एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 5 खनिज एवं शैल
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 5 खनिज एवं शैल के प्रश्न उत्तर हिंदी और अंग्रेजी में सवाल जवाब सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से छात्र प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 11 भूगोल पाठ 5 पुस्तक भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत के इकाई III भू-आकृतियाँ के सभी प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड दोनों के लिए लाभकारी हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 5
कक्षा 11 भूगोल अध्याय 5 खनिज एवं शैल के प्रश्न उत्तर
खनिज शब्द को परिभाषित करें एवं प्रमुख प्रकार के खनिजों के नाम लिखें।
खनिज एक ऐसा प्राकृतिक, अकार्बनिक तत्व है जिसमें एक क्रमवद्ध परमाण्विक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुणधर्म होते हैं। खनिज का निर्माण दो या दो से अधिक तत्वों से मिलकर होता है लेकिन कभी-कभी सल्फर, ताँबा, चाँदी, स्वर्ण, ग्रेफाइट जैसे एकतत्वीय खनिज भी पाए जाते हैं। भूपर्पटी पर कम-से-कम 2000 प्रकार के, खनिजों को पहचाना गया है और उनको नाम दिया गया है। इनमें से सामान्यत: उपलब्ध लगभग सभी खनिज तत्व छह प्रमुख खनिज समूहों से संबंधित होते हैं जिनको चटृानों का निर्माण करने वाले प्रमुख खनिज के रूप में माना गया है।
कुछ प्रमुख खनिजों के नाम फेल्डस्पर, सिलिका, ऑक्सीजन, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, ऐलुमिनीयम आदि तत्व इसमें शमिल होते हैं। क्वार्ट्ज – यह रेत एवं ग्रेनाइट का प्रमुख घटक है। इसमें सिलिका होता है। यह एक कठोर खनिज है तथा पानी में सर्वदा अघुलनशील होता है। पाइरॉक्सीजन- कैल्शियम, ऐलुमीनियम, मैग्रीशिय, आयरन तथा सिलिका इसमें शमिल हैं। एम्फीबोल- इसके प्रमुख तत्व ऐलुमीनिय, कैल्शियम, सिलिका, लौह, मैग्नीशियम हैं। अभ्रक- इसमें पोटैशियम, ऐलुमिनीयम, मैग्नीशियम लौह, सिलिका आदि निहित होता है। धात्विक खनिज- इनको तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है: (क) बहुमूल्य धातु, (ख) लौह धातु, (ग) अलौह धातु।
कक्षा 11 भूगोल अध्याय 5 बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्न में से कौन ग्रेनाइट के दो प्रमुख घटक हैं?
निम्न में से कौन सा कायांतरित शैलों का प्रमुख लक्षण है?
निम्न में से कौन सा एकमात्र तत्त्व वाला खनिज नहीं है?
निम्न में से कौन सी शैल अवसादी नहीं है?
भूपृष्ठीय शैलों में प्रमुख प्रकार की शैलों की प्रकृति एवं उनकी उत्पत्ति की पद्धति का वर्णन करें। आप उनमें अंतर स्थापित कैसे करेंगे?
पृथ्वी की पर्पटी शैलों से बनी है। शैलों का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है। शैल कठोर या नरम तथा विभिन्न रंगों हो सकते हैं। जैसे ग्रेनाइट कठोर तथा शैलखड़ी नरम है। चटृानों में सामान्यत:पाए जाने वाले खनिज पदार्थ फेल्डस्पर तथा क्वार्ट्ज हैं। शैलों को उनकी निर्माण पद्धति के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है:
आग्नेय शैल
इसप्रकार के शैल का निर्माण ज्वालामुखी द्वारा बाहर फेंके गए लावा अथवा उष्ण मैग्मा के भूपर्पटी के नीचे ठंडा होने से हुआ है। आग्नेय शैलों के रासायनिक संघटन और गठन के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। मैग्मा के रासायनिक विभेदन के आधार पर आग्नेय शैलें कई प्रकार की होती हैं। आग्नेय शैल के उदाहरण- ग्रेनाइट, बेसाल्ट आदि हैं।
अवसादी शैल
ये विभिन्न शैलों के अपक्षय तथा अपरदन से निम्न क्षेत्रों में प्राप्त अवसादों से निर्मित होती हैं। पवन, जल तथा हिम शैलों को अपरदित करते हैं और अवसाद को निम्न क्षेत्रों में परिवर्तित करते हैं। जब इनका निक्षेप समुद्र में होता है वे संपीडित और कठोर होकर शैल परतों की रचना करते हैं। अवसादी शैल का उदाहरण: चूना-पत्थर, कोयला, बलुआ पत्थर, मृतिका, खडि़या, जिप्सम, खनिज तेल आदि हैं।
कायांतरित शैल
जो शैलें ताप अथवा दाब या फिर दोनों के कारण बनती हैं, वे कायांतरित शैलें कहलाती हैं। ताप तथा दाब शैल की विशेषताओं को नए खनिजों के निर्माण के साथ बदल देते हैं। कायांतरित शैल के प्रमुख उदाहरण: स्लेट, संगमरमर, हीरा, शिस्ट आदि हैं।
शैली चक्र के अनुसार प्रमुख प्रकार की शैलों के मध्य क्या संबंध होता है?
