एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 3 वनस्पति जगत
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 3 वनस्पति जगत के अभ्यास के सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 11 के छात्र जीव विज्ञान के पाठ 3 के सभी प्रश्न उत्तर विस्तार से सरल भाषा में यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं।
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 3 वनस्पति जगत के प्रश्न उत्तर
वनस्पति जगत – शैवाल
शैवाल मुख्य रूप से जलीय पौधे हैं। अधिकाशंत: शैवाल समुद्र में उगते हैं जिनको समुद्री वीड कहते हैं। शैवाल की बहुत सी जातियाँ स्वच्छ पानी में उगती हैं जैसे- नदी, झील, तालाब, पोखर व पानी से भरे हुए गड्ढे आदि। इस प्रकार के शैवालों को स्वच्छ जलीय शैवाल कहते हैं शैवाल तीन प्रमुख भागों में विभक्त किया जाता हैः क्लोरोफाइसी, फीयोफाइसी तथा रोडोफाइसी।
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 3 के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
सायनोबैक्टीरिया को निम्नलिखित में से किसके अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है?
दो असमान आकार के युग्मकों का संलयन कहलाता है:
संलग्नक (स्थापनांग) वृंत, तथा प्रपर्ण किसमें पादप कार्य का निर्माण करते हैं?
एक पादप, थैलस स्तर का संगठन प्रदर्शित करता है यह अगुणित होता है तथा इसमें मूलाभास होते हैं। इसे अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए जल की आवश्यकता होती है क्योंकि इसके नर युग्मक गतिशील होते हैं। पहचान कीजिए कि यह किस समूह के अंतर्गत आता है
ब्रायोफाइट
ब्रायोफाइटा वनस्पति जगत का एक बड़ा वर्ग है। इसके अन्तर्गत वे सभी पौधें आते हैं जिनमें वास्तविक संवहन ऊतक नहीं होते, जैसे मोसेस, लिवरवर्ट आदि आते हैं। ब्रायोफाइट को पादप जगत के जलस्थलचर भी कहते हैं, क्योंकि ये भूमि पर भी जीवित रह सकते हैं, किंतु लैंगिक जनन के लिए जल पर निर्भर करते हैं। ये प्रायः नम, सीलन (आर्द्र), तथा छायादार स्थानों पर पाए जाते हैं। ये अनुक्रमण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 3 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
ब्रायोफाइट्स को पादप जगत का उभयचर क्यों कहा जाता है?
ब्रायोफाइट्स को पादप जगत का उभयचर भी कहा जाता है क्योंकि ये पौधे मिट्टी में रह सकते हैं लेकिन यौन प्रजनन के लिए पानी पर निर्भर हैं।
लाइकोपोडियल्स (टेरिडोफाइट्स) के कुछ जीवित सदस्यों में से एक सेलाजिनेला है। इसमें बीज क्यों नहीं बनते हैं?
