एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 11 भूगोल पाठ 2 पुस्तक भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत के इकाई II पृथ्वी के सवाल जवाब चरण दर चरण विस्तार से समझाए गए हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 2

पार्थिव ग्रह चटृानी क्‍यों है?

पार्थिव ग्रह पृथ्‍वी की भांति ही शैलों और धातुओं से बने हैं और अपेक्षाकृत अधिक घनत्‍व वाले हैं। जनक तारे के बहुत नज़दीक होने के कारण तथा अत्याधिक तापमान से इन ग्रहों की गैसें संघनित नही हों पाई अर्थात घनीभूत न हो सकी। छोटे होने के कारण इनकी गुरूत्‍वाकर्षण शक्ति भी कम रही, जिसके फलस्‍वरूप इनसे निकली हुई गैसें इन पर रूक नहीं सकीं। पहले चार ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्‍वी और मंगल पार्थिव ग्रह कहे जाते हैं।

कक्षा 11 भूगोल अध्याय 2 बहुविकल्पीय प्रश्न

Q1

निम्‍नलिखित में से कौन सी संख्‍या पृथ्‍वी की आयु को प्रदर्शित करती है?

[A]. 46 लाख वर्ष
[B]. 4.6 अरब वर्ष
[C]. 13.7 अरब वर्ष
[D]. 13.7 खरब वर्ष
Q2

निम्‍न में से कौन सा तत्‍व वर्तमान वायुमंडल के निर्माण व संशोधन में सहायक नहीं है?

[A]. सौर पवन
[B]. गैस उत्सर्जन
[C]. विभेदन
[D]. प्रकाश संश्लेषण
Q3

निम्‍नलिखित में से भीतरी ग्रह कौन-सें है?

[A]. पृथ्वी व सूर्य के बीच पाए जाने वाले ग्रह
[B]. सूर्य व छुद्र ग्रहों की पट्टी के बीच पाए जाने वाले ग्रह
[C]. वे ग्रह जो गैसीय हैं
[D]. बिना उपग्रह वाले ग्रह
Q4

पृथ्‍वी पर जीवन निम्‍नलिखित में से लगभग कितने वर्षो पहले आंरभ हुआ?

[A]. 1 अरब, 37 करोड़ वर्ष पहले
[B]. 460 करोड़ वर्ष पहले
[C]. 38 वर्ष वर्ष पहले
[D]. 3 अरब, 80 करोड़ वर्ष पहले

विभेदन प्रक्रिया से आप क्‍या समझते हैं?

विभेदन: पृथ्‍वी की उत्‍पति के दौरान और उत्‍पति के तुरंत बाद अत्‍यधिक ताप के कारण पृथ्‍वी के कुछ भाग पिघल गए और तापमान की अधिकता के कारण ही हल्‍के और भारी घनत्‍व के मिश्रण वाले पदार्थ बने। इन पदार्थो के घनत्‍व में अंतर के कारण ये अलग होने शुरू हो गए। इसी अलगाव के दौरान भारी पदार्थ जैसे लोहा, पृथ्‍वी के केन्‍द्र में चले गए और हल्‍के पदार्थ पृथ्‍वी की सतह या ऊपरी भाग की तरह आ गए। समय के साथ ये और ठंडे हुए और ठोस रूप में परिवर्तित होकर छोटे आकार के हो गए। हल्‍के व भारी घनत्‍व वाले पदार्थो के पृथ्रक होने की इस प्रक्रिया को विभेदन कहा जाता है।

प्रारंभिक काल में पृथ्‍वी के धरातल का स्‍वरूप क्‍या था?

प्रारंभ में पृथ्‍वी चटृानी, गर्म और विरान थी। पृथ्‍वी पर प्रारम्भिक दौर मे तापमान इतना अधिक था कि अपने निर्माण के 80 करोड़ वर्ष बाद ही यह पिघल गई थी। उस समय यह ठोस अवस्‍था में न होकर तरल अवस्‍था में थी। इस पर वायुमंडल का घनत्‍व अधिक विरत था। वायुमंडल में केवल हाइड्रोजन और हीलियम गैस विद्यमान थी। इस तरह से आज की पृथ्‍वी और प्रारंभिक दौर की पृथ्‍वी में काफी भिन्‍नता थी। प्रारंभिक दौर की पृथ्‍वी पर कुछ ऐसी घटनाऍं एवं क्रियाएं अवश्‍य हुई होंगी, जिनके कारण चटृानी, वीरान और गर्म पृथ्‍वी एक ऐसे सुंदर ग्रह में परिवर्तित हुई जहाँ बहुत-सा पानी तथा जीवन के लिए अनुकूलन वातावरण उपलब्‍ध हुआ।

