एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 1 संविधान – क्यों और कैसे?
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 1 संविधान – क्यों और कैसे? के प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से मुफ्त प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 11 के राजनीति शास्त्र के छात्र पुस्तक भारत का संविधान, सिद्धांत और व्यवहार के पाठ 1 के सभी उत्तरों को हिंदी मीडियम में प्रश्न उत्तर यहाँ से प्राप्त करें।
कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 1 संविधान – क्यों और कैसे? के प्रश्न उत्तर
इनमें कौन-सा संविधान का कार्य नहीं है?
(क) यह नागरिकों को अधिकार की गारंटी देता है।
(ख) यह शासन की विभिन्न शाखाओं की शक्तियों को अलग-अलग क्षेत्र का रेखांकन करता है।
(ग) यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता में अच्छे लोग आयें।
(घ) यह कुछ साझे मूल्यों की अभिव्यक्ति करता है।
उत्तर:
(ग) यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता में अच्छे लोग आयें।
निम्नलिखित में कौन–सा कथन इस बात की एक बेहतर दलील है कि संविधान की प्रमाणिकता संसद से ज्यादा है?
(क) संसद के अस्तित्व में आने से कहीं पहले संविधान बनाया जा चुका था।
(ख) संविधान के निर्माता संसद के सदस्यों से कहीं ज्यादा बड़े नेता थे।
(ग) संविधान ही यह बताता हैं कि संसद कैसे बनायी जाए और इसे कौन-कौन सी शक्तियां प्राप्त होंगी।
(घ) संसद, संविधान का संशोधन नहीं कर सकती।
उत्तर:
(ग) संविधान ही यह बताता है कि संसद कैसे बनायी जाए और इसे कौन-कौन सी शक्तियां प्राप्त होगी।
बतायें कि भारतीय संविधान के निर्माण के बारे में निम्नलिखित अनुमान सही हैं या नही? अपने उत्तर का कारण बतायें।
संविधान सभा में भारतीय जनता की नुमाइंदगी नहीं हुई। इसका निर्वाचन सभी नागरिकों द्वारा नहीं हुआ था।
क्योंकि जिस चुनाव के आधार पर संविधान सभा का गठन किया गया था वह सीमित मताधिकार पर था न कि व्यस्क मताधिकार पर हालांकि इस संविधान सभा को मनोनयन की प्रक्रिया के द्वारा अधिक से अधिक प्रतिनिधात्मक बनाने का प्रयास किया गया था।
संविधान बनाने की प्रक्रिया में कोई फैसला नहीं लिया गया क्योंकि उस समय नेताओं के बीच संविधान की बुनियादी रूपरेखा के बारे में आम सहमति थी।
संविधान सभा में अनेक बड़े फैसले लिए गए व संविधान सभा के सदस्यों में बुनियादी रूप रेखा के संबंध में आम सहमति भी नहीं थी। विचार विमर्श व वाद–विवाद के आधार पर उत्पन्न आम सहमति के आधार पर अनेक ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय किये गये जिन पर सदस्यों में मतभेद था।
संविधान में कोई मौलिकता नहीं है क्योंकि इसका अधिकांश हिस्सा दूसरे देशों से लिया गया है।
संविधान का अधिकांश भाग विभिन्न देशों से लिया गया है लेकिन यह कहना गलत होगा कि इस संविधान में मौलिकता नहीं हैं क्योंकि भारतीय संविधान में अनेक देशों के श्रोत हैं। जैसे भारत सरकार का अधिनियम 1935 व नेहरू की रिपोर्ट 1928 तथा अन्य विकास वादी श्रोत।
किसी देश के लिए संविधान में शक्तियों और ज़िम्मेदारियों का साफ़-साफ़ निर्धारण क्यों जरूरी है? इस तरह का निर्धारण न हो तो क्या होगा?
किसी देश के लिए संविधान में शक्तियों और ज़िम्मदारियों का साफ़-साफ़ निर्धारण इसलिए जरूरी है क्योंकि संविधान के द्वारा सरकार के सभी अंगों व प्रशासन की सभी संस्थाओं में शक्तियों व ज़िम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से अलग-अलग निर्धारित किया जा सकता है ताकि सभी चुने हुए प्रतिनिधि अपने–अपने क्षेत्रों में हर कार्य करें तथा अपनी ज़िम्मेदारियों का पालन करें तथा इस तरह का निर्धारण न हो तो राज्य में अनाभिज्ञ्यता बढ़ जाएगी और किसी को ज़िम्मेवार नहीं ठहराया जाएगा।
रजत ने अपने शिक्षक से पूछा- संविधान एक पचास साल पुराना दस्तावेज है और इस कारण पुराना पड़ चुका है किसी ने इसको लागू करते समय मुझसे राय नहीं माँगी यह इतनी कठिन भाषा में लिखा हुआ है कि मैं इसे समझ नहीं सकता। आप मुझे बतायें कि मैं इस दस्तावेज की बातों का पालन क्यों करूँ? अगर आप शिक्षक होते तो रजत को क्या उत्तर देते?
उत्तर:
एक शिक्षक के रूप में रजत को इस प्रकार से समझाया जा सकता है कि भारतीय संविधान 65 वर्ष पुराना है लेकिन यह पुराना नहीं है क्योंकि इसकी मूल बातें आज भी प्रयोग में लाई जाती है इसके अलावा हम परिस्थितियों की आवश्यकता के अनुसार इसमे संशोधन कर सकते हैं। संविधान की भाषा कठिन आवश्य हैं परंतु इतनी भी कठिन नहीं कि इसका मूल भाव व उद्देश्य आम आदमी तक न पहुँचाया जा सके।
जब जापान का संविधान बना तब दूसरे विश्व युद्ध में पराजित होने के बाद जापान अमेरिकी सेना के कब्जे में था। जापान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान होना अंसभव था, जो अमेरिकी सेना को पसंद न हो। भारत मे संविधान बनाने का अनुभव किस तरह इससे अलग है?
उत्तर:
जब जापान का संविधान बन रहा था उस समय जापान अमेरिकी सेना के नियंत्रण में था। भारतीय संविधान के बनाने की प्रक्रिया व जापान के संविधान को बनाने की प्रक्रिया में सबसे बड़ा अंतर यह है कि भारतीय संविधान एक संविधान सभा के द्वारा लिखा गया जिसको जनता ने अप्रत्यक्ष रूप से चुना था। जापान का संविधान अमेरिकी सेना की निगरानी में लिखा गया था।