एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 14 श्वसन और गैसों का विनिमय

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 14 श्वसन और गैसों का विनिमय के सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। कक्षा 11 जीव विज्ञान के छात्र पाठ 14 के प्रश्नों के उत्तर समझने के लिए यहाँ दिए गए एमसीक्यू प्रश्नों को भी अवश्य देखें।

श्वसन और गैसों का विनिमय

जीव जंतुओं की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की उपस्थिति में भोजन के जैविक ऑक्सीकरण होने की क्रिया को श्वसन कहते हैं। इसमें ग्लूकोज का ऑक्सीकरण होता है। कार्बन डाई ऑक्साइड और जल बनते हैं। इस क्रिया में ग्लूकोज में संचित ऊर्जा विभिन्न पदों में मुक्त होती है। श्वसन के प्रकार- यह दो प्रकार की है-(1) अवायवीय श्वसन, (2) वायवीय श्वसन।

कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 14 के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

Q1

कीटों में श्वसन प्रत्यक्ष रूप से होता है क्योंकि:

[A]. उत्तक O₂/ CO₂ का विनिमय सीधे नालियों के वायु से करते हैं।
[B]. उत्तक O₂/ CO₂ का विनिमय सीधे सीलोमी तरल से करते हैं।
[C]. उत्तक O₂/ CO₂ का विनिमय सीधे बाहरी वायु से देह-सतह द्वारा करते हैं।
[D]. श्वसन नलियाँ O₂/ CO₂ का विनिमय सीधे हीमोसील से करते हैं और फिर ये उत्तकों से विनिमय करते हैं।
Q2

नीचे हमारे श्वसन संवहन तंत्र के कार्य बताए गए हैं। इनमें में गलत कथन चुनिए।

[A]. वायु को आर्ह बनाती है।
[B]. वायु को गरमाती है।
[C]. गैसों का विसरण करती है।
[D]. वायु को साफ़ करती है।
Q3

किसी दुर्घटना में एक व्यक्ति के सीने में बिना फेफड़ों को क्षति पहुँचाए सुराख हो जाते हैं। क्या यह श्वसन को प्रभावित करेगा? अगर हाँ तो किस प्रकार?

[A]. साँस की दर में कमी
[B]. साँस की दर में तीव्र वृद्धि
[C]. श्वसन में कोई परिवर्तन नहीं
[D]. साँस का रुक जाना
Q4

यह विदित है कि कार्बन मोनोऑक्साइड का प्राणियों पर दुष्प्रभाव होता है क्योंकि:

[A]. इसके कारण CO₂ परिवहन कम हो जाता है।
[B]. इसके कारण O₂ परिवहन कम हो जाता है।
[C]. इसके कारण CO₂ परिवहन बढ़ जाता है।
[D]. इसके कारण हीमोग्लोबिन नष्ट हो जाता है।

श्वसन के अंग

प्राणियों के विभिन्न वर्गों के बीच श्वसन की क्रियाविधि उनके निवास और संगठन के अनुसार बदलती है। निम्न अकशेरुकी जैसे स्पंज, सीलंटेरेटा, चपटेकृमि आदि O₂ और CO₂ का आदान-प्रदान अपने सारे शरीर की सतह से सरल विसरण द्वारा करते हैं। केंचुए अपनी आर्द्र क्यूटिकल को श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। कीटों के शरीर में नलिकाओं का एक जाल (श्वसन नलिकाएं) होता है जिनसे वातावरण की वायु का उनके शरीर में विभिन्न स्थान पर पहुँचती है ताकि कोशिकाएं सीधे गैसों का आदान-प्रदान कर सकें। जलीय आर्थोपोडा तथा मौलस्का में श्वसन विशेष संवहनीय संरचना क्लोम (गिल) द्वारा होता है, जबकि स्थलचर प्राणियों में श्वसन विशेष संवहनीय थैली फुप्फुस/फेफड़े द्वारा होता है। कशेरुकों में मछलियाँ क्लोम (गिल) द्वारा श्वसन करती हैं जबकि एम्फबिया (उभयचर), सरीसृप,पक्षी और स्तनधारी फेफड़ों द्वारा श्वसन करते हैं। उभयचर जैसे मेंढक अपनी आर्द्र त्वचा (नम त्वचा) द्वारा भी श्वसन कर सकते हैं। स्तनधारियों में एक पूर्ण विकसित श्वसन प्रणाली होती है।

कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 14 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

सिगरेट पीने से वातस्फीति होती है। कारण स्पष्ट कीजिए।

सिगरेट पीने से वायुकोशीय दीवारों को नुकसान होता है जिससे गैसों के आदान-प्रदान के लिए श्वसन सतहों में कमी आती है।

ज्वारीय आयतन क्या है? एक स्वस्थ मनुष्य के लिए एक घंटे के ज्वारीय आयतन (लगभग मात्रा) को आंकलित कीजिए।

यह वायु का वह आयतन है, जो एक श्वासोच्छ्वास के दौरान लिया और छोड़ा जाता है। यह वायु के उस आयतन को व्यक्त करता है, जो एक श्वासोच्छ्वास के दौरान पूरे श्वसन तंत्र में स्थानान्तरित की जाती है। एक घंटे में सामान्य वयस्क व्यक्ति में इसका मान 3.6 × 10⁵ ml से 4.8 × 10⁵ ml होता है।

शरीर में ऑक्सीजन की कमी को क्या कहा जाता है?

शरीर में ऑक्सीजन की कमी को हाइपॉक्सिया कहते हैं। यह स्थिति अधिक ऊँचाई या वायुदाब में कमी या सायनाइड विषाक्तता के कारण होती है।

मानव श्वसन तंत्र

हमारे एक जोड़ी बाह्य नासाद्वार होते हैं, जो होठों के ऊपर बाहर की तरफ खुलते हैं। ये नासा मार्ग द्वारा नासा कक्ष तक पहुँचते हैं। नासा कक्ष ग्रसनी में खुलते हैं। ग्रसनी आहार और वायु दोनों के लिए उभयनिष्ठ मार्ग है। ग्रसनी कंठ द्वारा श्वासनली में खुलती है। श्वासनली एक सीधी नलिका है जो वक्ष गुहाके मध्य तक 5वीं वक्षीय कशेरुकी तक जाकर दाईं और बाईं दो प्राथमिक श्वसनियों में विभाजित हो जाती है। प्रत्येक श्वसनी कई बार विभाजित होते हुए द्वितीयक एवं तृतीयक स्तर की श्वसनी, श्वसनिका और बहुत पतली अंतस्थ श्वसनिकाओं में समाप्त होती हैं। श्वासनली, प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक श्वसनी तथा प्रारंभिक श्वसनिकाएं अपूर्ण उपास्थिल वलयों से आलंबित होती हैं। प्रत्येक अंतस्थ श्वसनिका बहुत सारी पतली अनियमित भित्ति युक्त वाहिकायित थैली जैसी संरचना कूपिकाओं में खुलती है, जिसे वायु कूपिका कहते हैं। श्वसनी, श्वसनिकाओं और कूपिकाओं का शाखित जाल फेफड़ों की रचना करते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 14 एमसीक्यू के उत्तर

Q5

साँस लेने की सामान्य प्रक्रिया के संदर्भ में सही कथन चुनिए।

[A]. अंतःश्वसन एक निष्क्रिम प्रक्रिया है जबकि निःवश्वसन एक सक्रिय प्रक्रिया है।
[B]. अंतःश्वसन एक सक्रिय प्रक्रिया है जबकि निःवश्वसन एक निष्क्रिय प्रक्रिया है।
[C]. अंतःश्वसन और निःवश्वसन दोनों ही सक्रिय प्रक्रियाएँ हैं।
[D]. अंतःश्वसन और निःवश्वसन दोनों ही निष्क्रिय प्रक्रियाएँ हैं।
Q6

एक व्यक्ति बलपूर्वक साँस छोड़ने के बाद बलपूर्वक अंतःश्वसन द्वारा वायु का कुछ आयतन साँस के साथ भीतर ले जाता है। भीतर ले जाई गई वायु की इस मात्रा को क्या कहते हैं?

