एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित प्रश्नावली 3.1
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित अध्याय 3 प्रश्नावली 3.1 दो चर वाले रैखिक समीकरण युग्म के हल सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। 10वीं गणित के छात्र प्रश्नों के हल के लिए पीडीएफ तथा विडियो दोनों की मदद से प्रत्येक प्रश्न को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। प्रश्नों को विस्तार से समझाया गया है ताकि छात्रों को आसानी से समझ आ सके।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित अध्याय 3 प्रश्नावली 3.1
कक्षा 10 गणित अध्याय 3 प्रश्नावली 3.1 के लिए एनसीईआरटी समाधान
रैखिक समीकरण युग्म का ग्राफीय विधि से हल
एक रैखिक समीकरण युग्म को कैसे ग्राफीय रूप में दो रेखाओं में व्यक्त किया जाता है। आपने यह भी देखा है कि ये रेखाएँ प्रतिच्छेद कर सकती हैं या समांतर हो सकती हैं या संपाती हो सकती हैं। इस स्थिति को निरूपित करने वाले समीकरण ज्यामितीय रूप से बिंदु (4, 2) पर प्रतिच्छेद करने वाली दो रेखाओं को निरूपित करते हैं। इसलिए, बिंदु (4, 2) दोनों समीकरणों x – 2y = 0 और 3x + 4y = 20 को निरूपित करने वाली रेखाओं पर स्थित है और केवल यही उभयनिष्ठ बिंदु है।
रैखिक समीकरण युग्म का बीजगणितीय विधि से सत्यापन
हम बीजगणितीय रूप से यह सत्यापित करेंगे कि x = 4, y = 2 दिए हुए समीकरण युग्म का एक हल है। प्रत्येक समीकरण में x और y के मान रखने पर,
हम प्राप्त करते हैं 4 – 2 × 2 = 0 और 3 × 4 + 4 × 2 = 20 है।
अतः, हमने सत्यापित किया है कि x = 4, y = 2 दोनों समीकरणों का एक हल है।
चूँकि (4, 2) दोनों रेखाओं का केवल एक उभयनिष्ठ बिंदु है, इसलिए दो चरों में रैखिक समीकरण युग्म का एक और केवल एक हल है।
रैखिक समीकरणों का असंगत युग्म
एक रैखिक समीकरण युग्म, जिसका कोई हल नहीं होता, रैखिक समीकरणों का असंगत युग्म कहलाता है।
रैखिक समीकरणों का संगत युग्म
एक रैखिक समीकरण युग्म, जिसका हल होता है, रैखिक समीकरणों का संगत युग्म कहलाता है।
दो चरों के रैखिक समीकरणों का आश्रित युग्म
तुल्य रैखिक समीकरणों के एक युग्म के अपरिमित रूप से अनेक हल होते हैं। इस युग्म को दो चरों के रैखिक समीकरणों का आश्रित युग्म कहते हैं। ध्यान दीजिए कि रैखिक समीकरणों का आश्रित युग्म सदैव संगत होता है।
कक्षा 10 गणित प्रश्नावली 3.1 के मुख्य तथ्य
अब हम दो चरों में एक रैखिक समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाओं के व्यवहार को तथा हल के अस्तित्व होने को निम्न प्रकार से एक सारांश के रूप में व्यक्त कर सकते हैंः
- (i) रेखाएँ एक बिंदु पर प्रतिच्छेद कर सकती हैं। इस स्थिति में, समीकरण युग्म का अद्वितीय हल होता है (अविरोधी समीकरण युग्म)।
- (ii) रेखाएँ समांतर हो सकती हैं। इस स्थिति में, समीकरणों का कोई हल नहीं होता है (असंगत समीकरण युग्म)।
- (iii) रेखाएँ संपाती हो सकती हैं। इस स्थिति में, समीकरणों के अपरिमित रूप से अनेक हल होते हैं [आश्रित (संगत) समीकरण युग्म]।