एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण के अभ्यास के प्रश्न उत्तर हिंदी और अंग्रेजी में सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से मुफ्त डाउनलोड किए जा सकते हैं। कक्षा 11 भूगोल पाठ 4 पुस्तक भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत के इकाई II पृथ्वी के सवाल जवाब सरल भाषा में उचित व्याख्या के साथ यहाँ से प्राप्त करें।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4

महाद्वीपों के प्रवाह के लिए वेगनर ने किन बलो का उल्‍लेख किया?

महाद्वीपीय प्रवाह के लिए वेगनर ने दो बलों का उपयोग किया। पोलर या ध्रुवीय फ्लीइंग बल तथा ज्‍वारीय बल। ध्रुवीय फ्लीइंग बल पृथ्‍वी के घूर्णन से संबधित है। पृथ्‍वी की आकृति एक संपूर्ण गोले जैसी नहीं है वरन यह भूमध्‍य रेखा पर उभरी हुई है। यह उभार पृथ्‍वी के घूर्णन के कारण है। दूसरे बल से वेगनर ने सुझाया कि वह ज्‍वारीय बल है जो सूर्य व चंद्रमा के आकर्षण से संबद्ध है तथा जिससे महासागरों में ज्‍वार पैदा होते हैं। वेगनर का मानना था कि करोड़ों वर्षो के दौरान ये बल प्रभावशाली होकर विस्‍थापन के लिए सक्षम हो गए। वेगनर के तर्क के अनुसार लगभग 20 करोड़ वर्ष पहले इस ब़ड़े महाद्वीप पैंजिया का विभाजन आरंभ हुआ था।

कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4 बहुविकल्पीय प्रश्न

Q1

निम्‍न में से किसने सर्वप्रथम यूरोप, अफ्रीका व अमेरिका के साथ स्थित होने की संभावना व्‍यक्‍त की?

[A]. अल्फ्रेड वेगनर
[B]. अब्राहम आरटेलिअस
[C]. एनटोनियो पेलेग्रिनी
[D]. एडमंड हैस
Q2

पोलर फ्लीइंग बल निम्‍नलिखित में से किससे संबंधित है?

[A]. पृथ्वी का परिक्रमण
[B]. पृथ्वी का घूर्णन
[C]. गुरुत्वाकर्षण
[D]. ज्वारिय बल
Q3

सागरीय अधस्‍तल विस्‍तार सिद्धांत की व्‍याख्‍या करते हुए हेस ने निम्‍न में से किस अवधारणा पर विचार नहीं किया?

[A]. मध्य- महासागरीय कटकों के साथ ज्वालामुखी क्रियाएँ।
[B]. महासागरीय नितल की चट्टनों में सामान्य व उत्क्रमण चुम्बकत्व क्षेत्र की पत्तियों का होना।
[C]. विभिन्न महाद्वीपों में जीवाश्म का वितरण।
[D]. महासागरीय तल की चट्टानों की आयु।
Q4

हिमालय पर्वतों के साथ भारतीय प्‍लेट की सीमा किस तरह की प्‍लेट सीमा है?

[A]. महासागरीय- महाद्वीपीय अभिसरण
[B]. अपसारी सीमा
[C]. रूपांतर सीमा
[D]. महाद्वीपीय- महाद्वीपीय अभिसरण

मैंटल में संवहन धाराओं के आरंभ होने और बने रहने के क्‍या कारण हैं?

संवहन धाराऍं रेडियो एक्टिव तत्‍वों, ताप भिन्‍नता के कारण मैंटल भाग में उत्‍पन्‍न होती हैं। होम्‍स ने तर्क दिया कि पूरे मैंटल भाग में इस प्रकार की धाराओं की तंत्र विद्यमान हैं। यह उन प्रवाह बलों की व्‍याख्‍या प्रस्‍तुत करने का प्रयास था, जिसके आधार पर समकालीन वैज्ञानिकों ने महाद्वीपीय विस्‍थापन सिद्धांत को नकार दिया था।

प्‍लेट की रूपांतर सीमा, अभिसरण सीमा और अपसारी सीमा में मुख्‍य अंतर क्‍या है?

