एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 4 प्रश्नावली 4.4
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 4 प्रश्नावली 4.4 सारणिक के अभ्यास के प्रश्नों के हल तथा उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 12 के ये समाधान सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड दोनों के विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी हैं। प्रश्नों के हल पीडीएफ तथा विडियो दोनों ही रूप में दिए गए हैं ताकि किसी को हल समझने में कोई दिक्कत न हो। कक्षा 12 गणित के ये समाधान तिवारी अकादमी ऐप तथा वेबसाइट दोनों पर निशुल्क उपलब्ध हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 4 प्रश्नावली 4.4
कक्षा 12 गणित अध्याय 4 प्रश्नावली 4.4 के लिए एनसीईआरटी समाधान
आव्यूह के सहखंडज और व्युत्क्रम
इस अनुच्छेद में हम एक आव्यूह के व्युत्क्रम के अस्तित्व के लिए शर्तों की भी व्याख्या करेंगे। A⁻¹ ज्ञात करने के लिए पहले हम एक आव्यूह का सहखंडज परिभाषित करेंगे।
आव्यूह का सहखंडज
परिभाषा: एक वर्ग आव्यूह A = [aᵢⱼ], का सहखंडज, आव्यूह Aᵢⱼ के परिवर्त के रूप में परिभाषित है, जहाँ Aᵢⱼ अवयव aᵢⱼ का सहखंड है। आव्यूह A के सहखंडज को adj A के द्वारा व्यक्त करते हैं।
नोट:
2 × 2 कोटि के वर्ग आव्यूह A का सहखंडज adj A, a₁₁ और a₂₂ को परस्पर बदलने एवं a₁₂ और a₂₁ के चिह्न परिवर्तित कर देने से भी प्राप्त किया जा सकता है।
सारणिक प्रमेय 1:
यदि A कोई n कोटि का आव्यूह है तो A(adj A) = (adj A) A = ।A। I जहाँ I, n कोटि का तत्समक आव्यूह है।
अव्युत्क्रमणीय सारणिक परिभाषा
एक वर्ग आव्यूह A अव्युत्क्रमणीय कहलाता है यदि ।A। = 0 है। उदाहरण के लिए आव्यूह A का सारणिक शून्य है। अतः A अव्युत्क्रमणीय है।
व्युत्क्रमणीय सारणिक परिभाषा
एक वर्ग आव्यूह A व्युत्क्रमणीय कहलाता है यदि ।A। ≠ 0
सारणिक प्रमेय 2:
यदि A तथा B दोनों एक ही कोटि के व्युत्क्रमणीय आव्यूह हों तो AB तथा BA भी उसी कोटि के व्युत्क्रमणीय आव्यूह होते हैं।
सारणिक प्रमेय 3:
आव्यूहों के गुणनफल का सारणिक उनके क्रमशः सारणिकों के गुणनफल के समान होता है अर्थात् ।AB। = ।A। ।B। जहाँ A तथा B समान कोटि के वर्ग आव्यूह हैं।
नोट:
व्यापक रूप से, यदि n कोटि का वर्ग आव्यूह A हो तो (adj A) = ।A।ⁿ ⁻ ¹ होगा।
सारणिक प्रमेय 4:
एक वर्ग आव्यूह A के व्युत्क्रम का अस्तित्व है, यदि और केवल यदि A व्युत्क्रमणीय आव्यूह है।
उपपत्ति
मान लीजिए n कोटि का व्युत्क्रमणीय आव्यूह A है और n कोटि का तत्समक आव्यूह I है। तब n कोटि के एक वर्ग आव्यूह B का अस्तित्व इस प्रकार हो ताकि AB = BA = I
अब AB = I है तो ।AB। = ।I। या ।AB। = 1 (क्योंकि ।I। = 1, ।AB। = ।A। ।B।)
इससे प्राप्त होता है ।A। ≠ 0 अतः A व्युत्क्रमणीय है।