एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 रसायन अध्याय 2 वैधुतरसायन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 2 वैधुतरसायन के प्रश्न उत्तर हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। विद्यार्थी यहाँ से 12वीं कक्षा के रसायन शास्त्र में पाठ 2 के सभी प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 रसायन अध्याय 2
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 2 वैधुतरसायन के प्रश्न उत्तर
वैद्युतरसायन
वैद्युतरसायन स्वतः प्रवर्तित रासायनिक अभिक्रियाओं में निर्गमित ऊर्जा से विद्युत उत्पादन एवं विद्युतीय ऊर्जा के स्वतः अप्रवर्तित रासायनिक परिवर्तनों में उपयोग का अध्ययन है।
उदहारण:
बहुत सारी धातुएं, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, क्लोरीन, फ्लोरीन एवं अन्य बहुत सारे रसायन, वैद्युतरासायनिक विधियों द्वारा बनाए जाते हैं। बैटरियाँ एवं ईंधन सेल रासायनिक ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं एवं विभिन्न उपकरणों एवं युक्तियों में व्यापक रूप से उपयोग में लाए जाते हैं।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 2 बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
जब सेल में कोई धारा प्रवाहित न हो रही हो तो इलेक्ट्रोडों के विभवों में अन्तर को कहते हैं:
निम्नलिखित में से किसी सेल के अक्रिय इलेक्ट्रोड के विषय में कौन-सा कथन सही नहीं है?
विद्युत् अपघट्यों के विलयनों के लिए कौन-सा कथन सही नहीं है।
Al₂O₃ से एक मोल ऐलुमिनियम प्राप्त करने के लिए आवश्यक आवेश की मात्रा है।
वैद्युत रासायनिक सेल
वह युक्ति जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य करती है उसे वैद्युत रासायनिक सेल कहलाता है, इस सेल को गेल्वनी अथवा वोल्टीय सेल भी कहा जाता है।
गैल्वैनी सेल
गैल्वैनी सेल एक वैद्युतरासायनिक सेल है जो कि एक स्वतः रेडॉक्स अभिक्रिया की रासायनिक ऊर्जा को विद्युतीय ऊर्जा में रूपांतरित करती है। इस युक्ति में स्वतः रेडॉक्स अभिक्रिया की गिब्ज ऊर्जा वैद्युत कार्य में रूपांतरित होती है, जिसको मोटर या अन्य विद्युतीय जुगतों जैसे-हीटर, पंखा, गीजर इत्यादि में उपयोग किया जाता है।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 2 एमसीक्यू उत्तर
चालकता सेल का सेल स्थिरांक
लेड स्टोरेज बैटरी (लेड संचायक सेल) को चार्ज करते समय
नमक के जलीय विलयन के विद्युत् अपघटन में कौन-सी अर्धसेल अभिक्रिया ऐनोड पर होगी?
विद्युत् अपघट्य विलयन की चालकता निर्भर करती है:
डेन्यल सेल
डेन्यल सेल निम्नलिखित रेडॉक्स अभिक्रिया में उत्सर्जित रासायनिक ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
Zn(s) + Cu²⁺(aq) ⟶ Zn²⁺ (aq) + Cu(s)
यह अभिक्रिया दो अर्ध सेल अभिक्रियाओं का संयोजन है जिनका योग समग्र सेल अभिक्रिया देता है।
(i) Cu²⁺ + 2e⁻ ⟶ Cu(s) (अपचयन अर्ध अभिक्रिया)
(ii) Zn(s) ⟶ Zn²⁺ + 2e⁻ (ऑक्सीकरण अर्ध अभिक्रिया)
ये अभिक्रियाएं डेन्यल सेल के दो भिन्न भागों में होती हैं। अपचयन अर्ध अभिक्रिया कॉपर इलैक्ट्रोड पर होती है जबकि ऑक्सीकरण अर्ध अभिक्रिया जिंक इलैक्ट्रोड पर होती है। सेल के ये दो भाग, अर्ध सेल या रेडॉक्स युग्म भी कहलाते हैं। कॉपर इलैक्ट्रोड को अपचयन अर्ध सेल एवं जिंक इलैक्ट्रोड को ऑक्सीकरण अर्ध सेल भी कहा जा सकता है।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 2 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
शुष्क सेल के विपरीत मर्करी सेल का सेल विभव अपनी सम्पूर्ण उपयोगी आयु में स्थिर क्यों रहता है?