प्‍लेट की रूपांतर सीमा, अभिसरण सीमा और अपसारी सीमा में निम्‍न अंतर हैं:

    • प्‍लेट की रूपांतर सीमा: जहाँ न तो नई पर्पटी का निर्माण होता है और न ही पर्पटी का विनाश होता है, उन्‍हें रूपांतर सीमा कहते हैं।
    • अभिसरण सीमा: जब एक प्‍लेट दूसरी प्‍लेट के नीचे धंसती है और भूपर्पटी नष्‍ट होती है, वह अभिसरण सीमा है।
    • अपसारी सीमा: वह स्‍थान जहाँ से प्‍लेट एक-दूसरे से हटती है, अपसारी सीमा कहलाती है। इसका सबसे अच्‍छा उदाहरण मध्‍य अंटलाटिक कटक है। यहाँ से अमेरिकी प्‍लेटें तथा यूरेशियन व अफ्रीकी प्‍लेटें अलग हो रही हैं। इन्‍हें प्रसारी स्‍थान भी कहा जाता है।
दक्‍कन ट्रेप के निर्माण के दौरान भारतीय स्‍थलखंड की स्थिति क्‍या थी?

आज से लगभग 14 करोड़ वर्ष पहले, यह उपमहाद्वीप सुदूर दक्षिण में 500 दक्षिणी अक्षांश पर स्थित था। इन दो प्रमुख प्‍लेटों को टेथिस सागर अलग करता था और तिब्‍बतीय खंड, एशियाई स्‍थलखंड के करीब था। भारतीय प्‍लेट के यूरेशियन प्‍लेट की तरफ प्रवाह के दौरान एक प्रमुख घटना घटी – वह थी लावा प्रवाह से दक्‍कन ट्रेप का निर्माण होना। ऐसा लगभग 6 करोड़ वर्ष पहले आंरभ हुआ और एक लंबे समय तक यह जारी रहा। यह उपमहाद्वीप तब भी भूमध्‍यरेखा के निकट था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्रक्रिया अभी भी जारी है और हिमालय की ऊँचाई अब भी बढ़ रही है।

महाद्वीपीय विस्‍थापन सिद्धांत व प्‍लेट विवर्तनिक सिद्धांत में मूलभूत अंतर बताइए।

महाद्वीपीय विस्‍थापन सिद्धांत की आधारभूत संरचना यह थी कि सभी महाद्वीप पहले एक ही भूखंड के भागे थे, जिसे पैंजिया नाम दिया गया था। ये भूखंड एक बड़े महासागर से घिरा हुआ था। वेगनर के अनुसार लगभग 20 करोड़ वर्ष पहले पैंजिया का विभाजन आरंभ हुआ। पैंजिया पहले दो बड़े भूखंड लारेशिया और गौडवानालैंड के रूप में विभक्‍त हुआ। इसके बाद लारेशिया व गोंडवानालैंड धीरे-धीरे अनेक छोटे-छोटे हिस्सों में बंट गए जो आज के वर्तमान महाद्वीप के रूप में है।

प्‍लेट विवर्तनिकी सिंद्धात के अनुसार पृथ्‍वी के स्‍थलमंडल को सात मुख्‍य प्‍लेटों व कुछ छोटी प्‍लेटों में विभक्‍त किया जाता है। नवीन वलित पर्वत श्रेणियाँ, खाइयॉं और भ्रंश इन मुख्‍य प्‍लेटों को सीमांकित करते हैं। महाद्वीप एक प्‍लेट का हिस्‍सा हैं और प्‍लेट गतिमान हैं। वेगनर की संकल्‍पना कि केवल महाद्वीप ही गतिमान है, सही नहीं है।

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