बिग बैंग सिद्धांत का विस्‍तार से वर्णन करें।

आधुनिक समय में ब्रह्रांड की उत्‍पति संबंधी सर्वमान्‍य सिद्धांत बिग बैंग सिद्धांत है। इसे विस्‍तारित ब्रह्रांड परिकल्‍पना भी कहा जाता है। 1920 ई. में एडविन हब्‍बल ने प्रमाण दिए कि ब्रह्रांड का विस्‍तार हो रहा है बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार ब्रह्रांड का विस्‍तार निम्‍न अवस्‍थाओं में हुआ है:

    • आरंभ में वे सभी पदार्थ, जिनसे ब्रह्रांड बना है, अति छोटे गोलक के रूप में एक ही स्‍थान पर स्थित‍ थे, जिसका आयतन अत्‍यधिक सूक्ष्‍म एवं तापमान तथा घनत्‍व अनन्‍त था।
    • बिग बैंग की प्रक्रिया इस अति छोटे गोलक में भीषण विस्‍फोट से हुआ। इस प्रकार की विस्‍तृत प्रक्रिया से वृहत विस्‍तार हुआ। वैज्ञानिकों का विश्‍वास है कि बिग बैंग की घटना आज से 13.7 अरब वर्ष पहले हुई थी। ब्रह्रांड का विस्‍तार आज भी जारी है। विस्‍तार के कारण कुछ ऊर्जा पदार्थ में परिवर्तित हो गई।
    • बिंग बैंग से 3 लाख वर्षो के दौरान तापमान 4500° केल्विन तक गिर गया और परमाणवीय पदार्थ का निर्माण हुआ। ब्रह्रांड पारदर्शी हो गया। ब्रंह्राड के विस्‍तार का अर्थ है – आकाशंगगा के बीच की दूरी में विस्‍तार का होना। हॉयल ने इसका विकल्‍प स्थिर अवस्‍था संकल्‍पना के नाम से प्रस्‍तुत किया।
पृथ्‍वी के विकास सबंधी अवस्‍थाओं को बताते हुए हर अवस्‍था/चरण को संक्षेप में वर्णित करें।

पृथ्‍वी का विकास विभिन्‍न अवस्‍थाओं में हुआ है। पृथ्‍वी का निर्माण 460 करोड़ वर्ष पहले हुआ। उस समय पृथ्‍वी तरल अवस्‍था में थी क्‍योंकि पृथ्‍वी पर हाइड्रोजन और हीलियम गैस की अधिकता थी जोकि काफी गर्म थे। बाद में अत्‍यधिक ताप के कारण पृथ्‍वी आंशिक रूप में द्रव अवस्‍था में बदल गई और ताप की अधिकता के कारण ही हल्‍के और भारी घनत्‍व के मिश्रण वाले पदार्थ अलग होना शुरू हो गए। इसी अलगाव से भारी पदार्थ जैसे लोहा पृथ्‍वी के केन्‍द्र में चले गए और हल्‍के पदार्थ पृथ्‍वी की सतह या ऊपरी भाग की तरह आ गए। समय के साथ ये और ठंडे हुए और ठोस रूप में परिवर्तित होकर छोटे आकार के हो गए। धीरे-धीरे ये पृथ्‍वी की भूपर्पटी के रूप में विकसित हो गए। वर्तमान वायुमंडल के विकास की तीन अवस्‍थाऍं हैं। प्रांरभिक वायुमंडल, जिसमें हाइड्रोजन व हीलियम की अधिकता थी, सौर पवन के कारण पृथ्‍वी से दूर हो गया। पृथ्‍वी के ठंडा होने और विभे्दन के दौरान, इसके अंदरूनी भाग से बहुत सी गैसें व जलवाष्‍प बाहर निकले।

इसीसे आज के वायुमंडल का उद्धव हुआ। आंरभ में वायुमंडल में जलवाष्प, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्‍साइट, मीथेन व अमोनिया अधिक मात्रा में तथा स्‍वतंत्र ऑक्‍सीजन बहुत कम थीं। ऐसा माना जाता है कि जीवन का विकास लगभग 380 करोड़ वर्ष पहले आंरभ हुआ। एककोशीय जीवाणु से आज के मनुष्‍य तक जीवन के विकास का सार भू-वैज्ञानिक काल मापक्रम से ज्ञात किया जा सकता है।

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