शैली चक्र एक सतत प्रक्रिया होती है, जिसमें पुरानी चटृानें परिवर्तित होकर नवीन रूप लेती हैं। आग्नेय चटृानें तथा अन्य (अवसादी एवं कायंतरित) चटृानें इन प्राथमिक चटृानों से निर्मित होती हैं। आग्नेय चटृानों को कायंतरित चटृानों में परिवर्तित किया जा सकता है। आग्नेय एवं कायंतरित चटृानों से प्राप्त अंशों से अवसादी चटृानों का निर्माण होता है। अवसादी चटृानें अपखंडों में परिवर्तित हो सकती हैं तथा ये अपखंड अवसादी चटृानों के निर्माण का एक स्त्रोत बन जाते हैं।
आग्नेय शैल क्या हैं? आग्नेय शैल के निर्माण की पद्धति एवं लक्षण बताऍं।
आग्नेय शैल का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक भाग के मैग्मा से होता है। अत:, इनको प्राथमिक शैल भी कहते हैं। मैग्मा के ठंडे होकर घनीभूत हो जाने पर बनने वाले ठोस शैल, आग्नेय शैल कहलाते हैं। इसकी बनावट, इसके कार्यों, कणों के आकार एवं व्यवस्था अथवा पदार्थ की भौतिक अवस्था पर निर्भर करती है। यदि पिघले हुए पदार्थ धीरे-धीरे गहराई तक ठंडे होते हैं तो खनिज के कण पर्याप्त बड़े हो सकते हैं। सतह पर हुई आकस्मिक शीतलता के कारण छोटे एवं चिकने कण बनते हैं। शीतलता की मध्यम परिस्थितियॉं होने पर आग्नेय चटृान को बनाने वाले कण मध्यम आकार के हो सकते हैं। ग्रेनाइ, बेसाल्ट, वोल्केनिक ब्रेशिया आदि आग्नेय शैल के उदाहरण हैं।
अवसादी शैल का क्या अर्थ है? अवसादी शैल के निर्माण की पद्धति बताऍं।
अवसादी अर्थात् सेडीमेंटरी शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द सेडिमेंट्स से हुई हैं, जिसका अर्थ है- व्यवस्थित होना। पृथ्वी की सतह की शैलें अपक्षयकारी कारकों के प्रति अनावृत होती हैं, जो विभिन्न आकार के विखंडों में विभाजित होती हैं। ऐसे उपखंडों का विभिन्न बहिर्जनिक कारकों के द्वारा संवहन एवं निक्षेपण होता है। सघनता के द्वारा ये संचित पदार्थ शैलों में परिणत हो जाते हैं। यह प्रक्रिया शिलीभवन कहलाती है। बहुत-सी अवसादी शैल में निक्षेपित परतें शिलीभवन के बाद भी अपनी विशेषताऍं बनाए रखती हैं। इसी कारणवश बालुकाश्म, शैल जैसी अवसादी शैलों में विविध सांद्रता वाली अनेक सतहें होती हैं।
शैल से आप क्या समझते हैं? शैल के तीन प्रमुख वर्गों के नाम बताऍं।
पृथ्वी की पर्पटी चटृानों से बनी है। चटृान का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है। चटृाने कठोर या नरम तथा विभिन्न रंगो की हो सकती हैं। जैसे ग्रेनाइट कठोर तथा सोपस्टोन नरम है। गैब्रो काला तथा कार्टज़ाइट दूधिया श्वेत हो सकता है। शैलों में खनिज घटकों का कोई निश्चित संघटक नहीं होता है। शैलों में सामान्यत: पाए जाने वाले खनिज पदार्थ फेल्डस्पर तथा क्वार्ट्ज हैं। शैलों को निर्माण पद्धति के आधार पर तीन समूहों में विभाजित किया गया है:
- (क) आग्नेय शैल
- (ख) अवसादी शैल
- (ग) कायांतरित शैल।