सेलाजिनेला दो प्रकार के बीजाणु, मैक्रो (बड़े) और सूक्ष्म (छोटे) बीजाणु पैदा करते हैं। मेगास्पोर्स और माइक्रोस्पोर अंकुरित होते हैं और क्रमशः मादा और नर गैमेटोफाइट्स को जन्म देते हैं। लेकिन दीर्घबीजाणुधानी के चारों ओर अध्यावरण की कमी के कारण सेलाजिनेला में बीज का विकास नहीं हो जाता है।
विषमबीजाणुकी टैरिडोफ़ाइट कुछ विशेष प्रकार के अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं जो नग्नबीजियों की बीज प्रवृति के पूर्वगामी हैं। व्याख्या कीजिए।
अधिकांश टेरिडोफाइट्स में सभी बीजाणु समान प्रकार के होते हैं, ऐसे पौधों को समबीजाणुक कहते हैं। सेलाजिनेला, साल्विनिया, मार्सिलिया और एजोला जैसे जेनेरा जो दो प्रकार के बीजाणुओं, मैक्रो (बड़े) और सूक्ष्म (छोटे) बीजाणुओं का उत्पादन करते हैं, विषमबीजाणुकी के रूप में जाने जाते हैं। मेगास्पोर्स और माइक्रोस्पोर अंकुरित होते हैं और क्रमशः मादा और नर गैमेटोफाइट्स को जन्म देते हैं।
इन पौधों में मादा युग्मकोद्भिद् विभिन्न अवधियों के लिए जनक बीजाणुद्भिद् पर बने रहते हैं। युवा भ्रूणों में जाइगोट्स का विकास महिला गैमेटोफाइट्स के भीतर होता है। यह प्रक्रिया नग्नबीजियों की बीज प्रवृति के पूर्वगामी हैं जिसे विकास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।
टैरिडोफाइट
विकास की दृष्टि से ये स्थल पर उगने वाले सर्वप्रथम पौधे हैं, जिनमें संवहन ऊतक-जाइलम तथा फ्लोएम होते हैं। टैरिडोफाइट के अंर्तगत हॉर्सटेल तथा फर्न आते हैं। टैरिडोफाइट ठंडे, गीले, छायादार स्थानों पर पाए जाते हैं। यद्यपि कुछ रेतीली मिट्टी में भी अच्छी तरह उगते हैं। टैरिडोफाइट के चार वर्ग (क्लास) होते हैंः साइलोपसीडा (साइलोटम), लाइकोपसीडा (सिलैजिनेला तथा लाइकोपोडियम), स्फीनोपसीडा (इक्वीसीटम) तथा टीरोपसीडा (ड्रायोप्टैरीस, टैरिस तथा एडिएंटम)।
कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 3 एमसीक्यू के उत्तर
प्रोथैलिस एक प्रकार की
किस समूह के पौधे द्विगुणित होते हैं तथा शुष्क परिस्थितियों में रहने के लिए अनुकूलित होते हैं। इनमें बीजाणुपर्ण सघन होकर एक संरचना बनाते हैं जिसे शंकु कहते हैं। यह समूह कहलाता है:
आवृतबीजी का भ्रूण कोश बना होता है:
यदि किसी सपुष्पी पादप की द्विगुणित संख्या 36 हो, तब इसके भ्रूणपोष में गुणसूत्रें की संख्या क्या होगी?
जिम्नोस्पर्म
जिम्नोस्पर्म, कोई भी संवहनी पौधा जो एक खुले बीज के माध्यम से प्रजनन करता है, या बीजांड – एंजियोस्पर्म, या फूल वाले पौधों के विपरीत, जिनके बीज परिपक्व अंडाशय, या फलों से घिरे होते हैं। कई जिम्नोस्पर्म के बीज (शाब्दिक रूप से, “नग्न बीज”) शंकु में पैदा होते हैं और परिपक्वता तक दिखाई नहीं देते हैं।
एंजियोस्पम
पुष्पी पादपों अथवा एंजियोस्पर्म में परागकण तथा बीजांड विशिष्ट रचना के रूप में विकसित होते हैं जिसे पुष्प कहते हैं। जबकि जिम्नोस्पर्म में बीजांड अनावृत होते हैं। एंजियोस्पर्म पुष्पी पादप हैं, जिसमें बीज फलों के भीतर होते हैं। यह पादपों में सबसे बड़ा वर्ग है। उनके वासस्थान भी बहुत व्यापक हैं। इनका माप सूक्ष्मदर्शी जीवों वुल्फिया से लेकर सबसे ऊंचे वृक्ष यूकेल्पिट्स (100 मीटर से अधिक ऊंचाई) तक होता है। इनसे हमें भोजन, चारा, ईंधन, औषधियाँ तथा अन्य दूसरे आर्थिक महत्त्व के उत्पाद प्राप्त होते हैं। ये दो वर्गों अर्थात द्विबीजपत्री तथा एकबीजपत्री में विभक्त होते हैं।