एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 16 जैव विविधता एवं संरक्षण
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण के सभी प्रश्नों के उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 11 भूगोल पाठ 16 पुस्तक भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत के इकाई VI पृथ्वी पर जीवन के प्रश्न उत्तर हिंदी और अंग्रेजी में यहाँ दिए गए हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 16
कक्षा 11 भूगोल अध्याय 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण के प्रश्न उत्तर
जैव विविधता क्या है?
जैव विविधता दो शब्दों बायो-डाइवर्सिटी के मेल से बना है। बायो का अर्थ है – जीव तथा डाइवर्सिटी का अर्थ-विविधता। साधारण शब्दों में किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाने वाले जीवों की संख्या और उनकी विविधता को जैव विविधता कहते हैं। इसका संबंध पौधों के प्रकार, प्राणियों और सूक्ष्म जीवाणुओं तथा उनकी आनुवांशिकी और उनके द्वारा निर्मित पारितंत्र से है। यह पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीवधारियों के एक ही प्रजाति या विभिन्न प्रजातियों में परिवर्तनशीलता तथा विभिन्न पारितंत्रों में विविधता से संबंधित है। जैव-विविधता वह सजीव संपदा है जो विकास के लाखों वर्षों के इतिहास का परिणाम है।
कक्षा 11 भूगोल अध्याय 16 बहुविकल्पीय प्रश्न
जैव-विविधता का संरक्षण निम्न में किसके लिए महत्वपूर्ण है?
निम्नलिखित में से असुरक्षित प्रजातियॉं कौन सी हैं?
नेशनल पार्क और पशुविहार निम्न में से किस उदेृश्य के लिए बनाए गए हैं?
जैव विविधता समृद्ध क्षेत्र हैं:
जैव विविधता के विभिन्न स्तर क्या हैं?
जैव विविधता को तीन स्तरों में विभक्त किया जा सकता है:
- प्रजातीय जैव विविधता: प्रजातीय जैव विविधता वह है जो आकृति, शरीर क्रियात्मक तथा आनुवांशिक लक्षणों द्वारा प्रतिबिंबित होती है।
- आनुवांशिक जैव विविधता: आनुवांशिक जैव विविधता वह है जो प्रजाति के भीतर आनुवांशिक या अन्य परिवर्तनों से युक्त होती है।
- परितंत्रीय जैव विविधता: परितंत्रीय जैव विविधता जो विभिन्न जैव भोगोलिक क्षेत्रों, जैसे-झील, मरूस्थल, तटीय क्षेत्र, ज्वारदनमुख आदि द्वारा प्रतिबिंबित होती है।
हॉट स्पॉट से आप क्या समझते हैं?
जिन क्षेत्रों में प्रजातीय विविधता अधिक होती है, उन्हें विविधता के हॉट स्पॉट कहते हैं। ऐसे क्षेत्र जो अधिक संकट में हैं, उनमें संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए अंतराष्ट्रीय संघ ने उसे जैव विविधता हॉट स्पॉट क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है। हॉट स्पॉट उनकी वनस्पति के आधार पर पारिभाषित किए गए हैं। पादप महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये ही किसी पारितंत्र की प्राथमिक उत्पादकता को निर्धारित करते हैं।
मानव जाति के लिए जंतुओं के महत्व का वर्णन संक्षेप में करें।
जैव विविधता ने मानव जाति के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है। जंतुओं द्वारा ही पर्यावरण संतुलित रहता है। जंतु मानव जाति के लिए बहुत उपयोगी हैं, जैसे: पेड-पौधों से कई प्रकार की लकड़ियाँ, उद्योगों के लिए कच्चा माल तथा पर्यावरण के संतुलन में भी योगदान मिलता है। पेड-पौधे भूमि के अपरदन को भी रोकते हैं। एक जंतु दूसरे जंतु के आहार के रूप में काम आता है। सभी मनुष्यों के लिए दैनिक जीवन में जैव विविधता एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण भाग फसलों में विविधता है। जैव विविधता को संसाधनों के उन भंडारों के रूप में भी समझा जा सकता है, जिनकी उपयोगिता भोज्य पदार्थ, औषधि और सौन्दर्य प्रसाधन आदि बनाने के लिए किया जाता है। खाघ फसलें, पशु, मत्स्य, वन संसाधन और दवा संसाधन आदि कुछ ऐसे प्रमुख अर्थिक महत्व के उत्पाद हैं जो मानव को जैव विविधता के फलस्वरूप ही प्राप्त होते हैं।
विदेशज प्रजातियों से आप क्या समझते हैं?
वे प्रजातियाँ जो स्थानीय आवास की मूल जैव प्रजाति नहीं हैं, लेकिन उस तंत्र में स्थापित की गई हैं, विदेशज प्रजातियाँ कहलाती हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं, जब विदेशज प्रजातियों के आगमन से पारितंत्र में प्राकृतिक या मूल जैव समुदाय को व्यापक हानि हुई है। पिछले कुछ दशकों से, कुछ जंतुओं, जैसे- बाघ, चीता, हाथी, गैंडा, मगरमच्छ, मिंक और पक्षियों का शिकार उनके सींग व खालों के लिए किया जा रहा है।