[A]. फेफड़ों की कुल क्षमता
[B]. ज्वारीय आयतन
[C]. जैव क्षमता
[D]. अंतःश्वसन क्षमता
Q7

हीमोग्लोबिन के साथ O₂ के बंधन होने के संदर्भ में गलत कथन चुनिए।

[A]. pH में वृद्धि से बंधन में गिरावट
[B]. तापमान में वृद्धि से बंधन में गिरावट
[C]. pCO₂ में वृद्धि से बंधन में गिरावट
[D]. डाइफास्फो ग्लिसराइड सांद्रता में वृद्धि से बंधन में गिरावट
Q8

मानवों में सामान्य साँस लेने में अंतर्निहित पेशियों की सही जोड़ी चुनिए।

[A]. बाह्य और आंतरिक अंतरापर्शुक पेशियाँ
[B]. डायाफ्राम और उदरीय पेशियाँ
[C]. डायाफ्राम और बाह्य अंतरापर्शुक पेशियाँ
[D]. डायाफ्राम और आंतरिक अंतरापर्शुक पेशियाँ

गैसों का विनिमय

कुपिकाएं गैसों के विनिमय के लिए प्राथमिक स्थल होती हैं। गैसों का विनिमय रक्त और ऊतकों के बीच भी होता है। इन स्थलों पर O₂ और CO₂ का विनिमय दाब अथवा सांद्रता प्रवणता के आधार पर सरल विसरण द्वारा होता है। गैसों की घुलनशीलता के साथ-साथ विसरण में सम्मिलित झिल्लियों की मोटाई भी विसरण की दर को प्रभावित करने वाले कुछ महत्वपूर्ण घटक हैं। गैसों के मिश्रण में किसी विशेष गैस की दाब में भागीदारी को आंशिक दाब कहते हैं और उसे ऑक्सीजन तथा कार्बनडाइऑक्साइड के लिए क्रमशः pO₂ तथा pCO₂ द्वारा दर्शाते हैं।

ऑक्सीजन का परिवहन

हीमोग्लोबिन लाल रक्त कणिकाओं में स्थित एक लाल रंग का लौहयुक्त वर्णक है। हीमोग्लोबिन के साथ उत्क्रमणीय ढंग से बंधकर ऑक्सीजन ऑक्सी-हीमोग्लोबिन का गठन कर सकता है। प्रत्येक हीमोग्लोबिन अणु अधिकतम चार O₂ अणुओं को वहन कर सकते हैं। हीमोग्लोबिन के साथ ऑक्सीजन का बंधना प्राथमिक तौर पर O₂ के आंशिक दाब से संबंधित है। CO₂ का आंशिक दाब हाइड्रोजन आयन सांद्रता और तापक्रम कुछ अन्य कारक हैं जो इस बंधन को बाधित कर सकते हैं। इससे स्पष्ट है कि O₂ हीमोग्लोबिन से फेफड़ों की सतह पर बँधता है और ऊतकों में वियोजित हो जाती है। प्रत्येक 100 मिली- ऑक्सीजनित रक्त सामान्य शरीर क्रियात्मक स्थितियों में ऊतकों को लगभग 5 मिली- O₂ प्रदान करता है।

कार्बनडाइऑक्साइड का परिवहन

कार्बनडाइऑक्साइड (CO₂ ) हीमोग्लोबिन द्वारा कार्बामीनो-हीमोग्लोबिन (लगभग 20-25 प्रतिशत) के रूप में वहन की जाती है। यह बंधनीयता (बंधन) CO2 के आंशिक दाब से संबंधित होती है। pO₂ इस बंधन को प्रभावित करने वाला एक मुख्य कारक है ऊतकों में उच्च pCO₂ और निम्न pO₂ की अवस्था होने से हीमोग्लोबिन से CO₂ का बंधन होता है जबकि कूपिका में, जहाँ pCO₂ निम्न और pO₂ उच्च होता है, कार्बामीनो-हीमोग्लोबिन से CO₂ का वियोजन होने लगता है अर्थात् ऊतकों में हीमोग्लोबिन से बंधित CO₂ कूपिका में मुक्त हो जाती है। एंजाइम कार्बोनिक एन्हाइड्रेज की सांद्रता लाल रक्त कणिकाओं में उच्च और प्लाज्मा में अल्प होती है। इस एंजाइम से प्रतिक्रिया दोनों दिशाओं में सुगम रूप से होती है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 14
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 14 श्वसन और गैसों का विनिमय
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 14 के प्रश्न उत्तर
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