एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 12 पादप में शवसन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 12 पादप में शवसन के प्रश्न उत्तर, एमसीक्यू, महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थी जीव विज्ञान में पाठ 12 के लिए यहाँ दी गई अध्ययन सामग्री का प्रयोग करके अपनी परीक्षा की तैयारी आसानी से कर सकते हैं।
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 12 पादप में शवसन के प्रश्न उत्तर
पादप में श्वसन
पादपों में प्राणियों की तरह गैसीय आदान-प्रदान हेतु विशिष्ट अंग नहीं होते, बल्कि उनमें इस उद्देश्य हेतु रंध्र व वातरंध्र मिलते हैं। पौधे बिना श्वसन अंग के कैसे श्वसन करते हैं, इसके कई कारण हो सकते हैं। प्रथम कारण यह है कि पादपों का प्रत्येक भाग अपनी गैसीय आदान-प्रदान की आवश्यकता का ध्यान रखता है। पादपों के एक भाग से दूसरे भाग में गैसों का परिवहन बहुत कम होता है। दूसरा कारण यह है कि पादपों में गैसों के आदान-प्रदान की बहुत अधिक मांग नहीं होती। पादप के विभिन्न भागों में मूल, तना व पत्ती में श्वसन, जंतुओं की अपेक्षा बहुत ही धीमी दर से होता है। केवल प्रकाश-संश्लेषण के दौरान गैसों का अत्यधिक आदान-प्रदान होता है तथा प्रत्येक पत्ती, पूर्णतया इस प्रकार से अनुकूलित होती है कि इस अवधि के दौरान अपनी आवश्यकता का ध्यान रखती है। जब कोशिका श्वसन करती है।
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 12 के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
वायुवीय जीवों में श्वसन का अंतिम इलेक्टॅानग्राही कौन है?
ग्लाइकोलायसिस के दौरान ग्लुकोज का फ़ॉस्फ़ोरिलनकरण किसके द्वारा उत्प्रेरित होता है?
पायरुविक अम्ल ग्लाइकोलायसिस का मुख्य उत्पाद है जिसके बहुत से उपापचयी परिणाम हैं। वायुवीय परिस्थितियों में यह क्या निर्मित करता है?
इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट सिस्टम (ETS) माइटोकांड्रिया के किस भाग में स्थित रहता है?
ग्लाइकोलिसिस
ग्लाइकोलिसिस शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द ग्लाइकोस अर्थात् शर्करा एवं लाइसिस अर्थात् टूटना से हुआ है। ग्लाइकोलिसिस की प्रक्रिया गुस्ताव इंबेडेन, ओटो मेयर हॉफ तथा जे पारानास द्वारा दिया गया तथा इसे सामान्यतः इएमपी पाथ कहते हैं। अनाक्सी जीवों में साँस की केवल यही प्रक्रिया है। ग्लाइकोलिसिस कोशिका द्रव्य में संपन्न होता है और यह सभी सजीवों में मिलता है। इस प्रक्रिया में ग्लूकोज आंशिक ऑक्सीकरण द्वारा पाइरुविक अम्ल के दो अणुओं में बदल जाता है। पादपों में यह ग्लूकोज सुक्रोज से प्राप्त होता है जो कि प्रकाश संश्लेषित कार्बन अभिक्रियाओं का अंतिम उत्पाद है या संचयित कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त होता है। सुक्रोज इंवर्टेस नामक एंजाइम की सहायता से ग्लूकोज तथा फ्रक्टोज में परिवर्तित हो जाता है। ये दोनों मोनोसैकेराइड्स सरलता से ग्लाइकोलाइटिक चक्र में प्रवेश कर जाते हैं।
कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 12 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
कथन “आक्सी श्वसन अधिक कुशल है” का क्या अर्थ है?
वायवीय श्वसन अधिक कुशल है क्योंकि किण्वन केवल ग्लूकोज के आंशिक विघटन के लिए होता है, जबकि एरोबिक श्वसन में यह पूरी तरह से C0₂ और H₂0 में अवक्रमित हो जाता है। इसके अलावा, किण्वन में पाइरुविक अम्ल में अपघटित ग्लूकोज के प्रत्येक अणु के लिए एटीपी के केवल दो अणुओं का शुद्ध लाभ होता है, जबकि एरोबिक परिस्थितियों में एटीपी के कई और अणु उत्पन्न होते हैं।
मनुष्य और खमीर में अवायवीय श्वसन कब होता है?