मर्करी सेल की सम्पूर्ण सेल अभिक्रिया में कोई आयन सम्मिलित नहीं होता।
इलेक्ट्रोड विभव क्या होता है?
जब किसी धातु की छड़ को उसके लवण के विलयन में डूबोते हैं तो धातु की छड़ विलयन के सापेक्ष धन या ऋणावेशित हो जाती है। इस प्रकार धातु की छड़ तथा विलयन के मध्य विभवांतर स्थापित हो जाता है। जिसे इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं।
किसी विद्युत् अपघटनी विलयन के प्रतिरोध के मापन में प्रत्यावर्ती धारा का प्रयोग क्यों किया जाता है?
प्रत्यावर्ती धारा विद्युत् अपघटन को रोकती है जिससे आयनों की सांद्रता स्थिर बनी रहती है।
वैद्युत अपघटनी विलयनों का चालकत्व
किसी भी वस्तु का विद्युतीय प्रतिरोध उसकी लंबाई l के अनुक्रमानुपाती एवं अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल A के प्रतिलोमानुपाती होता है। अर्थात् R ∝ l/A = 𝜌l/A
समानुपाती स्थिरांक 𝜌 (ग्रीक, रो, rho) को प्रतिरोधकता (विशिष्ट प्रतिरोध) कहते हैं। इसकी SI इकाई ओम मीटर (Ωm) है
प्रतिरोध R का व्युत्क्रम, चालकत्व G कहलाता है एवं हम निम्न संबंध प्राप्त करते हैं:
G = 1/R = A/𝜌l = 𝜅A/l
चालकत्व का SI मात्रक सीमेन्ज है जिसे प्रतीक S से निरूपित किया जाता है एवं यह ohm⁻¹ (या mho) या Ω⁻¹ के तुल्य है। प्रतिरोधकता का प्रतिलोम, चालकता (विशिष्ट चालकत्व) कहलाता है जिसे प्रतीक 𝜅 (ग्रीक शब्द कॉपा) से प्रदर्शित करते हैं।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 2 के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
रसायन विज्ञान कक्षा 12 एनसीईआरटी पुस्तक अध्याय 2 में वैद्युतरसायन और वास्तविक दुनिया में इसके प्रभाव पर केंद्रित है। यहाँ शामिल कुछ विषय इलेक्ट्रोकेमिकल सेल, गैल्वेनिक सेल और इलेक्ट्रोलाइटिक सेल हैं। सेल की प्रतिरोधकता, चालकता और मोलर चालकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समझाया गया है।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान के पाठ्यक्रम में अध्याय 2 परीक्षा के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है?
बारहवीं कक्षा में रसायन विज्ञान अध्याय 2 से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में लगभग 6 अंकों तक के प्रश्न पूंछे जा सकते हैं। इस प्रकार 12वीं बोर्ड की परीक्षा की दृष्टि से यह अध्याय अति महत्वपूर्ण है। छात्रों को विभिन्न प्रकार के वैद्युतरासायनिक सेल के बारे में गहनता से अध्ययन करना चाहिए तथा पाठ को बार बार दोहराते रहना चाहिए।
12वीं कक्षा में रसायन विज्ञान अध्याय 2 से सम्बंधित अध्ययन सामग्री कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
जैसा कि छात्र जानते हैं कि कक्षा 12 रसायन विज्ञान में अध्याय 2 महत्वपूर्ण पाठों में से एक है। इसलिए, इसकी तैयारी के लिए एनसीईआरटी समाधान में दिए गए अभ्यास तथा पाठ्यनिहित प्रश्नों के साथ-साथ अतिरिक्त अध्ययन सामग्री का प्रयोग भी करना चाहिए। इससे अध्याय 2 को परीक्षा के लिए अच्छी तरह तैयार किया जा सकता है। तिवारी अकादमी वेबसाइट पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री से छात्र इस अध्याय को अच्छी तरह दोहरा सकते हैं। प्रश्नों के उत्तर लिखते समय संबंधित चित्रों तथा अभिक्रियाओं को लिख-लिख कर अभ्यास करना चाहिए ताकि वे लंबे समय तक याद रहें।