एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 8 स्थानीय शासन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 8 स्थानीय शासन के प्रश्नों के उत्तर अंग्रेजी और हिंदी मीडियम में सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। 11वीं कक्षा के लिए राजनीति शास्त्र भारत का संविधान, सिद्धांत और व्यवहार के पाठ 8 के सभी सवाल जवाब के साथ साथ अतिरिक्त प्रश्न उत्तर भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 8 स्थानीय शासन के प्रश्न उत्तर
मान लीजिए कि आपको किसी प्रदेश की तरफ से स्थानीय शासन की कोई योजना बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्राम पंचायत स्व-शासन की इकाई के रूप में काम करे, इसके लिए आप उसे कौन सी शक्तियां देना चाहेंगे? ऐसी पांच शक्तियों का उल्लेख करें और प्रत्येक शक्ति के बारे में दो-दो पक्तियों में यह भी बताएं कि ऐसा करना क्यों जरूरी है।
ग्राम पंचायत के लिए उपभोक्ता योजना की सफलता के लिए निम्न शक्तियॉं प्रदान की गई हैं:
शिक्षा के क्षेत्र में विकास: शिक्षा के क्षेत्र में विकास की अत्यंत आवश्यकता है शिक्षा प्राप्ति के साथ ही नागरिक अपने अधिकारों व कर्तव्यों को जान सकेंगे तथा अपनी भागीदारी को निश्चित करेंगे।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास: ग्रामों में स्वास्थ्य के प्रति जानकारी का तथा स्वास्थ्य सुविधा का प्राय: अभाव रहता है अत: इस क्षेत्र में ग्राम पंचायत की अहम भूमिका अपेक्षित है।
कृषि के क्षेत्र में विकास: कृषि का विकास ग्रामीण क्षेत्र की प्रमुख आवश्कयता है क्योंकि ग्रामीण जीवन कृषि पर ही निर्भर करता है। ग्राम पंचायत व सरकार को कृषि के विकास को प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए। अत: यह आवश्यक है कि इस क्षेत्र में ग्राम पंचायत को विशेष कार्य करने चाहिए।
पैदावार को बाजार तक ले जाने के बारे में जानकारी देना : ग्रामीण को अपनी पैदावार को अक्सर गाँव में ही बेचना पड़ता है। जिसके कारण उनको पैदावार का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। अत: यह आवश्यक है कि पैदावार सही समय पर बाजार में पंहुचाई जा सके।
पंचायतों के वितीय स्त्रोतों को इकट्ठा करना : ग्राम पंचायतों की वितीय स्थिति अक्सर कमजोर रहती है। अत: ग्रामसभा को आय के सभी स्त्रोतों का समुचित उपयोग करना चाहिए तथा ग्राम पंचायत को सरकार से गाँव के विकास के लिए आवश्यक धन की मांग करनी चाहिए।
सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए संविधान के 73वें संशोधन में आरक्षण के क्या प्रावधान हैं? इन प्रावधानों से ग्रामीण स्तर के नेतृत्व का खाका किस तरह बदला है?
संविधान के 73वें संशोधन में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए व महिलाओं के लिए कुछ सीटों में से प्रत्येक वर्ग के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की गई हैं। यह आरक्षण ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व जिला परिषदों में सदस्यों के पदों में किया गया है। इस आरक्षण से महिलाओं की व अनुसूचित जाति के लोगों की स्थिति में सम्मानजनक परिवर्तन हुआ।
संविधान के 73वें संशोधन से पहले और संशोधन के बाद के स्थानीय शासन के बीच मुख्य भेद बताऍं।
संविधान के 73वें संशोधन से पहले और संशोधन के बाद के स्थानीय शासन के बीच मुख्य भेद:
73वें संविधान संशोधन से पहले ग्राम पंचायतें सरकारी आदेशों के अनुसार गठित की जाती थी परंतु 73वें संशोधन के बाद से इनका संवैधानिक आधार हो गया है जिसकी रूप रेखा संविधान में लिखी गयी है।
73वें संविधान संशोधन से पहले इन संस्थाओं के चुनाव अप्रत्यक्ष हुआ करते थे परंतु 73वें संविधान संशोधन के बाद ये चुनाव प्रत्यक्ष होते हैं।
73वें संविधान संशोधन से पहले अनुसूचित जाति तथा महिलाओं के लिए पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था नहीं थी परंतु 73वें संशोधन के बाद महिलाओं तथा अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण दिया गया है।
पहले इन संस्थाओं के कार्यकाल अनिश्चित थे, परंतु अब निश्चित किये गए हैं।
73वें संशोधन से पहले ये संस्थाएँ आर्थिक रूप से कमजोर थी परंतु अब आर्थिक रूप से मजबूत हैं।
73वें संशोधन के प्रावधानों को पढें। यह संशोधन निम्निलिखत सरोकारों में से किससे ताल्लुक रखता है?
