एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 8 कोशिका जीवन की इकाई
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 8 कोशिका जीवन की इकाई के प्रश्नों के उत्तर चित्रों सभी हिंदी और अंग्रेजी में यहाँ से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं। 11वीं कक्षा जीव विज्ञान के पाठ 8 के सभी सवाल जवाब शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में दिए गए हैं।
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 8 कोशिका जीवन की इकाई के प्रश्न उत्तर
कोशिका – जीवन की इकाई
कोशिका सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहते हैं।
प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं
प्रोकैरियोटिक कोशिका का मूलभूत संगठन आकार व कार्य में विभिन्नता के बावजूद एक सा होता है। सभी प्रोकैरियोटिक में कोशिका भित्ति होती हैं जो कोशिका झिल्ली से घिरी होती है केवल माइकोप्लाज्मा को छोड़कर। कोशिका में साइटोप्लाज्म एक तरल मैट्रिक्स के रूप में भरा रहता है। इसमें कोई स्पष्ट विभेदित केंद्रक नहीं पाया जाता है। आनुवंशिक पदार्थ मुख्य रूप से नग्न व केंद्रक झिल्ली द्वारा परिबद्ध नहीं होता है। प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं, जीवाणु, नीलहरित शैवाल, माइकोप्लाज्मा और प्ल्यूरो निमोनिया सम जीव मिलते हैं।
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 8 के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
पादप चालनी नलिका कोशिकाओं और अधिकांश स्तनधारी एरिथ्रोसाइट्स की एक सामान्य विशेषता है:
निम्न में से एक का चयन कीजिए जो राइबोसोम के लिए सही नहीं है:
इनमें से कौन यूकेरियोट नहीं है?
निम्नलिखित में से किस अभिरंजक का उपयोग गुणसूत्रों को अभिरंजित करने के लिए नहीं किया जाता है?
राइबोसोम
प्रोकैरियोटिक में राइबोसोम कोशिका की जीवद्रव्यझिल्ली से जुड़े होते हैं। ये 15 से 20 नैनोमीटर आकार की होती हैं और दो उप इकाइयों में 50S व 30S की बनी होती हैं, जो आपस में मिलकर 70S प्रोकैरियोटिक राइबोसोम बनाते हैं। राइबोसोम के उपर प्रोटीन संश्लेषित होती है। बहुत से राइबोसोम एक संदेशवाहक आरएनए से संबद्ध होकर एक शृंखला बनाते हैं। जिसे बहुराइबोसोम अथवा बहुसूत्र कहते हैं। बहुसूत्र का राइबोसोम संदेशवाहक आरएनए से संबद्ध होकर प्रोटीन निर्माण में भाग लेता है।
कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 8 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
गैस रिक्तिकाएं क्या हैं? इनके कार्यों का उल्लेख कीजिए।
गैस रिक्तिकाएं खोखली बेलनाकार संरचनाओं का समुच्चय होती हैं जिन्हें गैस वेसिकल्स कहा जाता है। ये रिक्तिकाऐं प्रोकेरियोटिक कोशिकाओं में पायी जाती हैं, जिनमें वायु भरी रहती हैं। अतः ये उत्प्लावकता प्रदान करने का काम करती हैं।
तारकेन्द्र की कार्टव्हील संरचना पर टिप्पणी कीजिए।
तारककाय एक अंगक है जिसमें आमतौर पर दो बेलनाकार संरचनाएं होती हैं जिन्हें तारककेंद्र कहा जाता है। एक तारककाय में दोनों तारककेंद्र एक दूसरे के लंबवत होते हैं जिसमें प्रत्येक में कार्टव्हील जैसा संगठन होता है। वे ट्यूबुलिन प्रोटीन के नौ समान दूरी वाले परिधीय तंतुओं से बने होते हैं। प्रत्येक परिधीय तंतु एक त्रिक है। आसन्न त्रिक भी जुड़े होते हैं। सेंट्रीओल के समीपस्थ क्षेत्र का मध्य भाग भी प्रोटीन युक्त होता है और केंद्र कहलाता है।
कोशिका सिद्धांत का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
श्लीडेन और श्वान ने मिलकर कोशिका सिद्धांत (1838-39) तैयार किया। हालाँकि, इस सिद्धांत में यह नहीं बताया गया कि नई कोशिकाओं का निर्माण कैसे हुआ। रुडोल्फ विरचो (1855) ने सबसे पहले बताया कि कोशिकाएं विभाजित होती हैं और नई कोशिकाएं पहले से मौजूद कोशिकाओं (ओमनिस सेल्युला-ई सेलुला) से बनती हैं। उन्होंने कोशिका सिद्धांत जैसा कि आज समझा जाता है को अंतिम रूप देने के लिए श्लेडेन और श्वान की परिकल्पना को संशोधित किया। जो निम्न प्रकार है:
(i) सभी जीवित जीव कोशिकाओं और कोशिकाओं के उत्पादों से बने होते हैं।
(ii) सभी कोशिकाएँ पहले से मौजूद कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं।
यूकैरियोटिक कोशिकाएं
यूकैरियोटिक कोशिकाओं में झिल्लीदार अंगकों की उपस्थिति के कारण कोशिकाद्रव्य विस्तृत कक्षयुक्त प्रतीत होता है। यूकैरियोटिक कोशिकाओं में झिल्लीमय केंद्रक आवरण युक्त व्यवस्थित केंद्रक मिलता है। इसके अतिरिक्त यूकैरियोटिक कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार के जटिल गतिकीय एवं कोशिकीय कंकाल जैसी संरचना मिलती है। इनमें आनुवंशिक पदार्थ गुणसूत्रें के रूप में व्यवस्थित रहते हैं। सभी आद्यजीव, पादप, प्राणी व कवक में यूकैरियोटिक कोशिकाएं होती हैं।
कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 8 एमसीक्यू के उत्तर
निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता प्रोकैरियोट्स और कई यूकेरियोट्स के लिए सामान्य है?
प्लाज्मा झिल्ली के द्रव मोज़ेक मॉडल का प्रस्ताव किसने दिया था?
स्रावी कोशिका के लिए निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
टोनोप्लास्ट क्या है?
सूत्रकणिका (माइटोकोंड्रिया)
सूत्रकणिका एक दोहरी झिल्ली युक्त संरचना होती है, जिसकी बाहरी झिल्ली व भीतरी झिल्ली इसकी अवकाशिका को दो स्पष्ट जलीय कक्षों – बाह्य कक्ष व भीतरी कक्ष में विभाजित करती है। भीतरी कक्ष जो घने व समांगी पदार्थ से भरा होता है। आधात्री (मैट्रिक्स) कहते हैं। बाह्यकला सूत्रकणिका की बाह्य सतत सीमा बनाती है। इसकी अन्तःझिल्ली कई आधात्री की तरफ अंतरवलन बनाती है जिसे क्रिस्टी (एक वचन-क्रिस्टो) कहते हैं।
क्रिस्टी इसके क्षेत्रफल को बढ़ाते हैं। इसकी दोनों झिल्लयों में इनसे संबंधित विशेष एंजाइम मिलते हैं, जो सूत्रकणिका के कार्य से संबंधित हैं। सूत्रकणिका का वायवीय श्वसन से संबंध होता हैं। इनमें कोशिकीय ऊर्जा एटीपी के रूप में उत्पादित होती हैं। इस कारण से सूत्रकणिका को कोशिका को शक्ति गृह कहते हैं।