एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 3 प्रश्नावली 3.1

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 3 प्रश्नावली 3.1 आव्यूह के सभी प्रश्नों के उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से मुफ्त प्राप्त किए जा सकते हैं। बारहवीं कक्षा के ये समाधान सीबीएसई और राजकीय बोर्ड दोनों के लिए उपयोगी हैं। समाधान हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओँ के उपलब्ध हैं। कक्षा 12 गणित की प्रश्नावली 3.1 के प्रश्न सरल है तथा आव्यूह के आधारभूत तथ्यों को समझने में हमारी मदद करते हैं।

कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 3.1 के लिए एनसीईआरटी समाधान

बारहवीं कक्षा गणित के लिए ऐप

iconicon

आव्यूह किसे कहते हैं?

आव्यूह संख्याओं या फलनों का एक आयताकार क्रम-विन्यास है। इन संख्याओं या फलनों को आव्यूह के अवयव अथवा प्रविष्टियाँ कहते हैं। आव्यूह को हम अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षरों द्वारा व्यक्त करते हैं।

आव्यूह की उपयोगिता क्या है?

आव्यूह, गणित के सर्वाधिक शक्तिशाली साधनों में से एक है। अन्य सीधी-सादी विधियों की तुलना में यह गणितीय साधन हमारे कार्य को काफी हद तक सरल कर देता है। रैखिक समीकरणों के निकाय को हल करने के लिए संक्षिप्त तथा सरल विधियाँ प्राप्त करने के प्रयास के परिणामस्वरूप आव्यूह की संकल्पना का विकास हुआ। आव्यूहों को केवल रैखिक समीकरणों के निकाय के गुणांकों को प्रकट करने के लिए ही नहीं प्रयोग किया जाता है, अपितु आव्यूहों की उपयोगिता इस प्रयोग से कहीं अधिक है।

आव्यूह संकेतन तथा संक्रियाओं का प्रयोग व्यक्तिगत कंप्यूटर के लिए इलेक्ट्रानिक स्प्रेडशीट प्रोग्रामों में किया जाता है, जिसका प्रयोग, क्रमशः वाणिज्य तथा विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रें में होता है, जैसे, बजट, विक्रय बहिर्वेशन, लागत आकलन, किसी प्रयोग के परिणामों का विश्लेषण इत्यादि।

इसके अतिरिक्त अनेक भौतिक संक्रियाएँ जैसे आवर्धन, घूर्णन तथा किसी समतल द्वारा परावर्तन को आव्यूहों द्वारा गणितीय ढंग से निरूपित किया जा सकता है। आव्यूहों का प्रयोग गूढ़लेखिकी में भी होता है। इस गणितीय साधन का प्रयोग न केवल विज्ञान की ही कुछ शाखाओं तक सीमित है, अपितु इसका प्रयोग अनुवंशिकी, अर्थशास्त्र, आधुनिक मनोविज्ञान तथा औद्यौगिक प्रबंधन में भी किया जाता है।

आव्यूह के उदाहरण

सूचना व्यक्त करना चाहते हैं कि राधा के पास 15 पुस्तिकाएँ हैं। इसे हम ख्15, रूप में, इस समझ के साथ व्यक्त कर सकते हैं, कि ख् , के अंदर लिखित संख्या राधा के पास पुस्तिकाओं की संख्या है। अब यदि हमें यह व्यक्त करना है कि राधा के पास 15 पुस्तिकाएँ तथा 6 कलमें हैं, तो इसे हम ख्15 6, प्रकार से, इस समझ के साथ व्यक्त कर सकते हैं कि ख् , के अंदर की प्रथम प्रविष्टि राधा के पास की पुस्तिकाओं की संख्या, जबकि द्वितीय प्रविष्टि राधा के पास कलमों की संख्या दर्शाती है।

अब मान लीजिए कि हम राधा तथा उसके दो मित्रें फोैजिया तथा सिमरन के पास की पुस्तिकाओं तथा कलमों की निम्नलिखित सूचना को व्यक्त करना चाहते हैंः
राधा के पास 15 पुस्तिकाएँ तथा 6 कलम हैं,
फौजिया के पास 10 पुस्तिकाएँ तथा 2 कलम हैं,
सिमरन के पास 13 पुस्तिकाएँ तथा 5 कलम हैं,

सारणिक रूप में व्यक्त करना

अब इसे हम सारणिक रूप में निम्नलिखित प्रकार से व्यवस्थित कर सकते हैंः
नाम पुस्तिका कलम
राधा 15 6
फौजिया 10 2
सिमरन 13 5

सारणिक को व्यक्त करने का अन्य तरीका

राधा फौजिया सिमरन
पुस्तिका 15 10 13
कलम 6 2 5

इस सारणी को दो तरह से आव्यूह में व्यक्त कर सकते हैं:
1. दो स्तम्भ तथा तीन पंक्तिया
2. तीन स्तम्भ तथा दो पंक्तियाँ

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 3 प्रश्नावली 3.1 आव्यूह
कक्षा 12 गणित अध्याय 3 प्रश्नावली 3.1 आव्यूह
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित प्रश्नावली 3.1