(क) पद से हटा दिये जाने का भय जन-प्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाता है।
(ख) भूस्वामियों, सामंतों और ताकतवार जातियों का स्थानीय निकायों में दबदबा रहता है।
(ग) ग्रामीण क्षेत्रों में निरक्षरता बहुत ज्यादा है। निरक्षर लोग गॉंव के विकास के बारे में फैसला नही ले सकते हैं।
(घ) प्रभावकारी साबित होने के लिए ग्राम पंचायतों के पास गांव के विकास की योजना बनाने की शक्ति और संसाधन का होना जरूरी है।
उत्तर:
(घ) प्रभावकारी साबित होने के लिए ग्राम पंचायतों के पास गांव की विकास योजना बनाने की शक्ति और संसाधन का होना जरूरी है।
नीचे स्थानीय शासन के पक्ष में कुछ और तर्क दिए गए हैं। इन तर्कों को आप अपनी पंसद से वरीयता क्रम में सजायें और बताएं कि किसी एक तर्क की अपेक्षा दूसरे को आपने ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों माना है। आपके जानते वेंगैवसल गांव की ग्राम पंचायत का फैसला निम्नलिखित कारणों में से किस पर और कैसे आधारित था?
(क) सरकार स्थानीय समुदाय को शामिल कर अपनी परियोजना कम लागत में पूरी कर सकती है।
(ख) स्थानीय जनता द्वारा बनायी गई विकास योजना सरकारी अधिकारियों द्वारा बनायी गई विकास योजना से ज्यादा स्वीकृत होती है।
(ग) लोग अपने इलाके की जरुरत, समस्याओं और प्राथमिकताओं को जानते हैं। सामुदायिक भागीदारी द्वारा उन्हें विचार-विमर्श करके अपने जीवन के बारे में फैसला लेना चाहिए।
(घ) आम जनता के लिए अपने प्रदेश अथवा राष्ट्रीय विधायिका के जन-प्रतिनिधियों से सपंर्क कर पाना मुश्किल होता है।
उत्तर:
उपरोक्त का वरीयता क्रम निम्न होगा:
(1) (ग), (2) (क), (3)(ख), (4)(घ)
उपरोक्त के क्रम का तर्क
(क) यदि परियोजना में स्थानीय लोग काम करेंगे तो उससे खर्च नहीं बढ़ेगा बल्कि कम होगा।
(ख) इसका तर्क यह है कि स्थानीय लोग अपनी समस्याओं, आवश्यकताओं तथा प्राथमिकताओं को बेहतर समझते हैं। इसलिए उनको अपने बारे में स्वयं निणर्य लेने का अवसर प्रदान करना चाहिए।
(ग) इसका तर्क यह है कि लोगों के द्वारा स्वयं से तैयार की गयी योजनाएं उनके द्वारा जल्द स्वीकार कर ली जायेंगी।
(घ) इसका तर्क यह है कि आम व्यक्तियों के लिए अपने जन प्रतिनिधियों से सीधा संपर्क करना मुश्किल होता है।
(ङ) वेंगैवसल ग्राम की पंचायत के फैसले (ग) के उदाहरण पर आधारित हैं जिसमें यह व्यक्त किया गया है कि स्थानीय लोग अपनी समस्याओं, हितों व प्राथमिकताओं को बेहतर समझते हैं। अत: उनको स्वयं अपने बारे में निर्णय लेने का अधिकार प्रदान करना चाहिए।
आपके अनुसार निम्नलिखित में कौन-सा विकेन्द्रीकरण का साधन है? शेष को विकेन्द्रीकरण के साधन के रूप में आप पर्याप्त विकल्प क्यों नहीं मानते?
