए जाते हैं।
3. सोलर तापन उपकरणों में, प्रकाश-पुंज प्राप्त करने के लिए।
उत्तल दर्पण के प्रयोग निम्नलिखित हैं:
1. बड़े स्टोरो दुकानों तथा काम्प्लैक्स में नजर रखने वाले दर्पणों के रूप में।
2. वाहनों में रियर-व्यू तथा साइड-व्यू दर्पण के रूप में पीछे से आने वाले यातायात को देखने के लिए।