एल्कोहलिक किण्वन (खमीर द्वारा) में, ग्लूकोज का अधूरा ऑक्सीकरण अवायवीय परिस्थितियों में अभिक्रियाओं के सेट द्वारा होता है जहां पाइरुविक एसिड इथेनॉल और CO₂ में परिवर्तित हो जाता है।
PA ⟶ इथेनॉल + C0₂
जीव कोशिकाओं में भी, व्यायाम के दौरान मांसपेशियों में, जब ऑक्सीजन कोशिकीय श्वसन के लिए अपर्याप्त होता है तो पाइरुविक अम्ल लैक्टिक अम्ल में अपचयित हो जाता है।
पौधों के गमलों को रात के समय सोने के कमरे में नहीं रखना चाहिए, क्यों?
पौधों में रात के समय श्वसन के दौरान बनी CO₂ का प्रयोग प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में नहीं हो पाता, जिसके कारण कमरे में CO₂ की सान्द्रता बढ़ जाती है, जो कि जीवों के लिए हानिकारक है इस कारण रात को सोने के कमरे में पौधों को नहीं रखना चाहिए।
किण्वन
किण्वन में यीस्ट द्वारा ग्लूकोज का अनाक्सी परिस्थितियों में अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है। जिसमें अभिक्रियाओं के विभिन्न चरणों द्वारा पायरुविक अम्ल, कार्बनडाइऑक्साइड तथा इथेनोल में परिवर्तित हो जाता है। एंजाइम पायरुविक अम्ल डिकार्बोविसलेज एवं एल्कोहल डिहाइड्रोजिनेस इस अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है। दूसरे जीव जैसे कुछ बैक्टीरिया पायरुविक अम्ल से लैक्टिक अम्ल का निर्माण करते हैं।
कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 12 एमसीक्यू के उत्तर
निम्नलिखित में कौन श्वसन की उच्चतम दर को प्रदर्शित करता है?
सही कथन का चयन कीजिए।
माइटोकांड्रिया कोशिका का पावर-हाउस कहलाता है। इस कथन के पक्ष में निम्नलिखित में कौन-सा परीक्षण है?
ऑक्सीकृत फ़ास्फ़ोरिलन के अंतिम उत्पाद क्या हैं?
ऑक्सी श्वसन (साँस)
वह क्या प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव में ग्लूकोज का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है,और इस दौरान मुक्त ऊर्जा कोशिकीय उपापचय की आवश्यकता के अनुसार बहुत से एटीपी अणुओं का संश्लेषण करती है। यूकैरियोट में ये सभी चरण माइटोकोन्ड्रिया में संपन्न होते हैं। जिसके लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। ऑक्सी साँस वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा रासायनिक पदार्थों का ऑक्सीजन की उपस्थिति में पूर्ण ऑक्सीकरण होता है तथा जिसके पश्चात् कार्बनडाइऑक्साइड, जल तथा ऊर्जा निकलती है। इस प्रकार का साँस सामान्यतया उच्च जीवों में मिलता है।
ऐंफीबोलिक पथ
साँस के लिए ग्लूकोज अनुकूल क्रियाधार है श्वसन में सभी कार्बोहाइड्रेट उपयोग में लाने से पहले ग्लूकोज में परिवर्तित होते हैं। जैसे कि पहले बताया जा चुका है कि दूसरे क्रियाधार भी साँस में प्रयोग किए जा सकते हैं। किंतु तब वे साँस के पहले चरण में उपयोग में नहीं आते हैं। वसा सबसे पहले ग्लिसरेल तथा वसीय अम्ल में विघटित होता है। यदि वसीय अम्ल साँस के उपयोग में आता है तो वह पहले एसीटाइल सह-एंजाइम बनकर पथ में प्रवेश करता है। ग्लिसरेल पहले पीजीएएल (PGAL) में परिवर्तित होकर श्वसन पथ में प्रवेश करता है। प्रोटीन प्रोटिएज एंजाइम द्वारा विघटित होकर अमीनो अम्ल बनाता है। प्रत्येक अमीनो अम्ल (विऐमीनीकरण के बाद) अपनी संरचना के आधार पर क्रेब्स चक्र के अंदर विभिन्न चरणों में प्रवेश करता है।