(क) ग्राम पंचायत का चुनाव कराना।
(ख) गाँव के निवासी खुद तय करें कि कौन-सी नीति और योजना गांव के लिए उपयोगी है।
(ग) ग्राम सभा की बैठक बुलाने की ताकत।
(घ) प्रदेश सरकार ने ग्रामीण विकास की एक योजना चला रखी है। खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) ग्राम पंचायत के सामने एक रिपोर्ट पेश करता है कि इस योजना में कहाँ तक प्रगति हुई है।
उत्तर:
विकासखंड में शक्तियों के विकेन्द्रीकरण की स्थिति है। जिसमें गाँव के लोग स्वयं यह तय करते हैं कि कौन सी परियोजना उनके लिए उपयोगी है। अन्य उदाहरणों में विकेन्द्रीकरण की स्थिति निम्न कारणों से प्रतीत नहीं होती है:
(क) ये ग्राम पंचायत के चुनावों से सम्बंधित है।
(ख) ये ग्रामसभा की बैठक को बुलाने की स्थिति है।
(ग) ग्राम पंचायत ने खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) से प्रोजेक्ट के बारे में प्रगति रिपोर्ट मांगी है। अत: इन तर्कों के आधार पर हम कह सकते हैं कि इनमें विकेन्द्रीकरण की स्थिति नहीं हैं जो कि (ख) में है।
दिल्ली विश्वविद्यालय का एक छात्र प्राथमिक शिक्षा के निर्णय लेने में विकेन्द्रीकरण की भूमिका का अध्ययन करना चाहता था। उसने ग्रामवासियों से कुछ सवाल पूछे। ये सवाल नीचे लिखे हैं। यदि ग्रामवासियों में आप शमिल होते तो निम्नलिखित प्रश्नों के क्या उत्तर देते? गांव का हर बालक/बालिका विद्यालय जाए, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कौन-से कदम उठाए जाने चाहिए-इस मुद्दें पर चर्चा करने के लिए ग्राम सभा की बैठक बुलाई जानी है।
(क) बैठक के लिए उचित दिन कौन-सा होगा, इसका फैसला आप कैसे करेंगे? सोचिए कि आपके चुने हुए दिन में कौन बैठक में आ सकता है और कौन नहीं ?
(अ) खंड विकास अधिकारी अथवा कलेक्टर द्वारा तय किया हुआ कोई दिन।
(ब) गांव का बाजार जिस दिन लगता है।
(स) रविवार
(द) नाग पंचमी/ संक्राति
(ख) बैठक के लिए उचित स्थान क्या होगा? कारण भी बताऍं
(अ) जिला-कलेक्टर के परिपत्र में बताई गई जगह।
(ब) गांव का कोई धर्मिक स्थान ।
(ब) दलित मोहल्ला।
(द) ऊँची जाति के लोगों का टोला।
(ध) गांव का स्कूल।
(ग) ग्राम सभा की बैठक में पहले जिला-समाहर्ता (कलेक्टर) द्वारा भेजा गया परिपत्र पढ़ा गया। परिपत्र में बताया गया था कि शैक्षिक रैली को आयोजित करने के लिए क्या कदम उठाये जाएं और रैली किस रास्ते होकर गुजरे। बैठक में उन बच्चों के बारे में चर्चा नहीं हुई जो कभी स्कूल नहीं आते। बैठक में बालिकाओं की शिक्षा के बारे में, विघालय भवन की दशा के बारे में और विद्यालय के खुलने-बंद होने के समय के बारे में भी चर्चा नहीं हुई। बैठक रविवार के दिन हुई इसलिए कोई महिला शिक्षक इस बैठक में नहीं आ सकी।
लोगों की भागीदारी के लिहाज से इसको आप अच्छा कहेंगे या बुरा? कारण भी बताएँ।
(घ) अपनी कक्षा की कल्पना ग्राम सभा के रूप में करें। जिस मुद्दे पर बैठक में चर्चा होनी थी उस पर कक्षा में बातचीत करें और लक्ष्य को पूरा करने के लिए कुछ उपाय सुझायें।
उत्तर:
मैं एक ग्रामवासी होने के नाते उपरोक्त सवालों के जवाब इस प्रकार देता जो निम्न हैं:
(क) बैठक के लिए उचित दिन रविवार को होगा क्योंकि इस दिन गाँव के सभी लोग बैठक में शामिल हो सकते हैं।
(ख) बैठक के लिए उचित स्थान सरकारी स्कूल है क्योंकि बैठक रविवार को हो रही है अतः विद्यार्थियों और अध्यापकों को भी किसी प्रकार परेशानी नहीं होगी।
(ग) बैठक में सभी शिक्षकों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए था जिससे स्कूल से सम्बंधित समस्याओं पर विचार किया जा सके। लोगों की भागीदारी के लिहाज से बैठक अच्छी रही।
(घ) ग्रामसभा की बैठक में बहुत सारे विषयों और समस्याओं पर चर्चा हुई। सभी समस्याओं के निदान के लिए ग्रामवासियों का सहयोग और धन की आवश्यकता होती है। धन के लिए जिलाधिकारी महोदय से निवेदन किया जाना चाहिए। विद्यालय संबंधी समस्याओं के लिए जिलाधिकारी, स्कूल के शिक्षकों और विद्यार्थियों के अभिभावकों से विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।